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बिना आर्डर किए घर पार्सल पहुंचे तो हो जाएं सावधान, हो सकता है बैंक खाता साफ

देश में अब तक साइबर ठग आपसे मीलों दूर बैठ कर ठगी कर रहे थे, लेकिन अब वे आपके दरवाजे पर नॉक करने लगे हैं. वे सीधा आपके घर आ रहे हैं और बिना कोई ऑर्डर किए पार्सल की डिलीवरी (parcel delivery) देते हैं. इसके बाद साइबर ठग आपको अपनी बातों में फंसाते हैं और एक झटके में बैंक खाता खाली कर दे रहे हैं.

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Published : Nov 30, 2022, 11:52 AM IST

Updated : Nov 30, 2022, 2:11 PM IST

लखनऊ : देश में अब तक साइबर ठग आपसे मीलों दूर बैठ कर ठगी कर रहे थे, लेकिन अब वे आपके दरवाजे पर नॉक करने लगे हैं. वे सीधा आपके घर आ रहे हैं और बिना कोई ऑर्डर किए पार्सल की डिलीवरी (parcel delivery) देते हैं. इसके बाद साइबर ठग आपको अपनी बातों में फंसाते हैं और एक झटके में बैंक का खाता खाली कर दे रहे हैं. सबसे बड़ी बात यह है कि लोग ठगों के झांसे में आसानी से आ भी जा रहे हैं.

केस- 1

केस- 2

राजधानी के गुडंबा के रहने वाले नंदन शर्मा के पास एक कॉल आती है. कॉल करने वाला नंदन को बताता है कि वह कोरियर ब्वाॅय है और एक पार्सल लेकर आपके घर के सामने खड़ा हुआ है. नंदन शर्मा जब बाहर कोरियर ब्वाॅय के पास जाते हैं तो उनसे पार्सल के बदले 4400 रुपये मांगता है. जिस पर नंदन कहता है कि उसने कोई आर्डर किया ही नहीं तो वह पेमेंट क्यों करे. डिलीवरी ब्वॉय ने कहा पार्सल में लिखे कस्टमर केयर को नंबर पर फोन मिलाना होगा और झट से उसने फोन मिला दिया. थोड़ी देर कोरियर ब्वाॅय कस्टमर केयर पर खुद बात करता रहा और उसके बाद उसने नंदन से कस्टमर केयर की बात कराई. कस्टमर केयर अटेंडेंट ने नंदन से कहा कि ऑर्डर कैंसिल करने के लिए उनके मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी आएगा वह बता दें, नंदन ने आए हुए ओटीपी को कस्टमर केयर में बता दिया और उनके खाते से 35000 रुपये निकल गए.रायबरेली के हेमंत राय के साथ भी ऐसी ही हुआ. उनके घर के बाहर आये एक कोरियर ब्वाॅय एक पार्सल लेकर आया. हेमंत ने कहा कि उन्होंने कोई भी आर्डर नहीं किया है, इसलिए वह शायद किसी और का पार्सल हो सकता है. कोरियर ब्वाॅय ने पार्सल को दिखाते हुए हेमंत से कहा कि उसमें उनका ही एड्रेस लिखा हुआ है, ऐसे में आर्डर तो लेना पड़ेगा. हेमंत ने कहा कि यह कैश ऑन डिलीवरी है इसका मतलब मुझे पैसे देकर यह आर्डर लेना होगा इसलिए इसे वापस ले जाओ. जिस पर कोरियर ब्वाॅय ने हेमंत से रिक्वेस्ट करते हुए कहा कि अगर यह पार्सल मैं ऐसे ही वापस ले गया तो इसका पेमेंट मुझे अपनी जेब से करना होगा और वह गरीब आदमी है, इतना पेमेंट कैसे करेगा. इसके लिए आप इस आर्डर को कैंसिल कर दीजिए. कोरियर ब्वाॅय हेमंत को एक लिंक शेयर करता है, जिससे वह आर्डर को कैंसिल करने के लिए कहता है. हेमंत जैसे ही उस लिंक को ओपन कर उसने दिए गए निर्देश को फॉलो करता है उसके खाते से 13000 कट जाते हैं.
जानकारी देते साइबर एक्सपर्ट अमित दुबे.


कैसे होती है ठगी : दरअसल, साइबर ठगों (cyber thugs) ने इस तरह का जालसाजी करने का नया तरीका ईजाद किया है. इसमें साइबर अपराधी (cyber criminal) किसी व्यक्ति के पते पर कोरियर से एक पार्सल भेजते हैं, जो पीड़ित ने कभी ऑर्डर ही नहीं किया होता है. ऐसे में वह व्यक्ति आर्डर रिसीव करने से मना कर देता. पीड़ित के मना करते ही साइबर अपराधी अपना खेल शुरू करते हैं. पार्सल लेने से मना करने पर कोरियर ब्वॉय कस्टमर केयर को फोन लगाता है, जो असल में साइबर ठग ही होता है. थोड़ी देर कूरियर ब्वॉय खुद बात करता है फिर पीड़ित व्यक्ति को फोन पर बात कराई जाती है. कस्टमर केयर अटेंडेंट (customer care attendant) बन कर साइबर अपराधी समझाता है कि अगर ऑर्डर उसने नहीं किया है तो कैंसिल करा सकता है. बस इसके लिए मोबाइल पर आया ओटीपी बताना होगा या फिर भेजे जा रहे लिंक को ओपेन को फॉलो करना होगा. जल्दबाजी में पीड़ित ओटीपी बता देता है और ठग शिकार का खाता खाली कर देता है.


साइबर एक्सपर्ट अमित दुबे (cyber expert amit dubey) कहते हैं कि साइबर अपराधियों ने यह एक नया तरीका अख्तियार किया है. जिसके तहत डिलीवरी ब्वाॅय एक पार्सल लाता है और जब आप कहते हैं कि आर्डर ही नहीं किया तब वे एलिप्केशन इंस्टाल करा खाता खाली कर देते हैं. अमित कहते हैं कि आपको अपने फोन में ऐसे कोई भी एप्लीकेशन इंस्टॉल नहीं करनी है, क्योंकि जो आपसे जो लिंक शेयर किया जाता है वह फ़िशिंग लिंक होता हैं और क्लिक करने से अकाउंट से पैसा निकल जाता है. यूपी में कई जगह ऐसे मामले सामने आ रहे हैं. ऐसे में कोई लिंक न क्लिक करें और न ही कोई एप्लिकेशन इंस्टाल करें. ठग आपसे यह भी कहेंगे कि कैंसिलेशन कोड आया है. असल में वह ओटीपी होता है वह भी किसी से शेयर नहीं करना चाहिए. यदि आपने कोई भी पार्सल ओर्डेर नहीं किया है तो कैंसिलेशन करने की भी जरूरत नहीं. साइबर सेल प्रभारी रणविजय सिंह (Cyber cell in charge Ranvijay Singh) के मुताबिक ऐसी ठगी होने या फिर ठगी करने की कोशिश भी होने की स्थिति में तत्काल साइबर हेल्प लाइन 1930 या साइबर थाने में सूचित करें.

यह भी पढ़ें : यूके के साथ मिलकर होगा इनवेस्टिगेटिव ट्रीटमेंट, केजीएमयू में शोध के जरिए हो रहा इलाज

लखनऊ : देश में अब तक साइबर ठग आपसे मीलों दूर बैठ कर ठगी कर रहे थे, लेकिन अब वे आपके दरवाजे पर नॉक करने लगे हैं. वे सीधा आपके घर आ रहे हैं और बिना कोई ऑर्डर किए पार्सल की डिलीवरी (parcel delivery) देते हैं. इसके बाद साइबर ठग आपको अपनी बातों में फंसाते हैं और एक झटके में बैंक का खाता खाली कर दे रहे हैं. सबसे बड़ी बात यह है कि लोग ठगों के झांसे में आसानी से आ भी जा रहे हैं.

केस- 1

केस- 2

राजधानी के गुडंबा के रहने वाले नंदन शर्मा के पास एक कॉल आती है. कॉल करने वाला नंदन को बताता है कि वह कोरियर ब्वाॅय है और एक पार्सल लेकर आपके घर के सामने खड़ा हुआ है. नंदन शर्मा जब बाहर कोरियर ब्वाॅय के पास जाते हैं तो उनसे पार्सल के बदले 4400 रुपये मांगता है. जिस पर नंदन कहता है कि उसने कोई आर्डर किया ही नहीं तो वह पेमेंट क्यों करे. डिलीवरी ब्वॉय ने कहा पार्सल में लिखे कस्टमर केयर को नंबर पर फोन मिलाना होगा और झट से उसने फोन मिला दिया. थोड़ी देर कोरियर ब्वाॅय कस्टमर केयर पर खुद बात करता रहा और उसके बाद उसने नंदन से कस्टमर केयर की बात कराई. कस्टमर केयर अटेंडेंट ने नंदन से कहा कि ऑर्डर कैंसिल करने के लिए उनके मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी आएगा वह बता दें, नंदन ने आए हुए ओटीपी को कस्टमर केयर में बता दिया और उनके खाते से 35000 रुपये निकल गए.रायबरेली के हेमंत राय के साथ भी ऐसी ही हुआ. उनके घर के बाहर आये एक कोरियर ब्वाॅय एक पार्सल लेकर आया. हेमंत ने कहा कि उन्होंने कोई भी आर्डर नहीं किया है, इसलिए वह शायद किसी और का पार्सल हो सकता है. कोरियर ब्वाॅय ने पार्सल को दिखाते हुए हेमंत से कहा कि उसमें उनका ही एड्रेस लिखा हुआ है, ऐसे में आर्डर तो लेना पड़ेगा. हेमंत ने कहा कि यह कैश ऑन डिलीवरी है इसका मतलब मुझे पैसे देकर यह आर्डर लेना होगा इसलिए इसे वापस ले जाओ. जिस पर कोरियर ब्वाॅय ने हेमंत से रिक्वेस्ट करते हुए कहा कि अगर यह पार्सल मैं ऐसे ही वापस ले गया तो इसका पेमेंट मुझे अपनी जेब से करना होगा और वह गरीब आदमी है, इतना पेमेंट कैसे करेगा. इसके लिए आप इस आर्डर को कैंसिल कर दीजिए. कोरियर ब्वाॅय हेमंत को एक लिंक शेयर करता है, जिससे वह आर्डर को कैंसिल करने के लिए कहता है. हेमंत जैसे ही उस लिंक को ओपन कर उसने दिए गए निर्देश को फॉलो करता है उसके खाते से 13000 कट जाते हैं.
जानकारी देते साइबर एक्सपर्ट अमित दुबे.


कैसे होती है ठगी : दरअसल, साइबर ठगों (cyber thugs) ने इस तरह का जालसाजी करने का नया तरीका ईजाद किया है. इसमें साइबर अपराधी (cyber criminal) किसी व्यक्ति के पते पर कोरियर से एक पार्सल भेजते हैं, जो पीड़ित ने कभी ऑर्डर ही नहीं किया होता है. ऐसे में वह व्यक्ति आर्डर रिसीव करने से मना कर देता. पीड़ित के मना करते ही साइबर अपराधी अपना खेल शुरू करते हैं. पार्सल लेने से मना करने पर कोरियर ब्वॉय कस्टमर केयर को फोन लगाता है, जो असल में साइबर ठग ही होता है. थोड़ी देर कूरियर ब्वॉय खुद बात करता है फिर पीड़ित व्यक्ति को फोन पर बात कराई जाती है. कस्टमर केयर अटेंडेंट (customer care attendant) बन कर साइबर अपराधी समझाता है कि अगर ऑर्डर उसने नहीं किया है तो कैंसिल करा सकता है. बस इसके लिए मोबाइल पर आया ओटीपी बताना होगा या फिर भेजे जा रहे लिंक को ओपेन को फॉलो करना होगा. जल्दबाजी में पीड़ित ओटीपी बता देता है और ठग शिकार का खाता खाली कर देता है.


साइबर एक्सपर्ट अमित दुबे (cyber expert amit dubey) कहते हैं कि साइबर अपराधियों ने यह एक नया तरीका अख्तियार किया है. जिसके तहत डिलीवरी ब्वाॅय एक पार्सल लाता है और जब आप कहते हैं कि आर्डर ही नहीं किया तब वे एलिप्केशन इंस्टाल करा खाता खाली कर देते हैं. अमित कहते हैं कि आपको अपने फोन में ऐसे कोई भी एप्लीकेशन इंस्टॉल नहीं करनी है, क्योंकि जो आपसे जो लिंक शेयर किया जाता है वह फ़िशिंग लिंक होता हैं और क्लिक करने से अकाउंट से पैसा निकल जाता है. यूपी में कई जगह ऐसे मामले सामने आ रहे हैं. ऐसे में कोई लिंक न क्लिक करें और न ही कोई एप्लिकेशन इंस्टाल करें. ठग आपसे यह भी कहेंगे कि कैंसिलेशन कोड आया है. असल में वह ओटीपी होता है वह भी किसी से शेयर नहीं करना चाहिए. यदि आपने कोई भी पार्सल ओर्डेर नहीं किया है तो कैंसिलेशन करने की भी जरूरत नहीं. साइबर सेल प्रभारी रणविजय सिंह (Cyber cell in charge Ranvijay Singh) के मुताबिक ऐसी ठगी होने या फिर ठगी करने की कोशिश भी होने की स्थिति में तत्काल साइबर हेल्प लाइन 1930 या साइबर थाने में सूचित करें.

यह भी पढ़ें : यूके के साथ मिलकर होगा इनवेस्टिगेटिव ट्रीटमेंट, केजीएमयू में शोध के जरिए हो रहा इलाज

Last Updated : Nov 30, 2022, 2:11 PM IST
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