लखनऊ : हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच (Lucknow Bench of the High Court) ने होटल लेवाना अग्निकांड (hotel levana fire) मामले के तीन अभियुक्तों रोहित अग्रवाल, राहुल अग्रवाल व सागर श्रीवास्तव की जमानत याचिकाएं मंजूर कर ली हैं. न्यायालय ने इस तथ्य पर कुछ हद तक सहमति व्यक्त की है कि मामले में अभियुक्तों पर गैर इरादतन हत्या का आरोप बनाए रखना अभियोजन के लिए कठिन है, हालांकि यह भी स्पष्ट किया है कि इस प्रश्न पर ट्रायल कोर्ट को निर्णय करना है.
यह आदेश न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह की एकल पीठ ने तीनों अभियुक्तों की ओर से दाखिल जमानत याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई के उपरांत पारित किया. याचियों की ओर से खुद को निर्दोष बताते हुए, दलील दी गई थी कि मामला दुर्घटना का है, जबकि उनके खिलाफ गैर इरादतन हत्या के आरोप में एफआईआर लिखा दी गई है. कहा गया कि यदि अभियोजन के सभी आरोपों को मान भी लिया जाए तो भी अभियुक्तों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला नहीं बनता. बहस के दौरान अभियुक्तों की ओर से यह भी कहा गया कि एलडीए, इलेक्ट्रिकल सेफ़्टी व फायर विभागों के अनापत्ति प्रमाण पत्र लेवाना होटल को जारी की गए थे. कहा गया कि होटल के फायर सेफ़्टी उपकरण काम कर रहे थे और आग लगने के बाद आग बुझाने वाले उपकरणों से पानी का छिड़काव भी शुरू हो गया था, लेकिन अधिकारियों द्वारा घटना के तत्काल बाद होटल की बिजली काट देने से इन उपकरणों ने काम करना बंद कर दिया.
वहीं जमानत याचिकाओं का राज्य सरकार व पीड़ित परिवारों के अधिवक्ताओं द्वारा विरोध किया. दलील दी कि सम्बंधित अधिकारियों की मिली-भगत से अनापत्ति प्रमाण पत्र हासिल की गए थे, अभियुक्तों को यह जानकारी थी कि किसी प्रकार के हादसे में बचाव की सम्भावना लेवाना होटल में नहीं थी. उल्लेखनीय है कि लेवाना अग्निकांड मामले की एफआईआर हज़रतगंज थाने के एसएसआई दयशंकर द्विवेदी ने 5 सितम्बर को दर्ज कराई थी. उक्त घटना में चार व्यक्तियों की झुलसने और दम घुटने से मौत हो गई थी जबकि कई लोग घायल हो गए थे.
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