लखनऊ: यूपी में 1.18 करोड़ परिवार आयुष्मान योजना से जुड़े हुए हैं. इन परिवारों में करीब 6 करोड़ सदस्य हैं. योजना के तहत सरकारी और निजी अस्पतालों में 5 लाख तक का इलाज मुफ्त है. मगर, असाध्य रोग (किडनी, लिवर, कैंसर, ह्रदय) में कई बार लंबा इलाज चलता है. वहीं किडनी ट्रांसप्लांट में एक झटके में ही 5 लाख रुपये का खर्च हो जाता है. लिवर ट्रांसप्लांट सरकारी संस्थानों में ही 12 लाख से ऊपर है. ऐसे में आयुष्मान कार्ड धारक अपना ट्रांसप्लांट नहीं करा पाते थे. आयुष्यान योजना से जुड़े होने के कारण उन्हें दूसरी योजना से मुफ्त इलाज की सुविधा नहीं मिल पाती थी. स्टेट हेल्थ एजेंसी की सीईओ संगीता सिंह ने बताया कि अब केंद्र सरकार ने आरोग्य निधि के आयुष्मान कार्ड धारक को भी लाभ मुहैया कराने के निर्देश दिए हैं. इसके तहत उन्हें 15 लाख रुपये तक इलाज के लिए मंजूर किए जा सकेंगे. इसके लिए केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को पत्र भेज दिया है.
आयुष्मान में नहीं है ट्रांसप्लांट
सीईओ संगीता सिंह के मुताबिक आयुष्मान में करीब 1574 पैकेज हैं. इसमें ट्रांसप्लांट योजना अभी शामिल नहीं है. ऐसे में आरोग्य निधि से अब ऐसे रोगियों को भी राहत मिलेगी. यह अब किडनी, लिवर ट्रांसप्लान्ट भी करा सकेंगे. आयुष्मान योजना के अलावा अंत्योदय कार्ड धारक को भी यह लाभ मिलेगा. अभी तक बीपीएल कार्ड धारक को आरोग्य निधि से इलाज के लिए धन मिलता था. ऐसे में राज्य के 40.94 परिवार को लाभ मिलेगा.
आयुष्मान योजना
- 23 सितम्बर 2018 में यूपी में शुरू हुई.
- 1004 सरकारी अस्पताल योजना से जुड़े.
- 1504 निजी अस्पताल योजना में शामिल.
- 1 लाख 26 हजार बेड आयुष्मान अस्पतालों में