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आईटीआई संस्थानों में मान्यता के नाम पर हुआ बड़ा खुलासा - lucknow bank fraud case

मुख्यमंत्री के पोर्टल पर प्रदेश के 59 आइटीआई संस्थानों की शिकायत की गई है. बैंक गारंटी में गड़बड़ी का मामला सामने आया है. निजी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों को मान्यता देने के नाम पर बड़े खेल का खुलासा हुआ है.

फर्जीवाड़े का बड़ा खुलासा
फर्जीवाड़े का बड़ा खुलासा
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Published : Jan 15, 2021, 6:06 PM IST

लखनऊ: मुख्यमंत्री के पोर्टल पर प्रदेश के 59 आईटीआई संस्थानों की शिकायत की गई है. जांच के दौरान 160 आईटीआई संस्थानों में बैंक गारंटी में गड़बड़ी का मामला सामने आया है. प्रदेश एवं सेवानियोजन ने शासन से संस्थानों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने का आदेश मांगा है. सख्त नियमों का हवाला देकर निजी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों को मान्यता देने के नाम पर बड़े खेल का खुलासा हुआ है. प्रशिक्षण एवं सेवायोजन निदेशालय के अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत से बैंक गारंटी के नाम पर हुए खेल में नियमों को ताक पर रखकर अधिकारियों ने मनमानी मान्यता दे दी है. मुख्यमंत्री के पोर्टल पर सूबे की 59 संस्थानों की शिकायत की गई और जांच हुई. जांच में 160 संस्थानों की बैंक गारंटी में गड़बड़ी मिली है.




शुरू हुई जांच

सत्यापन रिपोर्ट में फर्जी बैंक गारंटी का मामला सामने आने के बाद जिम्मेदार विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों की भूमिका की भी जांच शुरू हो गई है. फर्जी बैंक गारंटी स्वीकार करने के लिए प्रशिक्षण एवं सेवायोजन निदेशालय की भूमिका भी संदिग्ध है. गनीमत रही कि अभी केवल 60 संस्थानों को मान्यता मिली है और 100 को मान्यता की तैयारी थी. कई मामलों में आवेदक को ही बैंक गारंटी का सत्यापन कराकर लाने की जिम्मेदारी भी दे दी गई. इस तरह बैंक की फर्जी सत्यापन रिपोर्ट भी निदेशालय को उपलब्ध करा दी गई है.


बैंक को जारी करना होता है पत्र

निजी संस्थानों को 20 बच्चों की एक यूनिट पर 50 हजार की बैंक गारंटी देनी होती है. ट्रेडवार संख्या घटती-बढ़ती रहती है. एक संस्थान दो ट्रेड में कम से कम चार यूनिट की मान्यता लेता है. उसे दो लाख रुपये की बैंक गारंटी देनी होती है. बैंक से जारी प्रमाण पत्र को जमा करना होता है.

शासन को भेजी है फाइल

गड़बड़ी मिलने पर बैंक की भूमिका पर भी सवाल उठने लगे हैं. प्रशिक्षण एवं सेवायोजन विभाग के निदेशाालय में तैनात एक बाबू की भूमिका संदिग्ध है. जांच में उसके ऊपर भी तलवार लटक रही है. एक मंत्री के करीबी हाेने की वजह से उस पर कार्रवाई से अधिकारी भी कतरा रहे हैं. इससे पहले भी मंत्री के हस्तक्षेप के बाद उस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई. वहीं, इस पूरे मामले पर अपर निदेशक प्रशिक्षण नीरज कुमार का कहना है कि संस्थानों द्वारा दी गई बैंक गारंटी में गड़बड़ी की शिकायत पर जांच कराई गई. अभी तक 160 निजी संस्थानों की बैंक गारंटी में गड़बड़ी सामने आई है. इनके विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए राज्य व्यावसायिक प्रशिक्षण परिषद ने शासन को फाइल भेजी है.

सूबे में आइटीआई पर एक नजर

  • प्रदेश में सरकारी आइटीआई-305
  • निजी आइटीआई-2939
  • सरकारी में प्रवेश क्षमता-1,20575
  • निजी में प्रवेश क्षमता-3,71732
  • प्रशिक्षण की ट्रेड-67

लखनऊ: मुख्यमंत्री के पोर्टल पर प्रदेश के 59 आईटीआई संस्थानों की शिकायत की गई है. जांच के दौरान 160 आईटीआई संस्थानों में बैंक गारंटी में गड़बड़ी का मामला सामने आया है. प्रदेश एवं सेवानियोजन ने शासन से संस्थानों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने का आदेश मांगा है. सख्त नियमों का हवाला देकर निजी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों को मान्यता देने के नाम पर बड़े खेल का खुलासा हुआ है. प्रशिक्षण एवं सेवायोजन निदेशालय के अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत से बैंक गारंटी के नाम पर हुए खेल में नियमों को ताक पर रखकर अधिकारियों ने मनमानी मान्यता दे दी है. मुख्यमंत्री के पोर्टल पर सूबे की 59 संस्थानों की शिकायत की गई और जांच हुई. जांच में 160 संस्थानों की बैंक गारंटी में गड़बड़ी मिली है.




शुरू हुई जांच

सत्यापन रिपोर्ट में फर्जी बैंक गारंटी का मामला सामने आने के बाद जिम्मेदार विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों की भूमिका की भी जांच शुरू हो गई है. फर्जी बैंक गारंटी स्वीकार करने के लिए प्रशिक्षण एवं सेवायोजन निदेशालय की भूमिका भी संदिग्ध है. गनीमत रही कि अभी केवल 60 संस्थानों को मान्यता मिली है और 100 को मान्यता की तैयारी थी. कई मामलों में आवेदक को ही बैंक गारंटी का सत्यापन कराकर लाने की जिम्मेदारी भी दे दी गई. इस तरह बैंक की फर्जी सत्यापन रिपोर्ट भी निदेशालय को उपलब्ध करा दी गई है.


बैंक को जारी करना होता है पत्र

निजी संस्थानों को 20 बच्चों की एक यूनिट पर 50 हजार की बैंक गारंटी देनी होती है. ट्रेडवार संख्या घटती-बढ़ती रहती है. एक संस्थान दो ट्रेड में कम से कम चार यूनिट की मान्यता लेता है. उसे दो लाख रुपये की बैंक गारंटी देनी होती है. बैंक से जारी प्रमाण पत्र को जमा करना होता है.

शासन को भेजी है फाइल

गड़बड़ी मिलने पर बैंक की भूमिका पर भी सवाल उठने लगे हैं. प्रशिक्षण एवं सेवायोजन विभाग के निदेशाालय में तैनात एक बाबू की भूमिका संदिग्ध है. जांच में उसके ऊपर भी तलवार लटक रही है. एक मंत्री के करीबी हाेने की वजह से उस पर कार्रवाई से अधिकारी भी कतरा रहे हैं. इससे पहले भी मंत्री के हस्तक्षेप के बाद उस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई. वहीं, इस पूरे मामले पर अपर निदेशक प्रशिक्षण नीरज कुमार का कहना है कि संस्थानों द्वारा दी गई बैंक गारंटी में गड़बड़ी की शिकायत पर जांच कराई गई. अभी तक 160 निजी संस्थानों की बैंक गारंटी में गड़बड़ी सामने आई है. इनके विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए राज्य व्यावसायिक प्रशिक्षण परिषद ने शासन को फाइल भेजी है.

सूबे में आइटीआई पर एक नजर

  • प्रदेश में सरकारी आइटीआई-305
  • निजी आइटीआई-2939
  • सरकारी में प्रवेश क्षमता-1,20575
  • निजी में प्रवेश क्षमता-3,71732
  • प्रशिक्षण की ट्रेड-67

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