लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी ने झांसी लोकसभा सीट पर पार्टी की वरिष्ठ नेता उमा भारती के चुनाव न लड़ने के इंकार के बाद शनिवार को एक गैर-राजनीतिक व्यक्ति को चुनाव मैदान में उतारा है. एक आयुर्वेद कंपनी के मालिक अनुराग शर्मा को पार्टी ने झांसी से अपना उम्मीदवार घोषित किया है.
खास बात यह है कि अनुराग शर्मा को आरएसएस के निर्देश पर टिकट मिला और वह अभी तक भारतीय जनता पार्टी के न तो किसी पद पर थे और न ही बीजेपी के प्राथमिक सदस्य. बीजेपी ने जिस अनुराग शर्मा को झांसी से लोकसभा सीट पर उतारा है, वह विशुद्ध रूप से एक व्यवसायी हैं और गैर-राजनीतिक व्यक्ति हैं.
बीजेपी के विश्वस्त सूत्रों का दावा है कि अनुराग शर्मा को टिकट राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के निर्देश पर दिया गया है क्योंकि अनुराग शर्मा के पिता विश्वनाथ शर्मा भी एक आयुर्वेद कंपनी चलाते थे. वह 1980 में झांसी लोकसभा सीट पर बीजेपी के टिकट पर चुनाव जीते थे. विश्वनाथ शर्मा आरएसएस की पृष्ठभूमि से रहे हैं. उनके निधन के बाद उनकी आयुर्वेद कंपनी का आधिपत्य उनके बेटे अनुराग शर्मा के पास चला गया और वह भी कंपनी चलाते रहे हालांकि बीजेपी में नहीं रहे. न तो बीजेपी के किसी कार्यक्रम में दिखे और न ही किसी दायित्व पर रहे. प्राथमिक सदस्य भी नहीं रहे, ऐसे में उन्हें टिकट दिया जाना पार्टी कार्यकर्ताओं को नहीं पच रहा है.
पार्टी सूत्र नाम न लिखने की शर्त पर बताते हैं कि झांसी में आने वाले दिनों में इसको लेकर बगावत भी देखने को मिल सकती है क्योंकि पार्टी में तमाम ऐसे नेता और कार्यकर्ता हैं, जिन्हें चुनाव लड़ाया जा सकता था लेकिन पार्टी ने एक गैर-राजनैतिक व्यवसायी व्यक्ति को चुनाव मैदान पर उतार दिया, जो पार्टी में प्राथमिक सदस्य भी नहीं रहा.
झांसी महानगर के अध्यक्ष जमुना कुशवाहा ने ईटीवी से बातचीत में बताया कि अनुराग शर्मा को पार्टी ने टिकट दिया है हालांकि वह उनकी जानकारी के अनुसार, अभी तक न तो किसी दायित्व पर थे, न ही बीजेपी के प्राथमिक सदस्य. पार्टी का फैसला है, वह सबको मान्य है.