लखनऊ : बेसिक शिक्षा विभाग उत्तर प्रदेश की ओर से बच्चों यूनिफॉर्म, बैग, जूता, मोजा आदि की खरीद करने के लिए डीबीटी के माध्यम से 12 सो रुपये हर बच्चे के अभिभावकों के खाते में भेजता है. यह पैसा सरकार सीधे अभिभावकों के खाते में जमा कराती है. बीते साल शुरू हुई इस योजना में पूरे प्रदेश में हजारों अभिभावक ऐसे थे जिनके बंद खातों में पैसा भेज दिया गया था. जिस कारण से वह समय पर पैसे का उपयोग नहीं कर पाए हैं. इसी को देखते हुए अब सरकार ने इस योजना में एक नई कड़ी जोड़ी है. इसके तहत अभिभावकों को बैंक से डीबीटी का पैसा निकालने के लिए समय वह पैसा खर्च करके शहर अब नहीं जाना पड़ेगा. विभाग की नई व्यवस्था के अनुसार अभिभावकों की सुविधा के लिए बेसिक शिक्षा विभाग ने "बीसी सखी" योजना से इसे छोड़ने जा रहा है. जिसके बाद अभिभावकों का पैसा सीधे बैंक खातों से निकालकर उनके हाथ में पहुंचा दिया जाएगा.
अभिभावकों को घर पर ही मिल जाएगा पैसा
महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद ने बताया कि ऐसे में छात्रों और उनके माता-पिता जो ऐसे क्षेत्र में रहते हैं. जहां पर्याप्त बैंकिंग सेवाएं नहीं है और उन्हें बैंक से पैसा निकालने के लिए कस्बों व शहरों में जाना पड़ता है. उन्हें बीसी सखी के माध्यम से अपने घर में ही डीबीटी का पैसा मिल जाएगा. शिक्षा के अधिकार अधिनियम के विभिन्न मापदंडों को पारदर्शी तरीके से सफलतापूर्वक लागू करने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग ने साल 2021 से छात्रों के निशुल्क यूनिफॉर्म, स्वेटर, जूते मोजे, स्कूल बैग व स्टेशनरी आदि खरीदने के लिए उनके अभिभावकों के खाते में डीबीटी के माध्यम से पैसा भेजता है.
इसके पहले ऑनलाइन मोबाइल एप्लीकेशन ऑफ वेब पोर्टल के माध्यम से सभी छात्रों और उनके अभिभावकों का डाटा इकट्ठा किया जाता है. इसके बाद उनका आधार प्रमाणित करके उनके बैंक खातों में आधार ब्रिज पेमेंट सिस्टम के माध्यम से पैसा भेजा जाता है. इस साल 31 मई तक अभिभावकों के खाते में पैसा भेजा जाना था, पर विभाग की ओर से अभी तक यह पैसा नहीं भेजा गया है. महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद के अनुसार बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से सभी तैयारियां कर ली गई हैं. अब नई व्यवस्था के तहत सभी अभिभावकों को पैसा मुहैया कराया जाएगा.
यह भी पढ़ें : BHU में स्पेशल कोर्स की शुरुआत, काशी विद्यापीठ में इस तारीख को होगा एंट्रेंस एग्जाम