लखनऊ: यूपी विधानसभा चुनाव 2022 (UP Assembly Election 2022) को लेकर प्रदेश भर में सरगर्मी बढ़ती जा रही है. सभी दलें कमर कसकर सियासी मैदान में कूद चुकी हैं. वहीं समय के साथ-साथ अब प्रचार-प्रसार का तरीका भी बदल चुका है. विपक्षियों पर सवाल उठाते हुए पार्टियों के गीत मुद्दों को हवा दे रहे हैं. ऐसे ही प्रहार करती 'टैग लाइन-कैच वर्ड' सोशल मीडिया व होर्डिंग के जरिये सियासी द्वंद छेड़े हुए हैं.
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भाजपा का 'फर्क साफ', सपा का 'भाजपा साफ'
कभी सोशल मीडिया, मीडिया से दूर रहने वाली बहुजन समाज पार्टी (Bahujan Samaj Party) अब इन मंचों का जमकर उपयोग करने के मूड में हैं. बसपा प्रमुख मायावती (BSP Chief Mayawati) खुद ट्विटर पर सक्रिय रहती हैं. वहीं कैडर का वाट्सएप ग्रुप भी सक्रिय है. अब प्रचार-प्रसार के तौर-तरीकों में भी बदलाव करने का फैसला किया है. इसमें भाजपा के ' फर्क साफ' और सपा के '10 मार्च- भाजपा साफ' की तर्ज पर 'जवाब कौन देगा' का पोस्टर वार होने को है.
10 साल के सुलगते मुद्दे, जनता को याद कराएगी बसपा
एनसीआरबी के आधार पर बलात्कार की घटनाओं पर भाजपा-सपा से जवाब. दलितों पर अत्याचार, ब्राह्मणों की हत्याओं व एनकाउंटर तो यूपी में दंगों की संख्या का जिक्र कर सपा से जवाब. किसान आंदोलन में मारे गए 700 किसानों पर भाजपा से जवाब. रिक्त सरकारी लाखों पद, पेपर लीक, युवाओं पर लाठी चार्ज, भ्रष्टाचार पर 10 साल का मांगेगी बसपा.
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