लखनऊ : UP Assembly Election 2022 : सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने समाजवादी पार्टी यानी सपा से गठबंधन कर अपने उन साथियों का हाथ छोड़ दिया जो जनभागीदारी संकल्प मोर्चा में उनके साथ थे. सुभासपा के बाद अब चंद्रशेखर की आजाद समाज पार्टी यानी (आसपा) भी सपा या फिर बसपा के साथ गठबंधन की कोशिशों में जुटी हुई है. बहुत इसका खुलासा भी हो जाएगा. आसपा पार्टी जिला अध्यक्ष की मानें तो बसपा सुप्रीमो मायावती पहली प्राथमिकता हैं.
राजभर के नक्शेकदम पर चंद्रशेखर
कुछ दिन पहले ही आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष और भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर आजाद ने एलान किया था कि वह अकेले उत्तर प्रदेश की सभी 403 विधानसभा सीटों पर चुनाव मैदान में उतरेंगे. लेकिन कुछ ही दिन बाद पार्टी के सुर बदलने लगे हैं. अब बहुजन समाज पार्टी या फिर समाजवादी पार्टी के साथ चुनावी मैदान में उतरने को आजाद समाज पार्टी भी तैयार हो रही है.
पार्टी के विश्वस्त सूत्र बताते हैं कि बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती से पार्टी आलाकमान की गठबंधन को लेकर बात चल रही है. अगर यहां पर बात बनती है तो ठीक नहीं तो समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव के साथ भी आजाद समाज पार्टी हाथ मिला सकती है. बता दें, कुछ दिन पहले ही ओमप्रकाश राजभर ने अखिलेश यादव की पार्टी से गठबंधन कर लिया है. और अब यह दोनों नेता साथ मिलकर चुनावी मंच भी साझा कर चुके हैं और रथ पर सवार भी हो चुके हैं.
ओवैसी पड़ जाएंगे और भी अकेले
सपा मुखिया अखिलेश यादव सुभासपा के मुखिया राजभर को कितनी सीटें देंगे यह तो तय नहीं है, लेकिन दोनों नेताओं ने हाथ जरूर मिला लिया है. अब कभी जनभागीदारी संकल्प मोर्चा में कंधे से कंधा मिलाकर चलने वाले चंद्रशेखर भी ओमप्रकाश राजभर की तर्ज पर अपने लिए विकल्प तलाश रहे हैं. उधर एआईएमआईएम (AIMIM) के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी बिल्कुल अकेले पड़ गए हैं.
सपा, बसपा से चल रही बात
आजाद समाज पार्टी के विश्वस्त सूत्र बताते हैं कि गुपचुप तरीके से ही सही, लेकिन बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती और सपा मुखिया अखिलेश यादव के साथ आलाकमान की मुलाकात और बात दोनों ही चल रही हैं. सब कुछ सही रहा तो पार्टी की पहली प्राथमिकता बहुजन समाज पार्टी से गठबंधन होगा, उसके बाद समाजवादी पार्टी से.
क्या कहते हैं पार्टी नेता
आजाद समाज पार्टी के जिला अध्यक्ष अरविंद का कहना है कि उत्तर प्रदेश में भीम आर्मी पहले से ही काफी मजबूत है. लगातार मजबूती के लिए काम किया जा रहा है. संगठन को मजबूत किया जा रहा है. मैं संगठन का काम करता हूं इसलिए संगठन की मजबूती पर पूरा ध्यान है. जहां तक गठबंधन की बात है तो हमारी बात मायावती से चल रही है और बहुजन समाज पार्टी ही पहली प्राथमिकता होगी. समाजवादी पार्टी से भी गठबंधन हो सकता है. गठबंधन पर मुहर पार्टी का हाईकमान ही लगाएगा. इस बारे में ज्यादा बता पाना मुश्किल है. हम पूरी तरह से चुनाव मैदान में उतरने को तैयार हैं.
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