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जिस जेल में बंद है मुख्तार अंसारी वहां अपराधी ही नहीं, जेल अधीक्षक भी जाने से डरते हैं

बाहुबली मुख्तार अंसारी को 15 महीनें पहले पंजाब के रोपड़ जेल से स्थानांतरित कर बांदा जेल लाया गया. शुरूआत में बाहुबली मुख्तार अंसारी खुद बांदा जेल आने से डरता रहा. लेकिन कुछ माह के बाद ही पुलिस अधिकारी बांदा जेल के अधीक्षक पद पर तैनाती से डरने लगे. हालात ये है कि 9 माह बाद भी बांदा जेल अधीक्षक का पद खाली है.

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बांदा जेल में मुख्तार अंसारी
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Published : Aug 5, 2022, 12:54 PM IST

लखनऊ: आपने अपराधियों को जेल जाने से डरने की बात सुनी होगी. लेकिन जब पुलिस अधिकारी ही जेल में अपनी कुर्सी संभालने से डरने लगे तो मामला गंभीर हो जाता है. उत्तर प्रदेश की बांदा जेल का मामला कुछ ऐसा ही है. इस जेल में पिछले 9 महीनों से जेल अधीक्षक की कुर्सी खाली है. कोई भी अधिकारी यहां तैनाती नहीं चाहता है. जिसकी वजह है यहां के जेल में बंद कैदी बाहुबली मुख्तार अंसारी हैं. बांदा की जेल में मुख्तार अंसारी के स्थानांतरित होने के बाद से ही पुलिस अधीक्षक यहां तैनाती लेने नहीं पहुंच रहे हैं.

बांदा जेल में 9 महीने बाद 30 जून 2022 को लखीमपुर जेल के सीनियर सुपरीटेंडेंट पी. पी. सिंह को बांदा जेल का सुपरिटेंडेंट बनाने का आदेश जारी हुआ. जिसके बाद पुलिस महकमे चर्चा शुरू हो गई की आखिरकार कोई अधिकारी तो है जो बांदा जेल की जिम्मेदारी लेने को तैयार है. लेकिन पी. पी. सिंह ने भी बांदा जेल का चार्ज नहीं लिया और 2 जुलाई को वो बाराबंकी जेल के सुपरिटेंडेंट बन गए. ऐसा पहली बार नहीं हुआ है. जब गृह विभाग ने बांदा जेल के लिये अधीक्षक तैनात किया हो और अधिकारी ने जॉइनिंग ही न ली हो.

ये भी पढ़ें- आगरा: ट्रैफिक पुलिसकर्मी ने गोली मारकर की आत्महत्या, जांच में जुटी पुलिस

इन अधिकारियों ने भी किया था इनकारः अप्रैल 2021 को मुख्तार अंसारी को पंजाब के रोपड़ जेल से बांदा जेल लाया गया था. ठीक एक महीने बाद 17 मई 2021 को यहां पर उन्नाव जेल से वरिष्ठ जेल अधीधिक्षक एके सिंह को तैनात किया गया. अब इसे मुख्तार अंसारी के नाम की दहशत कहें या फिर कोई अन्य कारण, जेल अधीक्षक एके सिंह 5 महीने की नौकरी करने के बाद बीमार पड़ गए और 16 अक्टूबर 2021 को मेडिकल लीव पर चले गए.

जेल की सुरक्षा को देखते हुए शासन ने बरेली जेल अधीक्षक विजय विक्रम सिंह का 12 नवंबर, 2021 को बांदा जेल तबादला कर दिया. लेकिन विजय विक्रम ने भी वहां तैनाती लेने से इनकार कर दिया. जिसके बाद शासन ने उन्हें सस्पेंड कर दिया.तब से लेकर अब तक शासन को इस जेल के लिए कोई भी अधीक्षक नहीं मिल सका है. प्रमोद त्रिपाठी ही जेलर के तौर पर बांदा जेल की जिम्मेदारी संभालते रहे. हालांकि प्रमोद त्रिपाठी भी ज्यादा दिन तक बांदा जेल को संभाल न सके और शासन ने उन्हें ललितपुर भेज दिया. वहीं ललितपुर जेल के जेलर वीरेंद्र वर्मा को बांदा स्थानांतरित कर दिया गया.

क्या कहते है जेल मंत्री? कारागार मंत्री धर्मवीर प्रजापति की माने तो जेल अधिकारियों का तबादला एक व्यवस्था के तहत किया जाता है. हाल हीं में बड़ी संख्या में जेलर प्रमोट होकर जेल अधीक्षक बने है. अधिकारियों से चर्चा चल रही है, जल्द ही बांदा जेल में अधीक्षक की तैनाती कर दी जाएगी.

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लखनऊ: आपने अपराधियों को जेल जाने से डरने की बात सुनी होगी. लेकिन जब पुलिस अधिकारी ही जेल में अपनी कुर्सी संभालने से डरने लगे तो मामला गंभीर हो जाता है. उत्तर प्रदेश की बांदा जेल का मामला कुछ ऐसा ही है. इस जेल में पिछले 9 महीनों से जेल अधीक्षक की कुर्सी खाली है. कोई भी अधिकारी यहां तैनाती नहीं चाहता है. जिसकी वजह है यहां के जेल में बंद कैदी बाहुबली मुख्तार अंसारी हैं. बांदा की जेल में मुख्तार अंसारी के स्थानांतरित होने के बाद से ही पुलिस अधीक्षक यहां तैनाती लेने नहीं पहुंच रहे हैं.

बांदा जेल में 9 महीने बाद 30 जून 2022 को लखीमपुर जेल के सीनियर सुपरीटेंडेंट पी. पी. सिंह को बांदा जेल का सुपरिटेंडेंट बनाने का आदेश जारी हुआ. जिसके बाद पुलिस महकमे चर्चा शुरू हो गई की आखिरकार कोई अधिकारी तो है जो बांदा जेल की जिम्मेदारी लेने को तैयार है. लेकिन पी. पी. सिंह ने भी बांदा जेल का चार्ज नहीं लिया और 2 जुलाई को वो बाराबंकी जेल के सुपरिटेंडेंट बन गए. ऐसा पहली बार नहीं हुआ है. जब गृह विभाग ने बांदा जेल के लिये अधीक्षक तैनात किया हो और अधिकारी ने जॉइनिंग ही न ली हो.

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इन अधिकारियों ने भी किया था इनकारः अप्रैल 2021 को मुख्तार अंसारी को पंजाब के रोपड़ जेल से बांदा जेल लाया गया था. ठीक एक महीने बाद 17 मई 2021 को यहां पर उन्नाव जेल से वरिष्ठ जेल अधीधिक्षक एके सिंह को तैनात किया गया. अब इसे मुख्तार अंसारी के नाम की दहशत कहें या फिर कोई अन्य कारण, जेल अधीक्षक एके सिंह 5 महीने की नौकरी करने के बाद बीमार पड़ गए और 16 अक्टूबर 2021 को मेडिकल लीव पर चले गए.

जेल की सुरक्षा को देखते हुए शासन ने बरेली जेल अधीक्षक विजय विक्रम सिंह का 12 नवंबर, 2021 को बांदा जेल तबादला कर दिया. लेकिन विजय विक्रम ने भी वहां तैनाती लेने से इनकार कर दिया. जिसके बाद शासन ने उन्हें सस्पेंड कर दिया.तब से लेकर अब तक शासन को इस जेल के लिए कोई भी अधीक्षक नहीं मिल सका है. प्रमोद त्रिपाठी ही जेलर के तौर पर बांदा जेल की जिम्मेदारी संभालते रहे. हालांकि प्रमोद त्रिपाठी भी ज्यादा दिन तक बांदा जेल को संभाल न सके और शासन ने उन्हें ललितपुर भेज दिया. वहीं ललितपुर जेल के जेलर वीरेंद्र वर्मा को बांदा स्थानांतरित कर दिया गया.

क्या कहते है जेल मंत्री? कारागार मंत्री धर्मवीर प्रजापति की माने तो जेल अधिकारियों का तबादला एक व्यवस्था के तहत किया जाता है. हाल हीं में बड़ी संख्या में जेलर प्रमोट होकर जेल अधीक्षक बने है. अधिकारियों से चर्चा चल रही है, जल्द ही बांदा जेल में अधीक्षक की तैनाती कर दी जाएगी.

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