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क्रिकेट स्टेडियम से अटल बिहारी बाजपेई का नाम गायब, एलडीए कराएगा जांच - Lucknow Development Authority

लखनऊ विकास प्राधिकरण (Lucknow Development Authority) के उपाध्यक्ष का कहना है कि स्टेडियम में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई का नाम न होने को लेकर हम जांच करवाएंगे. स्टेडियम का जो नाम तय है वह नजर भी आना चाहिए.

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Published : Sep 21, 2022, 2:44 PM IST

लखनऊ : भारत रत्न अटल बिहारी बाजपेई अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम अगर आपसे पूछा जाएगा तो अधिकांश लोग नहीं बता पाएंगे कि यह कौन सी जगह है. इकाना स्टेडियम पूछे जाने की दशा में सभी को पता है कि या स्टेडियम शहीद पथ पर है. 2017 में सरकार ने इस स्टेडियम को अटल बिहारी बाजपेई के नाम पर समर्पित कर दिया था. जिसका आदेश लखनऊ विकास प्राधिकरण की ओर से किया गया था.

लखनऊ विकास प्राधिकरण (Lucknow Development Authority) के उपाध्यक्ष का कहना है कि स्टेडियम में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई का नाम न होने को लेकर हम जांच करवाएंगे. स्टेडियम का जो नाम तय है वह नजर भी आना चाहिए. जो निजी कंपनी इस स्टेडियम को संचालित कर रही है उसने कहीं भी दिखने लायक स्थान पर पूर्व प्रधानमंत्री के नाम का उल्लेख स्टेडियम में नहीं किया है. यहां तक कि पूरे स्टेडियम में अटल बिहारी वाजपेई की एक तस्वीर तक सामने से नहीं दिखाई देती है. यह बात दीगर है कि सरकार की ओर से समय समय पर स्टेडियम में अटल बिहारी बाजपेई की प्रतिमा लगाने की बात कही जाती रही है.

इस स्टेडियम का निर्माण सपा सरकार में प्राइवेट पब्लिक पार्टनरशिप के आधार पर किया गया था. जिसमें इंडियन निर्माणकर्ता कंपनी को मुफ्त भूमि दी गई थी. इस भूमि पर कंपनी को अपने खर्च पर स्टेडियम बनाना था, जबकि कुछ भूमि को अपने रियल एस्टेट डेवलपमेंट के लिए बचा कर रखना था. सरकार ने इस स्टेडियम के निर्माण पर कोई खर्च नहीं किया था. फ्रीडम के निर्माण के बाद इसका नाम इकाना स्पोर्ट्स सिटी हो गया था. नवंबर 2018 में जब स्टेडियम में पहला टी 20 मुकाबला भारत और वेस्टइंडीज के बीच खेला गया था. इस मुकाबले से ठीक एक दिन पहले एलडीए की ओर से आदेश दिया गया था कि स्टेडियम का नाम भारत रत्न अटल बिहारी बाजपेई स्टेडियम रख दिया गया है. जिसका पालन करने में इकाना कंपनी लगातार टालमटोल करती रही. जिसका असर स्टेडियम पर नजर आ रहा है. स्टेडियम में सभी प्रमुख स्थानों पर इकाना कंपनी का नाम तो नजर आता है, लेकिन अटल बिहारी बाजपेई का नाम कहीं भी नहीं दिखता है.

यह भी पढ़ें : अभी तक नहीं मिल सका कार्यालय व गाड़ी, कैसे काम करेगी एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स

इस बारे में लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष डॉ इंद्रमणि त्रिपाठी ने कहा कि निश्चित तौर पर यह जांच का विषय है और स्टेडियम में जांच कराई जाएगी. अगर सरकार ने तय किया है कि स्टेडियम का नाम अटल बिहारी बाजपेई के नाम पर हो तो या नाम जगह-जगह दिखना चाहिए. हम इसकी जांच कराएंगे.

यह भी पढ़ें : जेलर को धमकाने के मामले में मुख्तार अंसारी दोषी करार, हाईकोर्ट ने सुनाई दो साल की सजा

लखनऊ : भारत रत्न अटल बिहारी बाजपेई अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम अगर आपसे पूछा जाएगा तो अधिकांश लोग नहीं बता पाएंगे कि यह कौन सी जगह है. इकाना स्टेडियम पूछे जाने की दशा में सभी को पता है कि या स्टेडियम शहीद पथ पर है. 2017 में सरकार ने इस स्टेडियम को अटल बिहारी बाजपेई के नाम पर समर्पित कर दिया था. जिसका आदेश लखनऊ विकास प्राधिकरण की ओर से किया गया था.

लखनऊ विकास प्राधिकरण (Lucknow Development Authority) के उपाध्यक्ष का कहना है कि स्टेडियम में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई का नाम न होने को लेकर हम जांच करवाएंगे. स्टेडियम का जो नाम तय है वह नजर भी आना चाहिए. जो निजी कंपनी इस स्टेडियम को संचालित कर रही है उसने कहीं भी दिखने लायक स्थान पर पूर्व प्रधानमंत्री के नाम का उल्लेख स्टेडियम में नहीं किया है. यहां तक कि पूरे स्टेडियम में अटल बिहारी वाजपेई की एक तस्वीर तक सामने से नहीं दिखाई देती है. यह बात दीगर है कि सरकार की ओर से समय समय पर स्टेडियम में अटल बिहारी बाजपेई की प्रतिमा लगाने की बात कही जाती रही है.

इस स्टेडियम का निर्माण सपा सरकार में प्राइवेट पब्लिक पार्टनरशिप के आधार पर किया गया था. जिसमें इंडियन निर्माणकर्ता कंपनी को मुफ्त भूमि दी गई थी. इस भूमि पर कंपनी को अपने खर्च पर स्टेडियम बनाना था, जबकि कुछ भूमि को अपने रियल एस्टेट डेवलपमेंट के लिए बचा कर रखना था. सरकार ने इस स्टेडियम के निर्माण पर कोई खर्च नहीं किया था. फ्रीडम के निर्माण के बाद इसका नाम इकाना स्पोर्ट्स सिटी हो गया था. नवंबर 2018 में जब स्टेडियम में पहला टी 20 मुकाबला भारत और वेस्टइंडीज के बीच खेला गया था. इस मुकाबले से ठीक एक दिन पहले एलडीए की ओर से आदेश दिया गया था कि स्टेडियम का नाम भारत रत्न अटल बिहारी बाजपेई स्टेडियम रख दिया गया है. जिसका पालन करने में इकाना कंपनी लगातार टालमटोल करती रही. जिसका असर स्टेडियम पर नजर आ रहा है. स्टेडियम में सभी प्रमुख स्थानों पर इकाना कंपनी का नाम तो नजर आता है, लेकिन अटल बिहारी बाजपेई का नाम कहीं भी नहीं दिखता है.

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इस बारे में लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष डॉ इंद्रमणि त्रिपाठी ने कहा कि निश्चित तौर पर यह जांच का विषय है और स्टेडियम में जांच कराई जाएगी. अगर सरकार ने तय किया है कि स्टेडियम का नाम अटल बिहारी बाजपेई के नाम पर हो तो या नाम जगह-जगह दिखना चाहिए. हम इसकी जांच कराएंगे.

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