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यूपी में नहीं बढ़ेंगी बिजली दरें, करोड़ों उपभोक्ताओं को मिली राहत - lucknow news

यूपी में उपभोक्ताओं को बड़ी राहत मिली है. उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत नियामक आयोग ने बिजली दरों में बढ़ोतरी नहीं करने का फैसला लिया है. बिजली कंपनियों की तरफ से 12 फीसद दरें बढ़ाने का प्रस्ताव दिया गया था.

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Published : Jul 29, 2021, 4:58 PM IST

लखनऊ: राजधानी समेत उत्तर प्रदेश के करोड़ों उपभोक्ताओं के लिए बड़ी खुशखबरी है. अब उत्तर प्रदेश में बिजली की दरें नहीं बढ़ेंगी. उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग ने यह फैसला लिया है. बता दें कि उत्तर प्रदेश में 12 फीसद दरें बढ़ाने का प्रस्ताव बिजली कंपनियों की तरफ से दिया गया था, जिसका उपभोक्ता परिषद की तरफ से नियामक आयोग में कड़ा विरोध किया गया था. अब नियामक आयोग ने रेगुलेटरी सरचार्ज लगाने का प्रस्ताव खारिज कर दिया है.

विद्युत नियामक आयोग के चेयरमैन आरपी सिंह, सदस्य केके शर्मा और पीके श्रीवास्तव की पीठ ने यह फैसला सुनाया है. उन्होंने फैसले में साफ तौर पर कहा है कि 2021-22 के लिए बिजली दरों में किसी तरह का कोई परिवर्तन नहीं किया जाएगा. वर्तमान में जो टैरिफ लागू है, वही आगे भी लागू रहेगा. इतना ही नहीं 2021-22 के साथ ही 2019-20 के ट्रू-अप के लिए बिजली कंपनियों की तरफ से निकाली गई बड़ी राशि को भी खत्म कर दिया है.

बिजली दरें बढ़ाने के लिए जो प्रस्ताव दिया गया था, उस पर विद्युत नियामक आयोग ने गुरुवार को प्रस्ताव खारिज कर दिया. एक महीने तक यह सुनवाई चली थी. बिजली कंपनियों ने उपभोक्ताओं पर 49 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का बकाया दिखाया था. 12 परसेंट तक बिजली दरें बढ़ाने का प्रस्ताव नियामक आयोग में दाखिल कर दिया था. नियामक आयोग की तरफ से गुरुवार को इस पर आदेश जारी कर दिया गया, जिसमें फिलहाल दरों में कोई परिवर्तन नहीं करने का फैसला लिया गया.

इसे भी पढ़ें:- एम्बुलेंस में अनट्रेंड स्टाफ, वेंटीलेटर पर शिफ्टिंग में आफत

उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने बिजली दर बढ़ाए जाने को लेकर नियामक आयोग में याचिका दाखिल की थी, जिस पर सुनवाई की गई. नियामक आयोग ने बिजली दर नहीं बढ़ाने का फैसला लिया. अवधेश वर्मा ने कहा कि अभी भी यह लड़ाई खत्म नहीं हुई है. पुनर्विचार याचिका दाखिल की जाएगी. बता दें कि उपभोक्ता परिषद ने तीन से आठ फीसद तक बिजली की दरों को तीन साल तक कम करने की मांग विद्युत नियामक आयोग से की थी. इसका फैसला जून के पहले सप्ताह में ही आना था.

लखनऊ: राजधानी समेत उत्तर प्रदेश के करोड़ों उपभोक्ताओं के लिए बड़ी खुशखबरी है. अब उत्तर प्रदेश में बिजली की दरें नहीं बढ़ेंगी. उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग ने यह फैसला लिया है. बता दें कि उत्तर प्रदेश में 12 फीसद दरें बढ़ाने का प्रस्ताव बिजली कंपनियों की तरफ से दिया गया था, जिसका उपभोक्ता परिषद की तरफ से नियामक आयोग में कड़ा विरोध किया गया था. अब नियामक आयोग ने रेगुलेटरी सरचार्ज लगाने का प्रस्ताव खारिज कर दिया है.

विद्युत नियामक आयोग के चेयरमैन आरपी सिंह, सदस्य केके शर्मा और पीके श्रीवास्तव की पीठ ने यह फैसला सुनाया है. उन्होंने फैसले में साफ तौर पर कहा है कि 2021-22 के लिए बिजली दरों में किसी तरह का कोई परिवर्तन नहीं किया जाएगा. वर्तमान में जो टैरिफ लागू है, वही आगे भी लागू रहेगा. इतना ही नहीं 2021-22 के साथ ही 2019-20 के ट्रू-अप के लिए बिजली कंपनियों की तरफ से निकाली गई बड़ी राशि को भी खत्म कर दिया है.

बिजली दरें बढ़ाने के लिए जो प्रस्ताव दिया गया था, उस पर विद्युत नियामक आयोग ने गुरुवार को प्रस्ताव खारिज कर दिया. एक महीने तक यह सुनवाई चली थी. बिजली कंपनियों ने उपभोक्ताओं पर 49 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का बकाया दिखाया था. 12 परसेंट तक बिजली दरें बढ़ाने का प्रस्ताव नियामक आयोग में दाखिल कर दिया था. नियामक आयोग की तरफ से गुरुवार को इस पर आदेश जारी कर दिया गया, जिसमें फिलहाल दरों में कोई परिवर्तन नहीं करने का फैसला लिया गया.

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उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने बिजली दर बढ़ाए जाने को लेकर नियामक आयोग में याचिका दाखिल की थी, जिस पर सुनवाई की गई. नियामक आयोग ने बिजली दर नहीं बढ़ाने का फैसला लिया. अवधेश वर्मा ने कहा कि अभी भी यह लड़ाई खत्म नहीं हुई है. पुनर्विचार याचिका दाखिल की जाएगी. बता दें कि उपभोक्ता परिषद ने तीन से आठ फीसद तक बिजली की दरों को तीन साल तक कम करने की मांग विद्युत नियामक आयोग से की थी. इसका फैसला जून के पहले सप्ताह में ही आना था.

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