लखनऊ: उत्तर प्रदेश में कोरोना महामारी को लेकर लोगों में दहशत का माहौल है. वहीं लोगों द्वारा जीवनरक्षक दवाओं की कालाबाजारी भी जोरों-शोरों पर की जा रही है. इस कालाबाजारी में बड़े-बड़े लोग भी शामिल हैं. मंगलवार को मडियांव पुलिस ने रेमडेसिवीर इंजेक्शन की कालाबाजारी करते हुए बैंक मैनेजर को गिरफ्तार किया है. बैंक मैनेजर के पास से एक दर्जन के लगभग इंजेक्शन बरामद हुए हैं.
मरीज के तीमारदार को देने आया था इंजेक्शन
मिली जानकारी के मुताबिक, मोहन रस्तोगी की मां की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई हुई थी. जिनको एक निजी अस्पताल में भर्ती कराकर इलाज करवाया जा रहा है. इस दौरान डॉक्टर द्वारा मरीज के तीमारदार से रेमडेसिवीर इंजेक्शन लाने की बात कही गई थी. परिजनों ने कई लोगों से संपर्क किया तो दिनेश नामक युवक द्वारा अपने एक साथी बांके बिहारी को भेजकर इंजेक्शन को 45 हजार रुपये में दिया गया था, लेकिन वह इंजेक्शन लगाते ही मरीज को इंफेक्शन शुरू हो गया. तभी डॉक्टरों ने उस इंजेक्शन को चेक किया तो वह नकली इंजेक्शन निकला.
परिजनों ने इस बात की जानकारी लगते ही नकली इंजेक्शन देने वाले को पकड़वाने का प्लान बनाया गया. जिसके बाद फिर से इंजेक्शन की जरूरत होने की बात दिनेश से कही. जिसके बाद बांके बिहारी नामक युवक अपनी कार से इंजेक्शन लेकर पहुंचा था. इसी बीच लोगों ने बांके बिहारी को पकड़ कर पुलिस के हवाले कर दिया.
पुलिस के मुताबिक, आरोपी बांके बिहारी बैंक ऑफ इंडिया गोमतीनगर ब्रांच में मैनेजर के पद पर कार्यरत है. पुलिस ने हिरासत में लेकर उसकी तलाशी ली तो उसके पास एक दर्जन के लगभग रेमडेसिवीर इंजेक्शन बरामद हुए हैं.
आरोपी ने अपनी पहचान बांके बिहारी जालौन निवासी के रूप में हुई है. जो पेशे से गोमतीनगर के एक बैंक में मैनेजर के पद पर कार्यरत है. आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है. जिसके खिलाफ आगे की कार्रवाई की जा रही है.
-मनोज कुमार सिंह, कोतवाल