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मणिपुर के हालात पर मायावती ने जताई चिंता, ट्वीट कर कही यह बात - ट्वीट

बसपा सुप्रीमो मायावती ने मणिपुर के हालात पर केंद्र सरकार से जरूरी कदम उठाने की अपील की है.

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Published : Jul 24, 2023, 10:49 AM IST

लखनऊ : बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष व उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने ट्वीट कर केंद्र सरकार से मणिपुर के हालात को जल्द से जल्द सामान्य करने के लिए जरूरी कदम उठाने की अपील की है. उन्होंने सत्ता पक्ष और विपक्ष को आरोप और प्रत्यारोप की राजनीति छोड़कर संसद में सामूहिक रूप से एकमत होकर मणिपुर के हालात सुधारने को लेकर प्रयास करने की बात कही है. बसपा सुप्रीमो ने मणिपुर के हालात पर चिंता जताते हुए ट्वीट किया है.

  • 1. मणिपुर के हालात लगातार गंभीर व चिन्ताजक बने रहने के कारण इसका दुष्प्रभाव व पलायन पड़ोसी राज्यों पर भी पड़ना स्वाभाविक, जिसको लेकर संसद में चर्चा नहीं हो पाने से स्थिति विषम। शान्ति की बहाली, लोगों की सुरक्षा व उनके जख्मों पर मरहम लगाकर क्षेत्र में जनजीवन सामान्य बनाना जरूरी।

    — Mayawati (@Mayawati) July 24, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">



बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने कहा कि 'मणिपुर के हालात लगातार गंभीर व चिन्ताजक बने रहने के कारण इसका दुष्प्रभाव व पलायन पड़ोसी राज्यों पर भी पड़ना स्वाभाविक, जिसको लेकर संसद में चर्चा नहीं हो पाने से स्थिति विषम है. शान्ति की बहाली, लोगों की सुरक्षा व उनके जख्मों पर मरहम लगाकर क्षेत्र में जनजीवन सामान्य बनाना जरूरी हो गया है. उन्होंने कहा है कि मणिपुर पर चर्चा पर सहमति के बावजूद संसद के चालू सत्र के पहले दो दिन का समय नियम विवाद को लेकर बर्बाद हो जाना दुखद व दुर्भाग्यपूर्ण है. सरकार-विपक्ष आरोप-प्रत्यारोप व एक-दूसरे को नीचा दिखाने के बजाय समस्या का हल ढूंढने का सामूहिक प्रयास करे. मणिपुर पर चर्चा व सरकारी वक्तव्य जरूरी है.


बता दें कि मणिपुर में हो रही घटनाओं को लेकर लगातार विपक्षी दल केंद्र सरकार को घेरने में लगे हुए हैं. विपक्षी दलों का आरोप है कि 80 दिन से लगातार मणिपुर जल रहा है, लेकिन केंद्र सरकार के कान पर जूं तक नहीं रेंग रही है. 77 दिन बाद सिर्फ 36 सेकंड के लिए अपने भाषण में मणिपुर का प्रधानमंत्री ने जिक्र किया. एक बार भी प्रधानमंत्री ने इतने दिनों में मणिपुर के बारे में कुछ बोला तक नहीं, जबकि वहां पर क्रूरतम घटनाएं हुई हैं. कांग्रेस लगातार सदन में इस मुद्दे को लेकर केंद्र सरकार को घेरने का प्रयास कर रही है. कांग्रेस का यह भी तर्क है कि मणिपुर के लोगों के साथ कांग्रेस पार्टी हमेशा खड़ी है. पार्टी नेता राहुल गांधी मणिपुर के लोगों से मिलकर हालात सामान्य करने पहुंचे थे. यह दायित्व केंद्र सरकार का है, लेकिन केंद्र सरकार मणिपुर की घटनाओं को गंभीरता से नहीं कर रही है. विपक्षी दल लगाता मणिपुर के मुख्यमंत्री का इस्तीफा मांग रहे हैं. गौरतलब है कि विपक्षी दल लगातार संसद के मानसून सत्र में मणिपुर के हालातों को लेकर केंद्र सरकार से जवाब देने की मांग कर रहे हैं.

यह भी पढ़ें : परिवहन विभाग में लगे एक बोर्ड से शुरू हुआ कोल्ड वॉर, एसोसिएशन ने लिखा ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर को लेटर

लखनऊ : बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष व उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने ट्वीट कर केंद्र सरकार से मणिपुर के हालात को जल्द से जल्द सामान्य करने के लिए जरूरी कदम उठाने की अपील की है. उन्होंने सत्ता पक्ष और विपक्ष को आरोप और प्रत्यारोप की राजनीति छोड़कर संसद में सामूहिक रूप से एकमत होकर मणिपुर के हालात सुधारने को लेकर प्रयास करने की बात कही है. बसपा सुप्रीमो ने मणिपुर के हालात पर चिंता जताते हुए ट्वीट किया है.

  • 1. मणिपुर के हालात लगातार गंभीर व चिन्ताजक बने रहने के कारण इसका दुष्प्रभाव व पलायन पड़ोसी राज्यों पर भी पड़ना स्वाभाविक, जिसको लेकर संसद में चर्चा नहीं हो पाने से स्थिति विषम। शान्ति की बहाली, लोगों की सुरक्षा व उनके जख्मों पर मरहम लगाकर क्षेत्र में जनजीवन सामान्य बनाना जरूरी।

    — Mayawati (@Mayawati) July 24, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">



बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने कहा कि 'मणिपुर के हालात लगातार गंभीर व चिन्ताजक बने रहने के कारण इसका दुष्प्रभाव व पलायन पड़ोसी राज्यों पर भी पड़ना स्वाभाविक, जिसको लेकर संसद में चर्चा नहीं हो पाने से स्थिति विषम है. शान्ति की बहाली, लोगों की सुरक्षा व उनके जख्मों पर मरहम लगाकर क्षेत्र में जनजीवन सामान्य बनाना जरूरी हो गया है. उन्होंने कहा है कि मणिपुर पर चर्चा पर सहमति के बावजूद संसद के चालू सत्र के पहले दो दिन का समय नियम विवाद को लेकर बर्बाद हो जाना दुखद व दुर्भाग्यपूर्ण है. सरकार-विपक्ष आरोप-प्रत्यारोप व एक-दूसरे को नीचा दिखाने के बजाय समस्या का हल ढूंढने का सामूहिक प्रयास करे. मणिपुर पर चर्चा व सरकारी वक्तव्य जरूरी है.


बता दें कि मणिपुर में हो रही घटनाओं को लेकर लगातार विपक्षी दल केंद्र सरकार को घेरने में लगे हुए हैं. विपक्षी दलों का आरोप है कि 80 दिन से लगातार मणिपुर जल रहा है, लेकिन केंद्र सरकार के कान पर जूं तक नहीं रेंग रही है. 77 दिन बाद सिर्फ 36 सेकंड के लिए अपने भाषण में मणिपुर का प्रधानमंत्री ने जिक्र किया. एक बार भी प्रधानमंत्री ने इतने दिनों में मणिपुर के बारे में कुछ बोला तक नहीं, जबकि वहां पर क्रूरतम घटनाएं हुई हैं. कांग्रेस लगातार सदन में इस मुद्दे को लेकर केंद्र सरकार को घेरने का प्रयास कर रही है. कांग्रेस का यह भी तर्क है कि मणिपुर के लोगों के साथ कांग्रेस पार्टी हमेशा खड़ी है. पार्टी नेता राहुल गांधी मणिपुर के लोगों से मिलकर हालात सामान्य करने पहुंचे थे. यह दायित्व केंद्र सरकार का है, लेकिन केंद्र सरकार मणिपुर की घटनाओं को गंभीरता से नहीं कर रही है. विपक्षी दल लगाता मणिपुर के मुख्यमंत्री का इस्तीफा मांग रहे हैं. गौरतलब है कि विपक्षी दल लगातार संसद के मानसून सत्र में मणिपुर के हालातों को लेकर केंद्र सरकार से जवाब देने की मांग कर रहे हैं.

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