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UP Assembly Elections 2022: 'माइक्रो लेवल बूथ मैनेजमेंट' की रणनीति पर BJP का फोकस

यूपी विधानसभा चुनाव (UP Assembly Elections 2022) से ठीक पहले पंचायत चुनावों में मिली प्रचंड जीत से बीजेपी लबरेज है. अब पार्टी विधानसभा चुनाव 2022 में अपनी बादशाहत कायम रखने के लिए कमर कस रही है. पार्टी 'माइक्रो लेवल बूथ मैनेजमेंट' (Micro Level Booth Management) की रणनीति पर फोकस कर मतदाताओं के बीच अपनी पैठ बनाने पर ध्यान दे रही है.

माइक्रो लेवल बूथ मैनेजमेंट पर जुटी बीजेपी.
माइक्रो लेवल बूथ मैनेजमेंट पर जुटी बीजेपी.
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Published : Jul 11, 2021, 6:04 PM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में जिला पंचायत अध्यक्ष (Zilla Panchayat President) और ब्लॉक प्रमुख (Block Pramukh) की सीटों पर कब्जा करने वाली बीजेपी अब विधानसभा चुनाव 2022 (UP Assembly Elections 2022) में अपनी सत्ता बरकरार रखने के लिए तैयारियों में जुट गई है. पार्टी विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज करने के लिए अपने संगठन को मजबूत करने पर ध्यान दे रही है. पार्टी 'माइक्रो लेवल बूथ मैनेजमेंट' (Micro Level Booth Management) की रणनीति पर फोकस करते हुए बूथ संगठन को मजबूत करने को लेकर सक्रिय है. राजनीतिक विश्लेषक दिलीप अग्निहोत्री कहते हैं कि भारतीय जनता पार्टी अपने संगठन तंत्र को मजबूत करने पर ध्यान दे रही है, ताकि 2022 के विधानसभा चुनाव में संगठन तंत्र की मजबूती का उसे पूरा फायदा मिल सके.

संगठन तंत्र की मजबूती पर भाजपा का फोकस

संगठन की दृष्टि से भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) का संगठन अन्य विपक्षी दलों की तुलना में काफी मजबूत माना जाता है. अपने संगठन तंत्र के आधार पर ही बीजेपी पूर्व में भी अपनी सरकार बनाती रही है. पार्टी का संगठन निचले स्तर तक है. अब इसी संगठन तंत्र को और मजबूती प्रदान करने के लिए पार्टी एक बार फिर सक्रियता के साथ काम करना शुरू कर रही है.

माइक्रो लेवल बूथ मैनेजमेंट पर स्पेशल रिपोर्ट.


भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महामंत्री संगठन सुनील बंसल (State General Secretary Organization of BJP) के निर्देशन में बूथ स्तर के संगठन को मजबूत करने के दिशा-निर्देश दिए गए हैं. राजनीति के जानकार मानते हैं कि महामंत्री संगठन सुनील बंसल माइक्रो लेवल बूथ मैनेजमेंट के माहिर माने जाते हैं, और भारतीय जनता पार्टी उनके इस प्लान के आधार पर पूर्ववर्ती चुनाव में जीत भी दर्ज कर चुकी है. अब जब विधानसभा चुनाव 2022 को लेकर सभी राजनीतिक दलों ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं, तो भारतीय जनता पार्टी भी अपने संगठन तंत्र को बूथ स्तर तक चुस्त-दुरुस्त करने पर ध्यान दे रही है.

इसे भी पढ़ें-बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी पर सरकार से खफा बसपा सुप्रीमो मायावती, कहा- दुखद स्थिति है

एक बूथ में 10 कार्यकर्ता

बीजेपी ने बूथ स्तर के संगठन को मजबूत करने के लिए अपने सभी जिलाध्यक्ष, महानगर अध्यक्ष, जिला प्रभारियों और अन्य पार्टी पदाधिकारियों को निर्देशित किया है. ये सभी बूथ स्तर के संगठन की समीक्षा करेंगे. माइक्रो लेवल बूथ मैनेजमेंट स्तर पर एक बूथ में 10 कार्यकर्ताओं को जोड़ने के निर्देश हैं. पार्टी निचली कमेटी के आधार पर मतदाताओं से संपर्क और संवाद स्थापित करेगी. कार्यकर्ता सरकार और संगठन की योजनाओं को लोगों के बीच रखेंगे. आपको बता दें कि बूथ स्तरीय मीडिया ही मतदाताओं को मतदानस्थल तक ले जाने का काम करती है.


इसे भी पढ़ें-यूपी पंचायत चुनाव: 'शिखर' पर पहुंचने का था दावा, 'शून्य' पर रह गई कांग्रेस


राजनीतिक विश्लेषक (political analyst) प्रोफेसर दिलीप अग्निहोत्री कहते हैं कि संगठन तंत्र की मजबूती भारतीय जनता पार्टी में अच्छी मानी जाती है. भाजपा में बूथ स्तर संगठन को अधिक महत्व दिया जाता है. पार्टी अपने संगठन के दम पर ही सामाजिक सरोकार से जुड़े काम करती है. स्वाभाविक सी बात है इसका भाजपा को सियासी लाभ होता है. संगठन के दम पर ही भारतीय जनता पार्टी अपनी सरकार बनाती है. दिलीप अग्निहोत्री आगे कहते हैं कि भाजपा जैसा संगठन तंत्र किसी दूसरे राजनीतिक दल के पास नहीं है. बीजेपी संगठन तंत्र के सहारे चुनाव मैदान में जाती है.

इसे भी पढ़ें-मुख्यमंत्री आवास पर सोमवार से होगा 'जनता दर्शन' कार्यक्रम

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता (State Spokesperson of Bharatiya Janata Party) राकेश त्रिपाठी कहते हैं कि भाजपा एकमात्र ऐसा राजनीतिक दल है जो अपनी नीतियों, योजनाओं और कार्यक्रमों को अपने संगठन तंत्र के आधार पर जनता तक पहुंचाने का काम करती है. चुनाव से पूर्व या बाद में भी पार्टी बूथ समितियों को लगातार एक्टिव करने का काम करती है. भाजपा के पास सभी बूथों पर समितियां हैं, जिनका सत्यापन हो चुका है. बूथ स्तर पर जितनी भी समितियां हैं वो अलग-अलग मोर्चा प्रकोष्ठ के कार्यकर्ताओं को साथ लेकर चुनावी रणनीति बनाकर चुनाव मैदान में जनता के साथ संवाद करेंगी. हम किसी जाति या गठजोड़ बनाकर चुनाव मैदान में नहीं जाते. यही कारण है कि भारतीय जनता पार्टी चुनाव में सकारात्मक परिणाम लेकर आ रही है.

लखनऊ: उत्तर प्रदेश त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में जिला पंचायत अध्यक्ष (Zilla Panchayat President) और ब्लॉक प्रमुख (Block Pramukh) की सीटों पर कब्जा करने वाली बीजेपी अब विधानसभा चुनाव 2022 (UP Assembly Elections 2022) में अपनी सत्ता बरकरार रखने के लिए तैयारियों में जुट गई है. पार्टी विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज करने के लिए अपने संगठन को मजबूत करने पर ध्यान दे रही है. पार्टी 'माइक्रो लेवल बूथ मैनेजमेंट' (Micro Level Booth Management) की रणनीति पर फोकस करते हुए बूथ संगठन को मजबूत करने को लेकर सक्रिय है. राजनीतिक विश्लेषक दिलीप अग्निहोत्री कहते हैं कि भारतीय जनता पार्टी अपने संगठन तंत्र को मजबूत करने पर ध्यान दे रही है, ताकि 2022 के विधानसभा चुनाव में संगठन तंत्र की मजबूती का उसे पूरा फायदा मिल सके.

संगठन तंत्र की मजबूती पर भाजपा का फोकस

संगठन की दृष्टि से भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) का संगठन अन्य विपक्षी दलों की तुलना में काफी मजबूत माना जाता है. अपने संगठन तंत्र के आधार पर ही बीजेपी पूर्व में भी अपनी सरकार बनाती रही है. पार्टी का संगठन निचले स्तर तक है. अब इसी संगठन तंत्र को और मजबूती प्रदान करने के लिए पार्टी एक बार फिर सक्रियता के साथ काम करना शुरू कर रही है.

माइक्रो लेवल बूथ मैनेजमेंट पर स्पेशल रिपोर्ट.


भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महामंत्री संगठन सुनील बंसल (State General Secretary Organization of BJP) के निर्देशन में बूथ स्तर के संगठन को मजबूत करने के दिशा-निर्देश दिए गए हैं. राजनीति के जानकार मानते हैं कि महामंत्री संगठन सुनील बंसल माइक्रो लेवल बूथ मैनेजमेंट के माहिर माने जाते हैं, और भारतीय जनता पार्टी उनके इस प्लान के आधार पर पूर्ववर्ती चुनाव में जीत भी दर्ज कर चुकी है. अब जब विधानसभा चुनाव 2022 को लेकर सभी राजनीतिक दलों ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं, तो भारतीय जनता पार्टी भी अपने संगठन तंत्र को बूथ स्तर तक चुस्त-दुरुस्त करने पर ध्यान दे रही है.

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एक बूथ में 10 कार्यकर्ता

बीजेपी ने बूथ स्तर के संगठन को मजबूत करने के लिए अपने सभी जिलाध्यक्ष, महानगर अध्यक्ष, जिला प्रभारियों और अन्य पार्टी पदाधिकारियों को निर्देशित किया है. ये सभी बूथ स्तर के संगठन की समीक्षा करेंगे. माइक्रो लेवल बूथ मैनेजमेंट स्तर पर एक बूथ में 10 कार्यकर्ताओं को जोड़ने के निर्देश हैं. पार्टी निचली कमेटी के आधार पर मतदाताओं से संपर्क और संवाद स्थापित करेगी. कार्यकर्ता सरकार और संगठन की योजनाओं को लोगों के बीच रखेंगे. आपको बता दें कि बूथ स्तरीय मीडिया ही मतदाताओं को मतदानस्थल तक ले जाने का काम करती है.


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राजनीतिक विश्लेषक (political analyst) प्रोफेसर दिलीप अग्निहोत्री कहते हैं कि संगठन तंत्र की मजबूती भारतीय जनता पार्टी में अच्छी मानी जाती है. भाजपा में बूथ स्तर संगठन को अधिक महत्व दिया जाता है. पार्टी अपने संगठन के दम पर ही सामाजिक सरोकार से जुड़े काम करती है. स्वाभाविक सी बात है इसका भाजपा को सियासी लाभ होता है. संगठन के दम पर ही भारतीय जनता पार्टी अपनी सरकार बनाती है. दिलीप अग्निहोत्री आगे कहते हैं कि भाजपा जैसा संगठन तंत्र किसी दूसरे राजनीतिक दल के पास नहीं है. बीजेपी संगठन तंत्र के सहारे चुनाव मैदान में जाती है.

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