लखनऊ: भारतीय किसान यूनियन (टिकैत गुट) के बैनर तले बुधवार को किसानों और यूनियन के कार्यकर्ताओं ने शिवपुरी गांव की चकबंदी प्रक्रिया को बंद किए जाने की मांग को लेकर धरना-प्रदर्शन किया. यूनियन के कार्यकर्ताओं ने चकबंदी विभाग के अधिकारियों के किसानों की समस्या की सुनवाई न करने का आरोप लगाया. वहीं चकबंदी विभाग के अधिकारियों ने कहा कि चकबंदी की कार्रवाई से किसान संतुष्ट हैं. विरोध करने वाले क्रियाशील गांव के काश्तकार नहीं हैं.
राजधानी लखनऊ के बख्शी का तालाब तहसील के शिवपुरी और सुलतानपुर गांवों में चकबंदी की प्रक्रिया चल रही है. इसको बंद किए जाने की मांग को लेकर भारतीय किसान यूनियन (टिकैत गुट) के मंडल उपाध्यक्ष आजाद अंसारी के नेतृत्व में शिवपुरी गांव में महादेव मंदिर परिसर में धरना दिया.
धरने को संबोधित करते हुए मंडल उपाध्यक्ष ने कहा शिवपुरी गांव के किसानों की जमीन की अधिक कटौती की जा रही है, जबकि आवासीय प्रयोजन विकसित करने वाले बिल्डरों और प्रॉपर्टी कारोबारियों की जमीनों को चकबंदी से बाहर कर उनको विभाग के अधिकारी लाभ पहुंचा रहे हैं.
ये भी पढ़ें- लखनऊ: कोर्ट जा रहे अधिवक्ता पर फायरिंग, ग्रामीणों की वजह से बची जान
मंडल उपाध्यक्ष ने कहा कि शिवपुरी, सुलतानपुर और कठवारा गांव की सीमा का निर्धारण सिर्फ दो गांवों की चकबंदी कराने से समाधान नहीं हो सकता है. किसानों को परेशान कर गांव में विवाद उत्पन्न किए जा रहे हैं. मंडल उपाध्यक्ष ने चकबंदी विभाग के अधिकारियों पर धरना स्थल पर न पहुंचने का आरोप लगाते हुए शासन से चकबंदी प्रक्रिया को बंद कराने की मांग की है.
वहीं जिला बंदोबस्त अधिकारी डीएन पांडेय ने शिवपुरी गांव में किसानों की समस्याओं की सुनवाई की. बंदोबस्त अधिकारी ने कहा चकबंदी की कार्रवाई से गांव के काश्तकार संतुष्ट हैं. धरना देने वाले लोग काश्तकार नहीं हैं.