लखनऊ : बलरामपुर अस्पताल में एक आउटसोर्स महिला कर्मचारी से अभद्रता, हाथ पकड़कर घसीटने का मामला प्रकाश में आया था. पीड़िता ने अस्पताल के अफसरों से राहत न मिलने पर मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत की थी. इसके बाद मामले की जांच शुरू हुई थी. मीडिया को जानकारी होने पर अस्पताल के निदेशक ने इस मामले में जांच की बात कही थी, पर तीन दिन बाद ही पीड़िता को बलरामपुर अस्पताल से हटाने की बात सामने आ गई है. इसके अलावा आरोपी लैब टेक्नीशियन जांच शुरू होने के बाद से ही छुट्टी पर चला गया है. दूसरा आरोपी अभी उसी जगह पर काम कर रहा है.
बहरहाल अब बिना जांच पूरी हुए ही निजी कंपनी के जरिए दबाव बनाकर महिला कर्मचारी को ही बलरामपुर अस्पताल से नौकरी से हटा दिया गया है. बलरामपुर अस्पताल में पीओसीटी का काम देख रहे कौशिक ने बताया कि महिला कर्मचारी को दूसरे अस्पताल में तैनाती दी जा रही है. फिलहाल अभी वह छुट्टी पर है. बलरामपुर अस्पताल के निदेशक डॉ. एके सिंह ने बताया कि महिला कर्मचारी निजी कंपनी पीओसीटी के जरिए कार्यरत थी. कंपनी ने उसे बलरामपुर से हटाकर दूसरे अस्पताल में तैनात करने की जानकारी दी है. जांच अभी चल रही है. लैब टेक्नीशियन छुट्टी पर गया है. दूसरे आरोपी आउटसोर्स कर्मचारी को वहां से हटाकर उसी बिल्डिंग में दूसरी जगह ही तैनात कर दिया है.
विधानसभा सत्र के दौरान स्त्री रोग विशेषज्ञों की तैनाती में फर्जीवाड़ा
विधानसभा सत्र के दौरान महिला माननीयों के स्वास्थ्य जांच लिए तीन स्त्री रोग विशेषज्ञों की तैनाती होनी थी. लापरवाह अफसरों ने स्त्री रोग विशेषज्ञ की बजाए एमबीबीएस डॉक्टरों को स्त्री रोग विशेषज्ञ बताकर उनकी ड्यूटी विधानसभा सत्र में लगा दी. इस फर्जीवाड़े का खुलासा होने बाद हड़कंप मच गया. मामला महानिदेशालय तक पहुंचा. संबंधित अस्पताल के प्रभारी से जवाब-तलब करके फटकार लगाई गई. महानिदेशक डॉ. दीपक त्यागी के मुताबिक यह मामला बेहद गंभीर है. अस्पताल जरिए एमबीबीएस को स्त्री रोग विशेषज्ञ बनाया जाना गलत है. इस मामले में सख्त कार्रवाई की जाएगी.