कोरोना काल में दिल के मरीजों की तादाद खासी बढ़ गई है. बदलती लाइफ स्टाइल और बढ़ते मानसिक तनाव से हृदय रोगियों की संख्या बढ़ती जा रही है. उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में एनसीडी क्लिनिक में फिजिशियन डॉ. संजीव आहूजा का कहना है कि अब ये बीमारी कम उम्र के लोगों में भी तेजी से फैल रही है. वहीं बाराबंकी जिला अस्पताल के प्रभारी सीएमएस डॉ. राजेश कुशवाहा ने बताया कि जिले में दिल के मरीजों के इलाज के लिए कोई इंतजाम नहीं है. पिछले 6 महीने से यहां कोई कार्डियोलॉजिस्ट नहीं है. लिहाजा मरीजों को निजी चिकित्सकों के पास जाना पड़ता है. सीएमएस डॉ. राजेश कुशवाहा भी मानते हैं कि यह बड़ी समस्या है. कार्डियोलॉजिस्ट के लिए शासन को पत्र लिखा गया है.
विश्व हृदय दिवस: जब बात दिल की हो तो ऐसे रखें ख्याल
20:32 September 29
कैसे दूर होगा 'दिल का दर्द', जब जिला अस्पताल में डॉक्टर ही नहीं
20:04 September 29
विश्व हृदय दिवस पर जन जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन
उत्तर प्रदेश के मऊ जिले में विश्व हृदय दिवस के अवसर पर जिले के शारदा नारायण अस्पताल में जन जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस अवसर पर डॉ. संजय सिंह ने बताया कि स्वस्थ शरीर के लिए हृदय को स्वस्थ रखना अति आवश्यक है. ह्रदय को स्वस्थ रखने के लिए उचित खान-पान और शारीरिक व्यायाम जरूरी है. इस दौरान डॉ. संजय सिंह ने कहा कि हमें कम से कम प्रतिदिन 30 मिनट योगा करना चाहिए और तैलीय पदार्थों का सेवन कम से कम करें.
19:13 September 29
भारत में हार्ट अटैक से मरने वालों की संख्या में हो रही बढ़ोतरी
लखीमपुर खीरी: जिले में अनियमित दिनचर्या और खान-पान से लगातार हृदय संबंधी रोगों में हो रही वृद्धि को लेकर जागरुकता फैलाने के उद्देश से स्वास्थ्य विभाग के एनसीडी सेल द्वारा एक जागरूकता कार्यक्रम जिला अस्पताल में आयोजित किया गया, जिसके अंतर्गत पहले प्रांगण में मानव श्रृंखला बनाई गई और उसके बाद सभागार में एक गोष्ठी का आयोजन किया गया.
कार्यक्रम के नोडल अधिकारी अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. रविंद्र शर्मा ने बताया कि 2016 के एक सर्वे के अनुसार भारत में प्रतिवर्ष लगभग 545 लाख व्यक्ति किसी न किसी रूप में हृदय संबंधी रोग से पीड़ित हैं, जिसमें से लगभग 17 लाख व्यक्ति प्रतिवर्ष इस बीमारी के चलते मौत के शिकार हो जाते हैं, जबकि विश्व में इससे होने वाली प्रतिवर्ष मौत लगभग 179 लाख है, जो कि विश्व में कुल मृत्यु का 31 प्रतिशत है. डॉ. रविंद्र शर्मा ने बताया कि इसका मूल कारण हमारी तेजी से बदलती हुई जीवन शैली है. स्वस्थ भोजन, शरीर को क्रियाशील रखकर नियमित व्यायाम करके, मानसिक तनाव को कम करके, धूम्रपान से बचकर और हरी साग-सब्जियों का सेवन करके इस बीमारी को कम किया जा सकता है.
17:20 September 29
जागरूकता ही हृदय रोग से बचाव का उपाय
लखनऊ: विश्व हृदय दिवस हर वर्ष 29 सितंबर को मनाया जाता है. इसे मनाने का उद्देश्य यह है कि हृदय रोगों के बारे में लोगों में जागरुकता बढ़े. वर्तमान समय में अव्यवस्थित दिनचर्या, तनाव, गलत खान-पान, पर्यावरण प्रदूषण और अन्य कारणों के चलते हृदय रोग की समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं. छोटी उम्र से लेकर बुजर्गों तक में हृदय से जुड़ी समस्याएं होना अब आम बात हो गई है. उत्तर प्रदेश के कई जिलों में विश्व हृदय दिवस पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया.
कन्नौज में स्क्रीनिंग कार्यक्रम का आयोजन
हृदय रोग के प्रति जागरूकता लाने और हृदय संबंधी समस्याओं से बचने के लिए हर साल 29 सितंबर को विश्व हृदय दिवस के रूप में मनाया जाता है. इसी के तहत मंगलवार को जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर विश्व हृदय दिवस पर स्क्रीनिंग कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसके तहत मरीजों के शुगर, ब्लड प्रेशर आदि की जांच की गई, साथ ही बचाव के टिप्स भी दिए गए.
सीएमओ डॉ. के. स्वरूप ने कहा कि हृदय को स्वस्थ रखना हमारे लंबे जीवन के लिए आवश्यक ही नहीं बल्कि जरूरी है, लेकिन स्वस्थ रखने की चाह रखने वाला व्यक्ति अपने ही रहन-सहन, खान-पान और तैलीय भोज्य पदार्थों के कारण हृदय रोगी बन रहा है. उन्होंने कहा कि कार्यक्रम के माध्यम से लोगों को यह बताना है कि हृदय को स्वस्थ रखने के लिए दिनचर्या में कैसे बदलाव लाया जाए ताकि हृदय की बीमारी से बचा जा सके. सीएमओ ने कहा कि इसके लिए सबसे पहले समाज के हर व्यक्ति को जागरूक होना होगा.
इन बातों का रखें ख्याल
सीएमओ डॉ. के. स्वरूप ने बताया कि रात में जल्दी सोए और सुबह जल्दी उठें. साथ ही रात में भोजन के बाद कम से कम 100 मीटर टहले. फास्टफूड व जंकफूड से परहेज करें. तली भुनी चीजों का कम से कम इस्तेमाल करें. अधिक मात्रा में मांसाहार, धूम्रपान एवं शराब से दूरी बनाए. सीएमओ ने कहा कि लोगों को उम्र के हिसाब से सुबह उठ कर योग करना, टहलना, खेलना, व्यायाम करना आदि को जीवन शैली में शामिल करना चाहिए.
20:32 September 29
कैसे दूर होगा 'दिल का दर्द', जब जिला अस्पताल में डॉक्टर ही नहीं
कोरोना काल में दिल के मरीजों की तादाद खासी बढ़ गई है. बदलती लाइफ स्टाइल और बढ़ते मानसिक तनाव से हृदय रोगियों की संख्या बढ़ती जा रही है. उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में एनसीडी क्लिनिक में फिजिशियन डॉ. संजीव आहूजा का कहना है कि अब ये बीमारी कम उम्र के लोगों में भी तेजी से फैल रही है. वहीं बाराबंकी जिला अस्पताल के प्रभारी सीएमएस डॉ. राजेश कुशवाहा ने बताया कि जिले में दिल के मरीजों के इलाज के लिए कोई इंतजाम नहीं है. पिछले 6 महीने से यहां कोई कार्डियोलॉजिस्ट नहीं है. लिहाजा मरीजों को निजी चिकित्सकों के पास जाना पड़ता है. सीएमएस डॉ. राजेश कुशवाहा भी मानते हैं कि यह बड़ी समस्या है. कार्डियोलॉजिस्ट के लिए शासन को पत्र लिखा गया है.
20:04 September 29
विश्व हृदय दिवस पर जन जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन
उत्तर प्रदेश के मऊ जिले में विश्व हृदय दिवस के अवसर पर जिले के शारदा नारायण अस्पताल में जन जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस अवसर पर डॉ. संजय सिंह ने बताया कि स्वस्थ शरीर के लिए हृदय को स्वस्थ रखना अति आवश्यक है. ह्रदय को स्वस्थ रखने के लिए उचित खान-पान और शारीरिक व्यायाम जरूरी है. इस दौरान डॉ. संजय सिंह ने कहा कि हमें कम से कम प्रतिदिन 30 मिनट योगा करना चाहिए और तैलीय पदार्थों का सेवन कम से कम करें.
19:13 September 29
भारत में हार्ट अटैक से मरने वालों की संख्या में हो रही बढ़ोतरी
लखीमपुर खीरी: जिले में अनियमित दिनचर्या और खान-पान से लगातार हृदय संबंधी रोगों में हो रही वृद्धि को लेकर जागरुकता फैलाने के उद्देश से स्वास्थ्य विभाग के एनसीडी सेल द्वारा एक जागरूकता कार्यक्रम जिला अस्पताल में आयोजित किया गया, जिसके अंतर्गत पहले प्रांगण में मानव श्रृंखला बनाई गई और उसके बाद सभागार में एक गोष्ठी का आयोजन किया गया.
कार्यक्रम के नोडल अधिकारी अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. रविंद्र शर्मा ने बताया कि 2016 के एक सर्वे के अनुसार भारत में प्रतिवर्ष लगभग 545 लाख व्यक्ति किसी न किसी रूप में हृदय संबंधी रोग से पीड़ित हैं, जिसमें से लगभग 17 लाख व्यक्ति प्रतिवर्ष इस बीमारी के चलते मौत के शिकार हो जाते हैं, जबकि विश्व में इससे होने वाली प्रतिवर्ष मौत लगभग 179 लाख है, जो कि विश्व में कुल मृत्यु का 31 प्रतिशत है. डॉ. रविंद्र शर्मा ने बताया कि इसका मूल कारण हमारी तेजी से बदलती हुई जीवन शैली है. स्वस्थ भोजन, शरीर को क्रियाशील रखकर नियमित व्यायाम करके, मानसिक तनाव को कम करके, धूम्रपान से बचकर और हरी साग-सब्जियों का सेवन करके इस बीमारी को कम किया जा सकता है.
17:20 September 29
जागरूकता ही हृदय रोग से बचाव का उपाय
लखनऊ: विश्व हृदय दिवस हर वर्ष 29 सितंबर को मनाया जाता है. इसे मनाने का उद्देश्य यह है कि हृदय रोगों के बारे में लोगों में जागरुकता बढ़े. वर्तमान समय में अव्यवस्थित दिनचर्या, तनाव, गलत खान-पान, पर्यावरण प्रदूषण और अन्य कारणों के चलते हृदय रोग की समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं. छोटी उम्र से लेकर बुजर्गों तक में हृदय से जुड़ी समस्याएं होना अब आम बात हो गई है. उत्तर प्रदेश के कई जिलों में विश्व हृदय दिवस पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया.
कन्नौज में स्क्रीनिंग कार्यक्रम का आयोजन
हृदय रोग के प्रति जागरूकता लाने और हृदय संबंधी समस्याओं से बचने के लिए हर साल 29 सितंबर को विश्व हृदय दिवस के रूप में मनाया जाता है. इसी के तहत मंगलवार को जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर विश्व हृदय दिवस पर स्क्रीनिंग कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसके तहत मरीजों के शुगर, ब्लड प्रेशर आदि की जांच की गई, साथ ही बचाव के टिप्स भी दिए गए.
सीएमओ डॉ. के. स्वरूप ने कहा कि हृदय को स्वस्थ रखना हमारे लंबे जीवन के लिए आवश्यक ही नहीं बल्कि जरूरी है, लेकिन स्वस्थ रखने की चाह रखने वाला व्यक्ति अपने ही रहन-सहन, खान-पान और तैलीय भोज्य पदार्थों के कारण हृदय रोगी बन रहा है. उन्होंने कहा कि कार्यक्रम के माध्यम से लोगों को यह बताना है कि हृदय को स्वस्थ रखने के लिए दिनचर्या में कैसे बदलाव लाया जाए ताकि हृदय की बीमारी से बचा जा सके. सीएमओ ने कहा कि इसके लिए सबसे पहले समाज के हर व्यक्ति को जागरूक होना होगा.
इन बातों का रखें ख्याल
सीएमओ डॉ. के. स्वरूप ने बताया कि रात में जल्दी सोए और सुबह जल्दी उठें. साथ ही रात में भोजन के बाद कम से कम 100 मीटर टहले. फास्टफूड व जंकफूड से परहेज करें. तली भुनी चीजों का कम से कम इस्तेमाल करें. अधिक मात्रा में मांसाहार, धूम्रपान एवं शराब से दूरी बनाए. सीएमओ ने कहा कि लोगों को उम्र के हिसाब से सुबह उठ कर योग करना, टहलना, खेलना, व्यायाम करना आदि को जीवन शैली में शामिल करना चाहिए.