लखनऊ : बेसिक शिक्षा परिषद ने 1 अप्रैल 2023 से अपने सभी विद्यालयों में नया सत्र शुरू हो चुका है. इसके बावजूद अभी तक नए सत्र में नई ड्रेस, नया बैग, किताबें, जूते व मोजे हो या पहली बार विद्यालय जाने वाले छात्रों को अभी तक विभाग ने बजट नहीं जारी किया है. परिषदीय विद्यालयो में पढ़ने वाले विद्यार्थी इस अहसास से अछूते हैं. नया सत्र शुरू हुए डेढ़ महीना बीत चुका है और अभी तक विद्यार्थियों के अभिभावकों के खाते में डायरेक्ट बेनिफीशरी ट्रांसफर (डीबीटी) माध्यम से पैसा नहीं पहुंचा है. यह धनराशि 31 मई तक सभी विद्यालयों में पहुंच जानी थी. अधिकारियों का कहना है कि अब यह पैसा गर्मी की छुट्टियों के बाद ही अभिभावकों के खाते में भेजे जाएंगे. स्कूल चलो अभियान यह बच्चों के पंजीकरण वह पुराने बच्चों के एडमिशन की प्रक्रिया में विलंब होने के कारण अभी तक प्रदेश के 80% से अधिक विद्यालयों में बच्चों का सही डाटा मानव संपदा पोर्टल पर अपलोड नहीं हो पाया है. जिसके कारण इस प्रक्रिया में देर हो रही है.
बेसिक शिक्षा के विद्यालयों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को स्कूल शुरू होने के साथ ही नई ड्रेस, जूते-मोजे व बैग आदि दिए जाते थे. हर साल इस प्रक्रिया को पूरा करने में विद्यालयों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था. जिसके बाद प्रक्रिया में बदलाव करते हुए बच्चों के अभिभावक के खाते में सीधे डीबीटी के माध्यम से पैसा ट्रांसफर होने लगा. अब इस प्रक्रिया में भी काफी मुश्किलें आ रही हैं. समय से विद्यार्थियों के अभिभावकों को पैसा नहीं मिल रहा है. जिस कारण आधा सत्र बीत जाने के बाद ही विद्यार्थियों को मौजूदा सत्र में यूनिफॉर्म मुहैया होने की उम्मीद है. उधर, सूत्रों की मानें तो पिछली बार डीबीटी के माध्यम से करीब 15 फीसदी अभिभावकों के खाते में पैसा ही नहीं पहुंचा था. इस बार भी 30 मई तक पैसा ट्रांसफर करने का दावा किया गया था. इस पूरी प्रक्रिया के दौरान हर अभिभावक का पूरा डाटा उनका आधार नंबर बैंक डिटेल वह बच्चों से जुड़ी सारी जानकारी पोर्टल पर अपलोड करने की प्रक्रिया अभी तक पूरी नहीं हो पाई है. जिस कारण से विभाग को मौजूदा समय में कुल कितने छात्रों का प्रवेश हुआ है. इसकी सही जानकारी उपलब्ध नहीं है.
पिछले सत्र से शुरू हुआ 1200 रुपये : सत्र 2022-23 से पहले बच्चों के अभिभावकों को 1100 रुपये ही दिए जाते थे. इसमें दो जोड़ी ड्रेस, जूता, मोजा, बैग व स्वैटर खरीदना होता था. पिछली बार से यह रकम बढ़ाकर 1200 रुपये कर दी गई. इसमें 1100 रुपये के अलावा 100 रुपये बच्चे के लिए पटरी, प्रकार, पेंसिल, बॉक्स आदि के लिए मिलते हैं. बेसिक शिक्षा परिषद के अधिकारियों का कहना है कि अभी विद्यालयों में नए छात्रों का प्रवेश चल रहा है. जिस कारण से शासन से अभी कुल कितने छात्रों के लिए पैसा आना है वह नहीं जारी हुआ है. देसी शिक्षा निदेशक महेंद्र देव ने बताया कि प्रदेश के सभी प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों से विद्यार्थियों का डाटा तैयार हो रहा है. नये सत्र में जिन बच्चों ने प्रवेश लिया है उनका रिकॉर्ड भी जोड़ा जा रहा है. 15 जून तक पैसा आने की उम्मीद है. इसके बाद दो से चार दिन में पूरा पैसा खाते में ट्रांसफर हो जाएगा.
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