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भीम आर्मी चीफ ने मायावती को लिखा पत्र, भाजपा को रोकने के लिए हमें एक मंच पर आना होगा

यूपी में बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती से भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर ने पत्र लिखकर साथ आने की गुहार लगाई है. इसमें उन्होंने कहा है कि एक साथ आकर दलित मूवमेंट की लड़ाई लड़ने की जरूरत है.

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Published : Nov 7, 2019, 8:38 AM IST

भीम आर्मी चीफ ने मायावती को लिखा पत्र

लखनऊ: हाल में ही जेल से छूटे भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर ने बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती को पत्र लिखा है. पत्र में उन्होंने सांप्रदायिक और जातिवादी शक्तियों के खिलाफ एकजुट होने की अपील की है. पत्र लिखकर चंद्रशेखर ने सीधे तौर पर भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ एक साथ आकर दलित मूवमेंट की लड़ाई लड़ने की गुहार लगाई है. भीम आर्मी चीफ ने मायावती को लिखे पत्र में कहा है कि मैं विशेष परिस्थिति में पत्र आपको लिख रहा हूं. इस समय भारत एक महत्वपूर्ण राजनीतिक मोड़ पर खड़ा है. देश में सांप्रदायिक जातिवादी शक्तियों का बोलबाला बढ़ रहा है.

भीम आर्मी चीफ ने मायावती को लिखा पत्र.
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भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर द्वारा लिखा गया पत्र.

भाजपा की बढ़ती ताकत का दिखाया डर
चंद्रशेखर ने पत्र लिखकर मायावती को भाजपा की बढ़ती ताकत का डर दिखाया है. उन्होंने लिखा है कि 2014 और फिर 2019 में लगातार भाजपा ने लोकसभा चुनाव में बहुमत से सरकार बनाई है. 2014 से 2019 के बीच बीजेपी की ताकत बढ़ी है. दक्षिण भारत को छोड़कर लगभग सारे देश में उसका दबदबा कायम हुआ है. बहुजन आंदोलन के सबसे मजबूत गढ़ उत्तर प्रदेश में भी बीजेपी की वापसी हुई है. बहुजन समाज के लिए यह कठिन दौर है. बीजेपी के शासन में बहुजन समाज पर अत्याचार बढ़ा है और उसके अधिकार छीने गए हैं. आरक्षण पर लगातार हमले हो रहे हैं. इन वर्गों को दिए गए संवैधानिक और कानूनी संरक्षण को छीनने की कोशिश भी लगातार जारी है.

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भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर द्वारा लिखा गया पत्र.

चंद्रशेखर ने अपने अंदर झांकने की दी नसीहत
चंद्रशेखर ने पत्र में आगे लिखा है कि मेरा मानना है कि भारत की वर्तमान समस्याओं का समाधान सिर्फ बहुजन विचारधारा के पास है. सारा देश बहुजन समाज की करफ देख रहा है. मेरा निवेदन है कि इस बारे में विचार करने के लिए हमें सभी मतभेद भुलाकर एक साथ बैठना चाहिए और विचार विमर्श करना चाहिए, क्योंकि विचार विमर्श से ही रास्ता खुलता है. अगर कोई समस्या है तो उसके लिए हमें अपने अंदर झांकना होगा. ऐसा करना इसलिए जरूरी हो गया है क्योंकि बहुजन आंदोलन की धार कमजोर पड़ने से बहुजन समाज के लोगों पर बुरा असर पड़ रहा है. बहुजन समाज के संवैधानिक अधिकारों पर सरकारें लगातार हमला कर रही हैं. उसका जवाब देने की जरूरत है.

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भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर द्वारा लिखा गया पत्र.

वक्त की जरूरत है बहुजन एकता
चंद्रशेखर ने अपने पत्र में मायावती से साथ आने की गुजारिश करते हुए लिखा है कि इस वक्त की सबसे बड़ी जरूरत बहुजन एकता है और बहुजन राजनीति को धार देकर ही इस काम को किया जा सकता है. कांशी राम की कोर टीम की सदस्य होने के कारण आपके अनुभव हम सब के लिए महत्वपूर्ण हैं. उम्मीद है कि इस चर्चा में शामिल होने के लिए आप समय निकालेंगे.

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भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर द्वारा लिखा गया पत्र.
मायावती से अच्छे नहीं हैं चंद्रशेखर के रिश्ते भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर ने भले ही मायावती को दलित मूवमेंट को आगे बढ़ाने, बहुजन समाज के हाथों देश की सत्ता लाने के लिए एक साथ आने की अपील की हो. बड़ा सवाल यह है कि क्या मायावती भी इसे स्वीकार करेंगी. बता दें कि चंद्रशेखर से मायावती के रिश्ते कुछ खास अच्छे नहीं हैं. हांलांकि चंद्रशेखर मायावती को बुआ कहते हैं और मायावती को पीएम के रूप में देखने की इच्छा भी जाहिर कर चुके हैं वहीं मायावती उनपर बीजेपी की कठपुतली होने का आरोप लगाती रही हैं. बता दें कि सहारनपुर में 2017 में हुए ठाकुरों और दलितों के मध्य हुए विवाद के बाद चंद्रशेखर सामने आए थे.

इन सब बातों के साथ ही बड़ा सवाल यह भी है कि क्या मायावती किसी अन्य दलित चेहरे को राजनीति में आने देंगी. चंद्रशेखर की सक्रियता बसपा अध्यक्ष को रास नहीं आई थी. जानकारों का मानना है कि चंद्रशेखर का यह प्रयास हाल-फिलहाल सफल होता दिखाई नहीं दे रहा, लेकिन मायावती की प्रतिक्रिया आने से पहले कुछ कहा नहीं जा सकता.

लखनऊ: हाल में ही जेल से छूटे भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर ने बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती को पत्र लिखा है. पत्र में उन्होंने सांप्रदायिक और जातिवादी शक्तियों के खिलाफ एकजुट होने की अपील की है. पत्र लिखकर चंद्रशेखर ने सीधे तौर पर भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ एक साथ आकर दलित मूवमेंट की लड़ाई लड़ने की गुहार लगाई है. भीम आर्मी चीफ ने मायावती को लिखे पत्र में कहा है कि मैं विशेष परिस्थिति में पत्र आपको लिख रहा हूं. इस समय भारत एक महत्वपूर्ण राजनीतिक मोड़ पर खड़ा है. देश में सांप्रदायिक जातिवादी शक्तियों का बोलबाला बढ़ रहा है.

भीम आर्मी चीफ ने मायावती को लिखा पत्र.
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भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर द्वारा लिखा गया पत्र.

भाजपा की बढ़ती ताकत का दिखाया डर
चंद्रशेखर ने पत्र लिखकर मायावती को भाजपा की बढ़ती ताकत का डर दिखाया है. उन्होंने लिखा है कि 2014 और फिर 2019 में लगातार भाजपा ने लोकसभा चुनाव में बहुमत से सरकार बनाई है. 2014 से 2019 के बीच बीजेपी की ताकत बढ़ी है. दक्षिण भारत को छोड़कर लगभग सारे देश में उसका दबदबा कायम हुआ है. बहुजन आंदोलन के सबसे मजबूत गढ़ उत्तर प्रदेश में भी बीजेपी की वापसी हुई है. बहुजन समाज के लिए यह कठिन दौर है. बीजेपी के शासन में बहुजन समाज पर अत्याचार बढ़ा है और उसके अधिकार छीने गए हैं. आरक्षण पर लगातार हमले हो रहे हैं. इन वर्गों को दिए गए संवैधानिक और कानूनी संरक्षण को छीनने की कोशिश भी लगातार जारी है.

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भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर द्वारा लिखा गया पत्र.

चंद्रशेखर ने अपने अंदर झांकने की दी नसीहत
चंद्रशेखर ने पत्र में आगे लिखा है कि मेरा मानना है कि भारत की वर्तमान समस्याओं का समाधान सिर्फ बहुजन विचारधारा के पास है. सारा देश बहुजन समाज की करफ देख रहा है. मेरा निवेदन है कि इस बारे में विचार करने के लिए हमें सभी मतभेद भुलाकर एक साथ बैठना चाहिए और विचार विमर्श करना चाहिए, क्योंकि विचार विमर्श से ही रास्ता खुलता है. अगर कोई समस्या है तो उसके लिए हमें अपने अंदर झांकना होगा. ऐसा करना इसलिए जरूरी हो गया है क्योंकि बहुजन आंदोलन की धार कमजोर पड़ने से बहुजन समाज के लोगों पर बुरा असर पड़ रहा है. बहुजन समाज के संवैधानिक अधिकारों पर सरकारें लगातार हमला कर रही हैं. उसका जवाब देने की जरूरत है.

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भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर द्वारा लिखा गया पत्र.

वक्त की जरूरत है बहुजन एकता
चंद्रशेखर ने अपने पत्र में मायावती से साथ आने की गुजारिश करते हुए लिखा है कि इस वक्त की सबसे बड़ी जरूरत बहुजन एकता है और बहुजन राजनीति को धार देकर ही इस काम को किया जा सकता है. कांशी राम की कोर टीम की सदस्य होने के कारण आपके अनुभव हम सब के लिए महत्वपूर्ण हैं. उम्मीद है कि इस चर्चा में शामिल होने के लिए आप समय निकालेंगे.

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भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर द्वारा लिखा गया पत्र.
मायावती से अच्छे नहीं हैं चंद्रशेखर के रिश्ते भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर ने भले ही मायावती को दलित मूवमेंट को आगे बढ़ाने, बहुजन समाज के हाथों देश की सत्ता लाने के लिए एक साथ आने की अपील की हो. बड़ा सवाल यह है कि क्या मायावती भी इसे स्वीकार करेंगी. बता दें कि चंद्रशेखर से मायावती के रिश्ते कुछ खास अच्छे नहीं हैं. हांलांकि चंद्रशेखर मायावती को बुआ कहते हैं और मायावती को पीएम के रूप में देखने की इच्छा भी जाहिर कर चुके हैं वहीं मायावती उनपर बीजेपी की कठपुतली होने का आरोप लगाती रही हैं. बता दें कि सहारनपुर में 2017 में हुए ठाकुरों और दलितों के मध्य हुए विवाद के बाद चंद्रशेखर सामने आए थे.

इन सब बातों के साथ ही बड़ा सवाल यह भी है कि क्या मायावती किसी अन्य दलित चेहरे को राजनीति में आने देंगी. चंद्रशेखर की सक्रियता बसपा अध्यक्ष को रास नहीं आई थी. जानकारों का मानना है कि चंद्रशेखर का यह प्रयास हाल-फिलहाल सफल होता दिखाई नहीं दे रहा, लेकिन मायावती की प्रतिक्रिया आने से पहले कुछ कहा नहीं जा सकता.

Intro:लखनऊ: भीम आर्मी चीफ ने मायावती को लिखा पत्र, बीजेपी को रोकने के लिए हमे एक मंच पर आना होगा

लखनऊ। भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर आजाद ने बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती को पत्र लिखकर सांप्रदायिक और जातिवादी शक्तियों के खिलाफ एकजुट होने की अपील की है। चंद्रशेखर ने सीधे तौर पर भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ एक साथ आकर दलित मूवमेंट की लड़ाई लड़ने की गुहार लगाई है। भीम आर्मी चीफ ने मायावती को लिखे पत्र में कहा है कि मैं विशेष परिस्थिति में यब पत्र आपको लिख रहा हूं। इस समय भारत एक महत्वपूर्ण राजनीतिक मोड़ पर खड़ा है। देश में सांप्रदायिक जातिवादी शक्तियों का बोलबाला बढ़ रहा है। देखना होगा कि चंद्रशेखर की एकजुट होने की अपील कितना कारगर साबित होती है।




Body:भाजपा की बढ़ती ताकत का दिखाया डर

चंद्रशेखर ने मायावती को भाजपा की बढ़ती ताकत का डर दिखाया है। उन्होंने लिखा है कि 2014 और फिर 2019 में लगातार भाजपा ने लोकसभा चुनाव में बहुमत से सरकार बनाई है। 2014 से 2019 के बीच बीजेपी की ताकत बढ़ी है। दक्षिण भारत को छोड़कर लगभग सभी बाकी देश में उसका दबदबा मजबूत हुआ है। बहुजन आंदोलन के सबसे मजबूत गढ़ उत्तर प्रदेश में भी बीजेपी की वापसी हुई है। बहुजन समाज के लिए यह कठिन दौर है। बीजेपी के शासन में बहुजन समाज पर अत्याचार बढ़ा है और उसके अधिकार छीने गए हैं। आरक्षण पर लगातार हमले हो रहे हैं। इन वर्गों को दिए गए संवैधानिक और कानूनी संरक्षण को छीनने की कोशिश भी लगातार जारी है।

चंद्रशेखर ने अपने अंदर झांकने की दी नसीहत

आजाद ने आगे लिखा है कि मेरा मानना है कि भारत की वर्तमान समस्याओं का समाधान सिर्फ बहुजन विचारधारा के पास है। अगर कोई समस्या है तो उसके लिए हमें अपने अंदर झांकना होगा। मेरा निवेदन है कि इस बारे में विचार करने के लिए हमें सभी मतभेद भुलाकर एक साथ बैठना चाहिए और विचार विमर्श करना चाहिए। क्योंकि विचार विमर्श से ही रास्ता खुलता है। ऐसा करना इसलिए जरूरी हो गया है क्योंकि बहुजन आंदोलन की धार कमजोर पड़ने का असर बहुजन समाज के लोगों पर बुरा पड़ रहा है। उनके संवैधानिक अधिकारों पर सरकार लगातार हमला कर रहे हैं। उसका जवाब देने की जरूरत है। इस वक्त की सबसे बड़ी जरूरत बहुजन एकता है और बहुजन राजनीति को धार देकर ही इस काम को किया जा सकता है। मान्यवर कांशी राम की कोर टीम की सदस्य होने के कारण आपके अनुभव हम सब के लिए महत्वपूर्ण हैं। उम्मीद है कि इस चर्चा में शामिल होने के लिए आप समय निकालेंगे।

क्या मायावती चंद्रशेखर को साथ आने देंगी

भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर ने भले ही मायावती को दलित मूवमेंट को आगे बढ़ाने, बहुजन समाज के हाथों देश की सत्ता लाने के लिए एक साथ आने की अपील की हो, बड़ा सवाल यह है कि क्या मायावती भी इसे स्वीकार करेंगी। क्या मायावती किसी अन्य दलित चेहरे को राजनीति में आने देंगी। चंद्रशेखर की सक्रियता बसपा अध्यक्ष को रास नहीं आई थी। जानकारों का मानना है कि चंद्रशेखर का यह प्रयास फिलहाल सफल होता दिखाई नहीं दे रहा। लेकिन मायावती की प्रतिक्रिया आने से पहले कुछ कहा नहीं जा सकता।

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