लखनऊ : ठाकुरगंज की चर्चित लूट कांड के आरोपी मोहित पांडे की जमानत अर्जी (Bail application of Thakurganj robbery accused rejected) को सीबीआई के विशेष जज अजय विक्रम सिंह ने खारिज कर दी है. कोर्ट ने कहा है कि अभियुक्त पर जो आरोप हैं वे प्रथम दृष्टया न सिर्फ गम्भीर हैं बल्कि अभियुक्त ने दुस्साहसपूर्ण तरीके से वारदात को अंजाम दिया है.
जमानत अर्जी का विरोध करते हुए सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता मनीष रावत (Assistant District Government Advocate Manish Rawat) का तर्क था कि इस मामले की रिपोर्ट वादी सोमेश रस्तोगी ने थाना ठाकुरगंज में दर्ज कराई थी. रिपोर्ट में कहा गया है कि 1 दिसंबर 2022 को दिन में करीब तीन बजे वादी की सास के घर से पड़ोसी ने फोन पर सूचना दी कि उसके ससुरालवालों को बंधक बनाकर लुटेरे लूट को अंजाम देकर भाग गए हैं. बताया गया है कि इस घटना का पीड़ित वादी का साला विकलांग है तथा उसके द्वारा भी बताया गया है कि लुटेरों ने करीब तीन लाख रुपये नगद सात-आठ सोने के सेट की लूट की व भाग गए हैं.
आरोप है कि लूटेरों ने भागते व्यक्त धमकी भी दी कि अगर पीड़ितों ने पुलिस को सूचना दी तो अंजाम अच्छा नहीं होगा. अदालत को बहस के दौरान बताया गया कि घटना को अंजाम देने वाले तीन लुटेरों को पुलिस ने गिरफ्तार करके लूट का माल एवं नकदी बरामद किया था. पकड़े गए लोगों ने बताया कि भरद्वाजीमंडी शाहजहांपुर के रहने वाले उसके रिश्तेदार मोहित पांडे ने साथ मिलकर घटना को अंजाम दिया है तथा वही घटना का मास्टर माइंड था. अदालत ने मोहित पांडे की जमानत अर्जी को खारिज करते हुए कहा है कि घटना के समय अभियुक्त के मोबाइल से अन्य अभियुक्तों के मोबाइल पर बात होने के साक्ष्य मौजूद हैं.
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