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कल्बे जव्वाद के विरुद्ध जमानती वारंट जारी, समुदायों के बीच शत्रुता पैदा करने और मानहानि का मामला

अपर मुख्य न्यायायिक मजिस्ट्रेट अंबरीश कुमार श्रीवास्तव (Additional Chief Judicial Magistrate Ambrish Kumar Srivastava) ने मानहानि व विभिन्न समुदायों के बीच शत्रुता पैदा करने का प्रयास करने के एक मामले में गवाही के लिए शिया धर्मगुरु मौलाना सैय्यद कल्बे जव्वाद के खिलाफ जमानती वारंट जारी करने का आदेश दिया है. कोर्ट ने इस मामले के वादी जमीर नकवी के विरुद्ध भी 10 हजार रुपये का जमानती वारंट जारी करने का आदेश दिया है. इस मामले में पूर्व कैबिनेट मंत्री मोहम्मद आजम खान अभियुक्त हैं.

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Published : Nov 17, 2022, 9:32 PM IST

लखनऊ : अपर मुख्य न्यायायिक मजिस्ट्रेट अम्बरीश कुमार श्रीवास्तव (Additional Chief Judicial Magistrate Ambrish Kumar Srivastava) ने मानहानि व विभिन्न समुदायों के बीच शत्रुता पैदा करने का प्रयास करने के एक मामले में गवाही के लिए शिया धर्मगुरु मौलाना सैय्यद कल्बे जव्वाद के खिलाफ जमानती वारंट जारी करने का आदेश दिया है. कोर्ट ने इस मामले के वादी जमीर नकवी के विरुद्ध भी 10 हजार रुपये का जमानती वारंट जारी करने का आदेश दिया है. इस मामले में पूर्व कैबिनेट मंत्री मोहम्मद आजम खान अभियुक्त हैं.

एक फरवरी 2019 को इस मामले की एफआईआर आल इंडिया मुस्लिम काउंसिल (FIR All India Muslim Council) के अल्लामा जमीर नकवी (Allama Zameer Naqvi) ने दर्ज कराई थी. जिसके मुताबिक मोहम्मद आजम खान (Mohd Azam Khan) ने मंत्री रहते हुए अपने लेटर हेड व सरकारी मोहर का दुरुपयोग कर भाजपा, आरएसएस व मौलाना सैय्यद कल्बे जव्वाद नकवी (BJP, RSS and Maulana Syed Kalbe Jawwad Naqvi) को मीडिया में बदनाम किया.

राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर (national and international level) पर उनकी छवि धूमिल (image tarnished) कर उनकी मान-प्रतिष्ठा को आघात (damage to reputation) पहुंचाया. आरोप है कि अपने मनगढ़ंत बयानों से विभिन्न समुदायों के बीच शत्रुता पैदा करने का भी प्रयास किया. विवेचना के पश्चात आजम खान के विरुद्ध आईपीसी की धारा 500 व 505 (2) के तहत आरोप पत्र दाखिल हुआ था। विगत 12 अक्टूबर को अदालत ने इस मामले में आजम खान पर आरोप तय करते हुए अभियोजन को अपना गवाह पेश करने का आदेश दिया था. कोर्ट ने अब मामले की अगली सुनवाई 30 नवंबर को नियत की है.

यह भी पढ़ें : नशे में धुत युवक ने दोस्त के पेट में चाकू घोंपा, पुलिस कर रही आरोपी की तलाश

लखनऊ : अपर मुख्य न्यायायिक मजिस्ट्रेट अम्बरीश कुमार श्रीवास्तव (Additional Chief Judicial Magistrate Ambrish Kumar Srivastava) ने मानहानि व विभिन्न समुदायों के बीच शत्रुता पैदा करने का प्रयास करने के एक मामले में गवाही के लिए शिया धर्मगुरु मौलाना सैय्यद कल्बे जव्वाद के खिलाफ जमानती वारंट जारी करने का आदेश दिया है. कोर्ट ने इस मामले के वादी जमीर नकवी के विरुद्ध भी 10 हजार रुपये का जमानती वारंट जारी करने का आदेश दिया है. इस मामले में पूर्व कैबिनेट मंत्री मोहम्मद आजम खान अभियुक्त हैं.

एक फरवरी 2019 को इस मामले की एफआईआर आल इंडिया मुस्लिम काउंसिल (FIR All India Muslim Council) के अल्लामा जमीर नकवी (Allama Zameer Naqvi) ने दर्ज कराई थी. जिसके मुताबिक मोहम्मद आजम खान (Mohd Azam Khan) ने मंत्री रहते हुए अपने लेटर हेड व सरकारी मोहर का दुरुपयोग कर भाजपा, आरएसएस व मौलाना सैय्यद कल्बे जव्वाद नकवी (BJP, RSS and Maulana Syed Kalbe Jawwad Naqvi) को मीडिया में बदनाम किया.

राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर (national and international level) पर उनकी छवि धूमिल (image tarnished) कर उनकी मान-प्रतिष्ठा को आघात (damage to reputation) पहुंचाया. आरोप है कि अपने मनगढ़ंत बयानों से विभिन्न समुदायों के बीच शत्रुता पैदा करने का भी प्रयास किया. विवेचना के पश्चात आजम खान के विरुद्ध आईपीसी की धारा 500 व 505 (2) के तहत आरोप पत्र दाखिल हुआ था। विगत 12 अक्टूबर को अदालत ने इस मामले में आजम खान पर आरोप तय करते हुए अभियोजन को अपना गवाह पेश करने का आदेश दिया था. कोर्ट ने अब मामले की अगली सुनवाई 30 नवंबर को नियत की है.

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