लखनऊ: रहीमाबाद क्षेत्र के ग्राम पंचायत ससपन के मजरा अटेर गांव में सैकड़ों वर्ष पुराना माता बाराही देवी का मंदिर स्थित है. लॉकडाउन के कारण मंदिर के कपाट बंद हैं, जिससे मंदिर पर भक्तों की भीड़ नहीं एकत्र हो रही है. ग्रामीणों के मुताबिक सैकड़ों वर्षों में पहला अवसर है, जब अमावस्या के दिन मंदिर के कपाट बंद हैं. आज तक कभी भी बाराही देवी मंदिर के कपाट बंद नहीं किए गए.
मलीहाबाद की सिद्ध पीठ बाराही देवी तीर्थ पर प्रत्येक माह की अमावस्या को मेले का आयोजन सैकड़ों वर्षों से निरंतर किया जाता रहा है. वहीं इस बार कोरोना वायरस के कारण घोषित लॉकडाउन से लोगों का तीर्थ पर पहुंचना प्रतिबंधित किया गया है. तीर्थ और मंदिर कमेटी के संरक्षक रमेश सिंह चौहान ने बताया कि तीर्थ क्षेत्र पर पहुंचने वाले भक्तों से अपील की गई है कि भक्त अपने घरों में रुककर बाराही देवी का पूजन करें.
मंदिर कमेटी के गंगाधर दीक्षित ने बताया कि भोर पहर में मंदिर की साफ-सफाई कर पुजारी द्वारा पूजन करने के साथ ही मंदिर के कपाट बंद कर दिए गए थे. लॉकडाउन के बाद लगातार दूसरी अमावस्या को भी मंदिर बंद रहा है. वही मंदिर के सैकड़ों वर्ष के इतिहास में कभी भी मंदिर पर ताला नहीं पड़ा.
मंदिर के मुख्य पुजारी राघवेंद्र त्रिवेदी ने भक्तों से अपील करते हुए हुआ कहा कि भक्त हवन कर अपने घर परिवार सहित समाज के वातावरण को शुद्ध करने की मुहिम चलाएं, जिससे समाज में फैली नकारात्मक ऊर्जा का शमन हो सके, इसलिए घर पर रहें और भाव पूर्वक माता का पूजन करें.
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