लखनऊ: यूपी में कोरोना के खिलाफ महा अभियान चलेगा. इसके लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम मैदान में उतरेगी और घर-घर जाकर संदिग्ध लक्षण वाले रोगियों को चिन्हित कर उनका टेस्ट किया जाएगा. इसके साथ ही मरीजों को मेडिकल किट उपलब्ध कराई जाएगी. इसके साथ ही अस्पतालों में मरीजों की भर्ती में हीलाहवाली पर सरकार खफा है और सरकार ने अफसरों को व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए अल्टीमेटम दिया है.
पांच दिन चलेगा महा अभियान
अपर मुख्य सचिव सूचना नवनीत सहगल के मुताबिक कोरोना के खिलाफ लड़ाई तेज कर दी गई है. बुधवार से प्रदेश की 90 हजार राजस्व ग्राम सभाओं में ग्राम समितियां घर-घर भ्रमण करेंगी. इसके साथ ही स्वास्थ्य विभाग की रैपिड रिस्पांस टीम (आरआर टीम) लक्षण वाले रोगियों को चिन्हित करेंगी. सर्दी, खांसी,बुखार जैसी समस्याओं से पीड़ित मरीजों का एंटीजन टेस्ट किया जाएगा. इसके साथ ही उन्हें मेडिकल किट भी उपलब्ध कराई जाएगी. इसके लिए 10 लाख एंटीजन किट, 10लाख मेडिकल किट उपलब्ध करा दी गई है. यह अभियान पांच दिन चलेगा.
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अस्पतालों को नोडल अफसर तैनात करने के निर्देश
नवनीत सहगल के मुताबिक अस्पतालों में इलाज के लिए आ रहे मरीजों को दौड़ाया न जाए. इसके लिए सभी अस्पताल नोडल अफसर तैनात करें. 8-8 घंटे की हर एक नोडल ऑफिसर की ड्यूटी लगाएं. ये नोडल अफसर अस्पताल की इमरजेंसी से लेकर गेट तक राउंड करें. कोई मरीज स्ट्रेचर, एंबुलेंस में ऑक्सीजन सपोर्ट पर नहीं दिखना चाहिए. उन्हें हर हाल में बेड उपलब्ध करा कर इलाज दिलाएं. वहीं अस्पतालों में स्टाफ का संकट दूर करने के लिए एमबीबीएस फाइनल ईयर और नर्सिंग फाइनल ईयर के छात्रों को मानदेय पर तैनात किया जाएगा. ऐसे में करीब 15000 स्टाफ की सेवाएं ली जाएंगी.