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Lakhimpur Kheri Violence Case : कोर्ट ने तीन आरोपियों की जमानत याचिका खारिज की - etv bharat up

लखीमपुर खीरी हिंसा (Lakhimpur Violence Case) मामले में जिला कोर्ट ने तीन आरोपियों की जमानत याचिका खारिज (Bail Rejected of three Accused) कर दी है. कोर्ट ने कहा है कि यह बहुत ही गंभीर अपराध है और ऐसे में अभी जमानत देने का उचित आधार नहीं बनता.

Lakhimpur Kheri Violence Case
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Published : Nov 30, 2021, 5:43 PM IST

लखीमपुर खीरी : तिकुनिया हिंसा मामला (Tikunia Violence Case) में जिला जज की अदालत ने तीन आरोपियों की जमानत याचिका खारिज (Bail Rejected of three Accused) कर दी है. जिला शासकीय अधिवक्ता अरविंद त्रिपाठी ने बताया कि उल्लास त्रिवेदी उर्फ मोहित त्रिवेदी, धर्मेंद्र बंजारा और रिंकू राना की जमानत याचिका जिला अदालत (Lakhimpur Kheri District Court) ने खारिज कर दी है.

जिला जज की अदालत (Lakhimpur Kheri District Court) में आज रिंकू राना, धर्मेंद्र बंजारा और उल्लास त्रिवेदी उर्फ मोहित त्रिवेदी की जमानत पर दोपहर बाद सुनवाई शुरू हुई. अदालत में बचाव पक्ष ने तीनों आरोपियों के पक्ष में तमाम तर्क दिये और बेल के लिए अदालत से अपील की. लेकिन, अदालत में अभियोजन की तरफ से जिला शासकीय अधिवक्ता अरविंद त्रिपाठी ने आरोपियों को जमानत न दिए जाने को लेकर पुरजोर पैरवी की. अदालत ने कुछ देर बाद फैसला सुनाते हुए तीनों आरोपियों की जमानत याचिका खारिज कर दी है.


अदालत ने अपने आदेश में कहा है कि तीन अक्टूबर को तिकोनिया में प्रदर्शन कर रहे किसानों को तीनों अभियुक्तों द्वारा महिंद्रा थार, फॉर्च्यूनर और स्कॉर्पियो गाड़ी से किसानों को जान से मारने की नियत से कुचल कर मारना बतलाया गया है. यह बहुत ही गम्भीर अपराध है. साक्ष्यों को देखते हुए अभी जमानत देने का उचित आधार नहीं बनता. अभियुक्तों को जमानत देना ठीक नहीं है.

इसे भी पढ़ें - लखीमपुर हिंसा में मारे गए बीजेपी कार्यकर्ता के परिजनों को अभी भी न्याय का इंतजार...


इसके साथ ही जिला जज मुकेश मिश्रा ने तीनों आरोपियों की जमानत याचिका खारिज कर दी. अदालत ने यह भी पाया कि इन तीनों के खिलाफ कई गंभीर धाराओं में पहले से मुकदमे भी दर्ज हैं. ऐसे में अभियुक्तों की जमानत को अदालत ने उचित नहीं माना और जमानत याचिका खारिज कर दी.

गौरतलब है कि तीन अक्टूबर को लखीमपुर खीरी जिले के तिकुनिया में उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के कार्यक्रम के दौरान हिंसा हुई थी. किसान केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी के बयान को लेकर आक्रोशित थे और धरना-प्रदर्शन कर रहे थे. इसी दौरान आरोप है कि गृह राज्यमंत्री के बेटे आशीष मिश्रा ने अपनी थार गाड़ी से जान-बूझकर किसानों को कुचल दिया, जिसमें 4 किसान और एक पत्रकार की मौत हो गयी थी. इसके बाद भड़की हिंसा में तीन बीजेपी कार्यकर्ताओं की भी हत्या हो गयी थी. तिकुनिया हिंसा मामले में अब तक 17 आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं, जिसमें गृह राज्यमंत्री के बेटे आशीष मिश्रा समेत 13 आरोपी किसानों पर थार चढ़ाने और उनकी हत्या करने के मामले में नामजद हैं. बाकी चार आरोपी तिकुनिया मामले में दर्ज भाजपा कार्यकर्ता सुमित जायसवाल की तहरीर पर दर्ज मुकदमे में गिरफ्तार किये जा चुके हैं.

इसे भी पढ़ें - प्रियंका के बाद वरुण गांधी ने PM मोदी को लिखा पत्र, किसानों की मांगें मानने और गृह राज्यमंत्री पर कार्रवाई की मांग की

तिकुनिया हिंसा मामले की जांच की निगरानी सुप्रीम कोर्ट भी कर रहा है. सुप्रीम कोर्ट ने तीन आईपीएस और हाईकोर्ट के एक रिटायर्ड जज को भी तिकुनिया हिंसा मामले की जांच की निगरानी करने के लिए नियुक्त किया है.

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लखीमपुर खीरी : तिकुनिया हिंसा मामला (Tikunia Violence Case) में जिला जज की अदालत ने तीन आरोपियों की जमानत याचिका खारिज (Bail Rejected of three Accused) कर दी है. जिला शासकीय अधिवक्ता अरविंद त्रिपाठी ने बताया कि उल्लास त्रिवेदी उर्फ मोहित त्रिवेदी, धर्मेंद्र बंजारा और रिंकू राना की जमानत याचिका जिला अदालत (Lakhimpur Kheri District Court) ने खारिज कर दी है.

जिला जज की अदालत (Lakhimpur Kheri District Court) में आज रिंकू राना, धर्मेंद्र बंजारा और उल्लास त्रिवेदी उर्फ मोहित त्रिवेदी की जमानत पर दोपहर बाद सुनवाई शुरू हुई. अदालत में बचाव पक्ष ने तीनों आरोपियों के पक्ष में तमाम तर्क दिये और बेल के लिए अदालत से अपील की. लेकिन, अदालत में अभियोजन की तरफ से जिला शासकीय अधिवक्ता अरविंद त्रिपाठी ने आरोपियों को जमानत न दिए जाने को लेकर पुरजोर पैरवी की. अदालत ने कुछ देर बाद फैसला सुनाते हुए तीनों आरोपियों की जमानत याचिका खारिज कर दी है.


अदालत ने अपने आदेश में कहा है कि तीन अक्टूबर को तिकोनिया में प्रदर्शन कर रहे किसानों को तीनों अभियुक्तों द्वारा महिंद्रा थार, फॉर्च्यूनर और स्कॉर्पियो गाड़ी से किसानों को जान से मारने की नियत से कुचल कर मारना बतलाया गया है. यह बहुत ही गम्भीर अपराध है. साक्ष्यों को देखते हुए अभी जमानत देने का उचित आधार नहीं बनता. अभियुक्तों को जमानत देना ठीक नहीं है.

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इसके साथ ही जिला जज मुकेश मिश्रा ने तीनों आरोपियों की जमानत याचिका खारिज कर दी. अदालत ने यह भी पाया कि इन तीनों के खिलाफ कई गंभीर धाराओं में पहले से मुकदमे भी दर्ज हैं. ऐसे में अभियुक्तों की जमानत को अदालत ने उचित नहीं माना और जमानत याचिका खारिज कर दी.

गौरतलब है कि तीन अक्टूबर को लखीमपुर खीरी जिले के तिकुनिया में उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के कार्यक्रम के दौरान हिंसा हुई थी. किसान केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी के बयान को लेकर आक्रोशित थे और धरना-प्रदर्शन कर रहे थे. इसी दौरान आरोप है कि गृह राज्यमंत्री के बेटे आशीष मिश्रा ने अपनी थार गाड़ी से जान-बूझकर किसानों को कुचल दिया, जिसमें 4 किसान और एक पत्रकार की मौत हो गयी थी. इसके बाद भड़की हिंसा में तीन बीजेपी कार्यकर्ताओं की भी हत्या हो गयी थी. तिकुनिया हिंसा मामले में अब तक 17 आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं, जिसमें गृह राज्यमंत्री के बेटे आशीष मिश्रा समेत 13 आरोपी किसानों पर थार चढ़ाने और उनकी हत्या करने के मामले में नामजद हैं. बाकी चार आरोपी तिकुनिया मामले में दर्ज भाजपा कार्यकर्ता सुमित जायसवाल की तहरीर पर दर्ज मुकदमे में गिरफ्तार किये जा चुके हैं.

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तिकुनिया हिंसा मामले की जांच की निगरानी सुप्रीम कोर्ट भी कर रहा है. सुप्रीम कोर्ट ने तीन आईपीएस और हाईकोर्ट के एक रिटायर्ड जज को भी तिकुनिया हिंसा मामले की जांच की निगरानी करने के लिए नियुक्त किया है.

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