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बीबीएयू लखनऊ ने पेश की नजीर, इस तरह बचाई 50 लाख की बिजली - प्रोफेसर डॉ वेंकटेश दत्ता

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में स्थित बाब भीमराव अंबेडकर केंद्रीय विश्वविद्यालय ने लोगों के सामने एक नजीर पेश की है. विश्वविद्यालय ने सोलर प्लांट लगाकर करीब 50 लाख रुपये की बिजली की बचत की है. साथ ही लोगों को पर्यावरण के साथ ऊर्जा को बचाने का भी संदेश दिया है.

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बीबीएयू लखनऊ.
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Published : Nov 5, 2020, 8:49 PM IST

लखनऊ: बाबा भीमराव अंबेडकर केंद्रीय विश्वविद्यालय पर्यावरण के साथ ही ऊर्जा बचाने की भी कोशिश कर रहा है. इसके लिए दो तिहाई से अधिक स्थान को पर्यावरण संरक्षण का हब बनाने के साथ ही विद्यार्थियों को पर्यावरण का पाठ भी पढ़ाया जा रहा है. पर्यावरण विभाग के साथ मिलकर सभी विभाग के विभागाध्यक्ष परिसर को पर्यावरण अनुकूल बनाने में लगे हैं. इसी क्रम में एक नई उपलब्धि जुड़ गई है. विश्वविद्यालय ने सोलर प्लांट लगाकर करीब 50 लाख रुपये की ऊर्जा की बचत कर के लोगों के सामने की नजीर पेश की है.

बनाई गई है कमेटी

तालाब के साथ ही प्रकृति में रहने वाली वन्यजीवों को उनके अनुरूप वातावरण मिले, इसका पूरा इंतजाम किया गया है. वेटलैंड को बढ़ावा देने और परिसर में हरियाली को सुनियोजित तरीके से संरक्षित करने के लिए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर संजय सिंह की पहल पर कोर ग्रीन ग्रुप नाम से कमेटी बनाई गई है.कमेटी के सदस्यों के साथ ही पर्यावरण विज्ञान संकाय के प्रोफेसर डॉ. वेंकटेश दत्ता को विश्वविद्यालय परिसर में ग्रीन बेल्ट की देखभाल और उसे बढ़ाने की जिम्मेदारी दी गई है.

प्रकृति को समझने के लिए सिस्टम को समझना होगा

बीबीएयू के कुलपति प्रोफेसर संजय सिंह ने बताया कि प्रकृति को समझने के लिए पूरे सिस्टम को समझना होता है. जब सिस्टम समझ में आ जाता है तो हम खुद को उसमें समाहित करने का प्रयास करते हैं. विश्वविद्यालय में इसी मंशा को लेकर पर्यावरण संरक्षण का अभियान चलाया जा रहा है. अक्षय ऊर्जा के माध्यम से हमने ऊर्जा बचाने की पहल की और करीब 50 लाख रुपये की बिजली बचाई गई.

लखनऊ: बाबा भीमराव अंबेडकर केंद्रीय विश्वविद्यालय पर्यावरण के साथ ही ऊर्जा बचाने की भी कोशिश कर रहा है. इसके लिए दो तिहाई से अधिक स्थान को पर्यावरण संरक्षण का हब बनाने के साथ ही विद्यार्थियों को पर्यावरण का पाठ भी पढ़ाया जा रहा है. पर्यावरण विभाग के साथ मिलकर सभी विभाग के विभागाध्यक्ष परिसर को पर्यावरण अनुकूल बनाने में लगे हैं. इसी क्रम में एक नई उपलब्धि जुड़ गई है. विश्वविद्यालय ने सोलर प्लांट लगाकर करीब 50 लाख रुपये की ऊर्जा की बचत कर के लोगों के सामने की नजीर पेश की है.

बनाई गई है कमेटी

तालाब के साथ ही प्रकृति में रहने वाली वन्यजीवों को उनके अनुरूप वातावरण मिले, इसका पूरा इंतजाम किया गया है. वेटलैंड को बढ़ावा देने और परिसर में हरियाली को सुनियोजित तरीके से संरक्षित करने के लिए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर संजय सिंह की पहल पर कोर ग्रीन ग्रुप नाम से कमेटी बनाई गई है.कमेटी के सदस्यों के साथ ही पर्यावरण विज्ञान संकाय के प्रोफेसर डॉ. वेंकटेश दत्ता को विश्वविद्यालय परिसर में ग्रीन बेल्ट की देखभाल और उसे बढ़ाने की जिम्मेदारी दी गई है.

प्रकृति को समझने के लिए सिस्टम को समझना होगा

बीबीएयू के कुलपति प्रोफेसर संजय सिंह ने बताया कि प्रकृति को समझने के लिए पूरे सिस्टम को समझना होता है. जब सिस्टम समझ में आ जाता है तो हम खुद को उसमें समाहित करने का प्रयास करते हैं. विश्वविद्यालय में इसी मंशा को लेकर पर्यावरण संरक्षण का अभियान चलाया जा रहा है. अक्षय ऊर्जा के माध्यम से हमने ऊर्जा बचाने की पहल की और करीब 50 लाख रुपये की बिजली बचाई गई.

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