लखनऊ : भारतीय जनता पार्टी ने एमएलसी की छह सीटों के लिए केंद्र को प्रस्ताव भेज दिया है, लेकिन चिंता उन 36 दावेदारों की है, जिनका नाम इस सूची में कट गया है. नाराज होने वालों दावेदारों की संख्या बड़ी होगी. एमएलसी की सीटों पर कौन हो सकते हैं दावेदार? किस तरह से भाजपा इस पर संतुलन करेगी यह एक बड़ा सवाल है? मनोनीत किए जाने वाले ये नाम बहुत जल्द ही केंद्रीय नेतृत्व घोषित करेगा, लेकिन नाम घोषित होने के बाद मतभेद का आगाज होने की आशंका है. फिलहाल नाम प्रस्तावित होने के बाद भी प्रत्याशियों के बीच रस्साकशी जारी है.
हाल ही में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी. इस मुलाकात के बाद में भारतीय जनता पार्टी संगठन की ओर से यह स्पष्ट किया गया है कि मनोनीत किए जाने वाले एमएलसी के 6 दावेदारों की सूची केंद्रीय संगठन (Bharatiya Janata Party sends proposal to Center) को भेज दी गई है. इन नामों की घोषणा केंद्रीय संगठन करेगा. नाम सीधे राज्यपाल को भेजे जाएंगे और जहां से मनोनयन हो जाएगा. पिछले लंबे समय से मनोनीत किए जाने वाले एमएलसी का समय समाप्त हो चुका है. सूत्रों का कहना है कि संगठन और सरकार के बीच तालमेल न होने की वजह से नाम तय नहीं हो पा रहे थे. कई बार सूची को बनाया गया और फिर नई सूची बदली गई, लेकिन इस बार प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी यह स्पष्ट कर चुके हैं कि अभी दावेदारों की सूची प्रदेश संगठन ने केंद्रीय संगठन को भेज दी है. इसमें से जल्दी चयन कर दिया जाएगा. भारतीय जनता पार्टी के संगठन को एमएलसी पद के दावेदारों में कई तरह के समीकरण साधने पड़ेंगे. जिसमें जातिगत के अतिरिक्त महिला सीट औऱ सामाजिक रूप से लम्बे समय से सक्रिय लोगों को भी जोड़ना पड़ेगा, जिसमें कुछ नामी लोगों के नाम सामने आ सकते हैं.
ये हैं दावेदार : सूत्रों का कहना है कि प्रदेश उपाध्यक्ष संतोष सिंह, अपर्णा बिष्ट यादव, प्रदेश प्रवक्ता आलोक अवस्थी, वाराणसी के पूर्व एमएलसी शतरूद्र प्रकाश, लोक गायिका मालिनी अवस्थी, प्रदेश प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी, डॉ. चन्द्रमोहन, महेश चंद्र श्रीवास्तव, पुरुषोत्तम खंडेलवाल, किसान मोर्चा अध्यक्ष कामेश्वर सिंह के अलावा अनेक संभावित दावेदार हैं.
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