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शहादत दिवस पर याद की गईं बेगम हजरत महल

लखनऊ में बुधवार को बेगम हजरत महल की यौम-ए-शहादत पर उन्हें याद किया गया. इस मौके पर भाषा विश्वविद्यालय का नाम बेगम हजरत महल के नाम पर रखने जाने की मांग भी उठाई गई.

बेगम हजरत महल की यौम-ए-शहादत पर किया गया याद
बेगम हजरत महल की यौम-ए-शहादत पर किया गया याद
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Published : Apr 7, 2021, 11:05 PM IST

लखनऊ: अवध की राजमाता 1857 की पहली जंगे आजादी की हीरो बेगम हजरत महल की यौम-ए-शहादत पर बुधवार को उन्हें याद किया गया. इस मौके पर भाषा विश्वविद्यालय का नाम बेगम हजरत महल के नाम पर रखे जाने की मांग भी उठाई गई.

बेगम हजरत महल मेमोरियल सोसायटी की ओर से बेगम हजरत महल पार्क में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि रिसालदार पार्क स्थित बुद्ध विहार के विहाराध्यक्ष भन्ते ज्ञानालोक रहे. इस दौरान उन्होंने कहा कि आज लोगों को बेगम हजरत महल की आजादी की लड़ाई में दी गई कुर्बानियों की जानकारी नहीं है. उनकी सरकार से मांग है कि स्वतंत्रता संग्राम में बेगम द्वारा दी गई कुर्बानियों पर आधारित लेख पत्थरों में लिखवा कर पार्क में लगवाया जाए, जिससे बेगम की कुर्बानियों से देशवासी अवगत हो सकें.

इसे भी पढ़ें-संभल कर रहें, कोरोना ही नहीं 'गर्मी' भी दिल को नहीं है बर्दाश्त

वहीं कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए अब्दुल नसीर नासिर ने कहा कि कर्तव्य समझकर शहीदी दिवस को पिछले 21 सालों से मनाता आ रहा हूं और यह बेगम के लिए सबसे बड़ी श्रद्धांजलि होगी. साथ ही मांग की कि भाषा विश्वविद्यालय का नाम बेगम हजरत महल के नाम पर किया जाए. इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि आज इस महामारी के काल में कोविड के नियमों का लोग पालन करें.

लखनऊ: अवध की राजमाता 1857 की पहली जंगे आजादी की हीरो बेगम हजरत महल की यौम-ए-शहादत पर बुधवार को उन्हें याद किया गया. इस मौके पर भाषा विश्वविद्यालय का नाम बेगम हजरत महल के नाम पर रखे जाने की मांग भी उठाई गई.

बेगम हजरत महल मेमोरियल सोसायटी की ओर से बेगम हजरत महल पार्क में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि रिसालदार पार्क स्थित बुद्ध विहार के विहाराध्यक्ष भन्ते ज्ञानालोक रहे. इस दौरान उन्होंने कहा कि आज लोगों को बेगम हजरत महल की आजादी की लड़ाई में दी गई कुर्बानियों की जानकारी नहीं है. उनकी सरकार से मांग है कि स्वतंत्रता संग्राम में बेगम द्वारा दी गई कुर्बानियों पर आधारित लेख पत्थरों में लिखवा कर पार्क में लगवाया जाए, जिससे बेगम की कुर्बानियों से देशवासी अवगत हो सकें.

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वहीं कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए अब्दुल नसीर नासिर ने कहा कि कर्तव्य समझकर शहीदी दिवस को पिछले 21 सालों से मनाता आ रहा हूं और यह बेगम के लिए सबसे बड़ी श्रद्धांजलि होगी. साथ ही मांग की कि भाषा विश्वविद्यालय का नाम बेगम हजरत महल के नाम पर किया जाए. इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि आज इस महामारी के काल में कोविड के नियमों का लोग पालन करें.

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