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UP Election 2022: अब बिना बैनर के ब्राह्मण समाज को एकजुट करने में जुटी भाजपा, जानिए क्या है रणनीति?

यूपी विधानसभा चुनाव 2022 (UP Assembly Election 2022) से पहले एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी ने ब्राह्मण समाज को एकजुट करने की कवायद शुरू की है. इस बार दूसरों के बैनर तले इस लक्ष्य को हासिल करने की योजना बनाई है.

ब्राह्मण समाज को एकजुट करने में जुटी भाजपा.
ब्राह्मण समाज को एकजुट करने में जुटी भाजपा.
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Published : Nov 13, 2021, 5:04 PM IST

लखनऊ: यूपी विधानसभा चुनाव 2022 (UP Assembly Election 2022) में अपने परंपरागत ब्राह्मण वोटों के दूर जाने का डर भारतीय जनता पार्टी को सता रहा है. प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन कर चुकी भाजपा अब नए सिरे से योजना बनाकर दूर जा रहे ब्राह्मण समाज को नजदीक लाने के प्रयास में जुटी हुई है. इसको लेकर रविवार को एक बड़ा आयोजन होगा.

ब्राह्मण समाज को एकजुट करने में जुटी भाजपा.

कानपुर रोड के अवस्थी लॉन में आयोजित इस कार्यक्रम में केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ भाजपा के अनेक नेता जुटेंगे. यह आयोजन तो केवल एक नजीर है, अभी चुनाव से पहले ब्राह्मणों को जोड़ने वाले दर्जनों और आयोजन भारतीय जनता पार्टी करेगी. जिसमें सीधे तौर पर भाजपा के बैनर का इस्तेमाल नहीं होगा. भाजपा इसमें अलग-अलग संगठनों पर बैनर का उपयोग करेगी. लेकिन लक्ष्य एक ही होगा, ब्राह्मण समाज को अपने पक्ष में करना.

गौरतलब है कि विपक्ष लगातार भारतीय जनता पार्टी की सरकार को ब्राह्मण विरोधी साबित करने में जुटा हुआ है. ब्राह्मण मंत्रियों की कम संख्या, अधिकारी वर्ग में ब्राह्मणों का कम प्रतिनिधित्व और चुनचुन का ब्राह्मण अपराधियों का एनकाउंटर आदि अन्य मुद्दों को सामने रखकर विपक्षी दल यह जताने का प्रयास कर रहे हैं कि भाजपा सरकार में ब्राह्मणों का उत्पीड़न किया जा रहा है. इसको लेकर बहुजन समाज पार्टी, समाजवादी पार्टी, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने ब्राह्मणों के सम्मेलन भी किए हैं. समाजवादी पार्टी ने भगवान परशुराम की प्रतिमा लगाने की घोषणा भी की थी. जबकि बहुजन समाज पार्टी ने अपने ब्राह्मण सम्मेलन की शुरुआत अयोध्या से करके भाजपा को चुनौती देने का प्रयास किया था.

इसके बाद लगातार भाजपा के भीतर ब्राह्मणों को साधने की कोशिश की जाती रही है. पिछड़े वर्ग सम्मेलनों के आयोजन से पहले प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन का आयोजन करवाया था. यह प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन एक तरह से ब्राह्मण सम्मेलन ही माने जा रहे थे. जिनके जरिए ब्राह्मणों को साधने की कोशिश की गई थी. लेकिन जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहा है, भाजपा खुलकर ब्राह्मणों को साधना की कोशिशों में जुट गई है. इसी कड़ी में राजधानी में आयोजित होने वाले ब्राह्मण परिवार के स्थापना दिवस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा सहित प्रदेश के मंत्री शामिल होकर खुद को ब्राह्मणों का हितैषी साबित करने की कोशिश करेंगे.

इसे भी पढ़ें-एसपी के गढ़ में अमित शाह की दहाड़, कहा- चुनाव सिर पर तो अखिलेश को याद आए जिन्ना


वरिष्ठ पत्रकार राजनीतिक विश्लेषक कुमार भवेश चंद्र का कहना है कि विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद कई ब्राह्मण अपराधियों को यूपी पुलिस ने मार गिराया था. इसी मुद्दे से विपक्ष ने नैरेटिव सेट करना शुरू कर दिया था कि योगी सरकार ब्राह्मणों की विरोधी है. इसके अलावा विपक्ष ने लगातार ब्राह्मण सम्मेलनों का आयोजन करके योगी सरकार को चुनौती देने का प्रयास किया था. इसीलिए अब भाजपा भी लगातार ब्राह्मणों के नजदीक जाकर सम्मेलनों का आयोजन करके अपने इस परंपरागत वोट बैंक को दूर नहीं जाने देना चाहती है. जिसके लिए भाजपा हर संभव प्रयास कर रही है.

ऐसी ही जरूरी और विश्वासनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें एप


वहीं, भाजपा प्रवक्ता हीरो बाजपेई का कहना है कि ब्राह्मण पर हितकारी समुदाय है, जो हमेशा से भाजपा के नजदीक रहा है और आगे भी रहेगा. हम सबका साथ सबका विकास में भरोसा करते हैं और ब्राह्मण भी उसमें शामिल हैं. ब्राह्मण कभी भाजपा से दूर गया ही नहीं.
कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक बाजपेई का कहना है कि अगर भाजपा वास्तविकता में ब्राह्मण विरोधी नहीं है और सच में ब्राह्मणों का हित चाहती है तो क्यों नहीं किसी ब्राह्मण को मुख्यमंत्री का चेहरा बना देती है. कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश को पांच ब्राह्मण मुख्यमंत्री दिए हैं.

लखनऊ: यूपी विधानसभा चुनाव 2022 (UP Assembly Election 2022) में अपने परंपरागत ब्राह्मण वोटों के दूर जाने का डर भारतीय जनता पार्टी को सता रहा है. प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन कर चुकी भाजपा अब नए सिरे से योजना बनाकर दूर जा रहे ब्राह्मण समाज को नजदीक लाने के प्रयास में जुटी हुई है. इसको लेकर रविवार को एक बड़ा आयोजन होगा.

ब्राह्मण समाज को एकजुट करने में जुटी भाजपा.

कानपुर रोड के अवस्थी लॉन में आयोजित इस कार्यक्रम में केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ भाजपा के अनेक नेता जुटेंगे. यह आयोजन तो केवल एक नजीर है, अभी चुनाव से पहले ब्राह्मणों को जोड़ने वाले दर्जनों और आयोजन भारतीय जनता पार्टी करेगी. जिसमें सीधे तौर पर भाजपा के बैनर का इस्तेमाल नहीं होगा. भाजपा इसमें अलग-अलग संगठनों पर बैनर का उपयोग करेगी. लेकिन लक्ष्य एक ही होगा, ब्राह्मण समाज को अपने पक्ष में करना.

गौरतलब है कि विपक्ष लगातार भारतीय जनता पार्टी की सरकार को ब्राह्मण विरोधी साबित करने में जुटा हुआ है. ब्राह्मण मंत्रियों की कम संख्या, अधिकारी वर्ग में ब्राह्मणों का कम प्रतिनिधित्व और चुनचुन का ब्राह्मण अपराधियों का एनकाउंटर आदि अन्य मुद्दों को सामने रखकर विपक्षी दल यह जताने का प्रयास कर रहे हैं कि भाजपा सरकार में ब्राह्मणों का उत्पीड़न किया जा रहा है. इसको लेकर बहुजन समाज पार्टी, समाजवादी पार्टी, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने ब्राह्मणों के सम्मेलन भी किए हैं. समाजवादी पार्टी ने भगवान परशुराम की प्रतिमा लगाने की घोषणा भी की थी. जबकि बहुजन समाज पार्टी ने अपने ब्राह्मण सम्मेलन की शुरुआत अयोध्या से करके भाजपा को चुनौती देने का प्रयास किया था.

इसके बाद लगातार भाजपा के भीतर ब्राह्मणों को साधने की कोशिश की जाती रही है. पिछड़े वर्ग सम्मेलनों के आयोजन से पहले प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन का आयोजन करवाया था. यह प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन एक तरह से ब्राह्मण सम्मेलन ही माने जा रहे थे. जिनके जरिए ब्राह्मणों को साधने की कोशिश की गई थी. लेकिन जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहा है, भाजपा खुलकर ब्राह्मणों को साधना की कोशिशों में जुट गई है. इसी कड़ी में राजधानी में आयोजित होने वाले ब्राह्मण परिवार के स्थापना दिवस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा सहित प्रदेश के मंत्री शामिल होकर खुद को ब्राह्मणों का हितैषी साबित करने की कोशिश करेंगे.

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वरिष्ठ पत्रकार राजनीतिक विश्लेषक कुमार भवेश चंद्र का कहना है कि विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद कई ब्राह्मण अपराधियों को यूपी पुलिस ने मार गिराया था. इसी मुद्दे से विपक्ष ने नैरेटिव सेट करना शुरू कर दिया था कि योगी सरकार ब्राह्मणों की विरोधी है. इसके अलावा विपक्ष ने लगातार ब्राह्मण सम्मेलनों का आयोजन करके योगी सरकार को चुनौती देने का प्रयास किया था. इसीलिए अब भाजपा भी लगातार ब्राह्मणों के नजदीक जाकर सम्मेलनों का आयोजन करके अपने इस परंपरागत वोट बैंक को दूर नहीं जाने देना चाहती है. जिसके लिए भाजपा हर संभव प्रयास कर रही है.

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वहीं, भाजपा प्रवक्ता हीरो बाजपेई का कहना है कि ब्राह्मण पर हितकारी समुदाय है, जो हमेशा से भाजपा के नजदीक रहा है और आगे भी रहेगा. हम सबका साथ सबका विकास में भरोसा करते हैं और ब्राह्मण भी उसमें शामिल हैं. ब्राह्मण कभी भाजपा से दूर गया ही नहीं.
कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक बाजपेई का कहना है कि अगर भाजपा वास्तविकता में ब्राह्मण विरोधी नहीं है और सच में ब्राह्मणों का हित चाहती है तो क्यों नहीं किसी ब्राह्मण को मुख्यमंत्री का चेहरा बना देती है. कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश को पांच ब्राह्मण मुख्यमंत्री दिए हैं.

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