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तो भारत सीरीज के नंबर नहीं देना चाह रहा परिवहन विभाग, यूपी में हुए नाम मात्र के रजिस्ट्रेशन

भारत सरकार ने साल 2021 में भारत सीरीज लॉन्च की थी. उद्देश्य था कि देश के किसी भी राज्य में वाहन ले जाने पर बार-बार रजिस्ट्रेशन का झंझट न करना पड़े. बशर्ते, यह नंबर लेने के लिए संबंधित व्यक्ति का दफ्तर चार से ज्यादा राज्यों में होना चाहिए.

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Published : Aug 17, 2023, 11:57 AM IST

यूपी में नाम मात्र के दर्ज हो रहे भारत सीरीज के नंबर. देखें खबर

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में अगर भारत सीरीज के नंबरों की बात करें तो वर्ष 2021 से लेकर 2023 तक डेढ़ साल में ये संख्या 15 हजार भी नहीं पहुंच पाई है. इस समय तो इनके रजिस्ट्रेशन की रफ्तार बहुत ज्यादा ही धीमी है. परिवहन विभाग के सूत्र बताते हैं कि भारत सीरीज के नंबरों को अभी परिवहन विभाग इसलिए बढ़ावा नहीं दे रहा है क्योंकि इन नंबरों के रजिस्ट्रेशन से टैक्स का नुकसान उठाना पड़ता है. इसलिए इसके प्रचार-प्रसार पर भी कोई जोर नहीं है. जिससे अभी लोगों को इस सीरीज के बारे में जानकारी तक नहीं हो पा रही है. प्रदेशभर में अगर इन नंबरों के रजिस्ट्रेशन की बात की जाए तो सबसे ज्यादा नंबर उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में ही दर्ज हुए हैं.

भारत सीरीज के नंबर नहीं देना चाह रहा परिवहन विभाग.
भारत सीरीज के नंबर नहीं देना चाह रहा परिवहन विभाग.

लखनऊ में दर्ज हुए सबसे ज्यादा नंबर : नवंबर 2021 में उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के आरटीओ कार्यालय में भारत सीरीज का पहला नंबर दर्ज हुआ था और डेढ़ साल से ज्यादा समय बीतने के बाद अगर इन नंबरों के दर्ज होने की बात की जाए तो लखनऊ आरटीओ कार्यालय में 2,209 भारत सीरीज के नंबर दर्ज हुए हैं. महानगर एआरटीओ कार्यालय में 146 नंबर दर्ज हो चुके हैं. कुल मिलाकर लखनऊ में ही 2,355 वाहन भारत सीरीज के दर्ज किए गए हैं. दूसरे नंबर पर नोएडा है. यहां 1952 वाहन भारत सीरीज के नंबर दर्ज हुए हैं. गाजियाबाद में 1,061 नंबर दर्ज किए गए हैं. उत्तर प्रदेश के अन्य जिलों की स्थिति खराब है. वहां पर भारत सीरीज के नंबर नाम मात्र के ही दर्ज हो रहे हैं. श्रावस्ती जिले में अब तक सिर्फ एक ही नंबर दर्ज हुआ है.

भारत सीरीज के नंबर नहीं देना चाह रहा परिवहन विभाग
भारत सीरीज के नंबर नहीं देना चाह रहा परिवहन विभाग.



भारत सीरीज का नंबर लेने के नियम : निजी वाहनों के रजिस्ट्रेशन के लिए 15 साल का रोड टैक्स का अग्रिम भुगतान करना होता है. दूसरे राज्य में ले जाने पर वहां दोबारा रजिस्ट्रेशन कराना होता है. वन नेशन वन नंबर के तहत प्रदेश में नई गाड़ियों के लिए भारत सीरीज (बीएच) के तहत पंजीकरण किया जा रहा है. भारत सीरीज के रजिस्ट्रेशन के लिए दो-दो वर्ष के लिए टैक्स जमा किया जाता है. यानी 15 साल की वैधता में सात बार टैक्स जमा होगा. उसके बाद एक एक वर्ष का टैक्स जमा होगा. भारत सीरीज का नंबर न लेने पर परिवहन विभाग को एक साथ 15 साल का टैक्स मिलता है जबकि भारत सीरीज का नंबर लेने पर उस राज्य को घाटा उठाना पड़ता है.

भारत सीरीज के नंबर नहीं देना चाह रहा परिवहन विभाग.
भारत सीरीज के नंबर नहीं देना चाह रहा परिवहन विभाग.
भारत सीरीज के नंबर नहीं देना चाह रहा परिवहन विभाग.
भारत सीरीज के नंबर नहीं देना चाह रहा परिवहन विभाग.

लखनऊ में दो साल पहले दर्ज हुई थी कार : ट्रांसपोर्टनगर स्थित आरटीओ कार्यालय में यतेंद्र कुमार नाम के व्यक्ति की स्विफ्ट डिजायर गाड़ी का रजिस्ट्रेशन नवंबर 2021 में भारत सीरीज में किया गया था. यतेंद्र कुमार इफ्को कंपनी में नौकरी करते हैं और इफ्फको के कार्यालय भारत के चार से ज्यादा राज्य में स्थापित हैं. ऐसे में उन्होंने भारत सीरीज के नंबर के लिए अपनी गाड़ी रजिस्टर्ड कराई थी.





यह भी पढ़ें : हिंदू तन मन, हिंदू जीवन, रग मेरा... यह पंक्तियां लिखने का साहस भी केवल अटल जी जैसे राजनेता में था : योगी आदित्यनाथ

यूपी में नाम मात्र के दर्ज हो रहे भारत सीरीज के नंबर. देखें खबर

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में अगर भारत सीरीज के नंबरों की बात करें तो वर्ष 2021 से लेकर 2023 तक डेढ़ साल में ये संख्या 15 हजार भी नहीं पहुंच पाई है. इस समय तो इनके रजिस्ट्रेशन की रफ्तार बहुत ज्यादा ही धीमी है. परिवहन विभाग के सूत्र बताते हैं कि भारत सीरीज के नंबरों को अभी परिवहन विभाग इसलिए बढ़ावा नहीं दे रहा है क्योंकि इन नंबरों के रजिस्ट्रेशन से टैक्स का नुकसान उठाना पड़ता है. इसलिए इसके प्रचार-प्रसार पर भी कोई जोर नहीं है. जिससे अभी लोगों को इस सीरीज के बारे में जानकारी तक नहीं हो पा रही है. प्रदेशभर में अगर इन नंबरों के रजिस्ट्रेशन की बात की जाए तो सबसे ज्यादा नंबर उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में ही दर्ज हुए हैं.

भारत सीरीज के नंबर नहीं देना चाह रहा परिवहन विभाग.
भारत सीरीज के नंबर नहीं देना चाह रहा परिवहन विभाग.

लखनऊ में दर्ज हुए सबसे ज्यादा नंबर : नवंबर 2021 में उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के आरटीओ कार्यालय में भारत सीरीज का पहला नंबर दर्ज हुआ था और डेढ़ साल से ज्यादा समय बीतने के बाद अगर इन नंबरों के दर्ज होने की बात की जाए तो लखनऊ आरटीओ कार्यालय में 2,209 भारत सीरीज के नंबर दर्ज हुए हैं. महानगर एआरटीओ कार्यालय में 146 नंबर दर्ज हो चुके हैं. कुल मिलाकर लखनऊ में ही 2,355 वाहन भारत सीरीज के दर्ज किए गए हैं. दूसरे नंबर पर नोएडा है. यहां 1952 वाहन भारत सीरीज के नंबर दर्ज हुए हैं. गाजियाबाद में 1,061 नंबर दर्ज किए गए हैं. उत्तर प्रदेश के अन्य जिलों की स्थिति खराब है. वहां पर भारत सीरीज के नंबर नाम मात्र के ही दर्ज हो रहे हैं. श्रावस्ती जिले में अब तक सिर्फ एक ही नंबर दर्ज हुआ है.

भारत सीरीज के नंबर नहीं देना चाह रहा परिवहन विभाग
भारत सीरीज के नंबर नहीं देना चाह रहा परिवहन विभाग.



भारत सीरीज का नंबर लेने के नियम : निजी वाहनों के रजिस्ट्रेशन के लिए 15 साल का रोड टैक्स का अग्रिम भुगतान करना होता है. दूसरे राज्य में ले जाने पर वहां दोबारा रजिस्ट्रेशन कराना होता है. वन नेशन वन नंबर के तहत प्रदेश में नई गाड़ियों के लिए भारत सीरीज (बीएच) के तहत पंजीकरण किया जा रहा है. भारत सीरीज के रजिस्ट्रेशन के लिए दो-दो वर्ष के लिए टैक्स जमा किया जाता है. यानी 15 साल की वैधता में सात बार टैक्स जमा होगा. उसके बाद एक एक वर्ष का टैक्स जमा होगा. भारत सीरीज का नंबर न लेने पर परिवहन विभाग को एक साथ 15 साल का टैक्स मिलता है जबकि भारत सीरीज का नंबर लेने पर उस राज्य को घाटा उठाना पड़ता है.

भारत सीरीज के नंबर नहीं देना चाह रहा परिवहन विभाग.
भारत सीरीज के नंबर नहीं देना चाह रहा परिवहन विभाग.
भारत सीरीज के नंबर नहीं देना चाह रहा परिवहन विभाग.
भारत सीरीज के नंबर नहीं देना चाह रहा परिवहन विभाग.

लखनऊ में दो साल पहले दर्ज हुई थी कार : ट्रांसपोर्टनगर स्थित आरटीओ कार्यालय में यतेंद्र कुमार नाम के व्यक्ति की स्विफ्ट डिजायर गाड़ी का रजिस्ट्रेशन नवंबर 2021 में भारत सीरीज में किया गया था. यतेंद्र कुमार इफ्को कंपनी में नौकरी करते हैं और इफ्फको के कार्यालय भारत के चार से ज्यादा राज्य में स्थापित हैं. ऐसे में उन्होंने भारत सीरीज के नंबर के लिए अपनी गाड़ी रजिस्टर्ड कराई थी.





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