लखनऊः राजधानी में गो आधारित कृषि कार्याें के क्षेत्र में काम करने वाले गो सेवकों को गो सेवा आयोग कार्यालय पर सम्मानित किया गया. गो सेवा आयोग के अध्यक्ष प्रो. श्याम नंदन सिंह ने गो सेवकों को सम्मानित किया. इस अवसर पर विभिन्न क्षेत्रों से आए गो सेवकों और कृषकों ने उत्पादित किए जा रहे जैविक अनाजों, दालों, औषधिय पौधों, मसालों आदि उत्पादों के विषय में चर्चा की.
गो आधारित खेती के अनुभव से कराया अवगत
महिप सिंह ने बताया कि 3 हजार किसानों को गो आधारित कृषि का प्रशिक्षण दिलाया गया है. दिलीन राय ने 700 एकड़ भूमि पर गो आधारित खेती के अनुभव से सभी को अवगत कराया. श्वेतांक त्रिपाठी ने बताया कि मुख्यमंत्री निराश्रित गोवंश सहभागिता योजना से प्रेरित होकर गांव में घूम रहे पशुओं की उपयोगिता किसानों को बताई. गिरिजा शंकर ने कहा कि गो आधारित प्राकृतिक खेती के क्षेत्र में हल्दी और धान की खेती की है. हल्दी से धान की तुलना में दोगुना लाभ कमाया. उपस्थित ग्राम प्रधानों ने बताया कि अस्थाई गोवंश आश्रय स्थलों से संरक्षित गोवंश के मू़त्र और गोबर को कृषि कार्यों में उपयोग में लाने के लिए प्रेरित किया.
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गो-वंश के लिए हो रहे कार्यों की सरहाना की
गो सेवा आयोग के अध्यक्ष ने किसानों के किए जा रहे कार्यों की और गोवंश के प्रति लोगों का जागरूक करने के लिए सराहना की. इस दौरान ओम्कारेश्वर सेवा ट्रस्ट प्रबंध निदेशक सुनील कुमार मिश्रा का आभार व्यक्त किया. इस अवसर पर उप्र गो सेवा आयोग के सदस्य कृष्ण कुमार सिंह, उर्फ भोले सिंह, सचिव डाॅ वीरेन्द्र सिंह, विशेष कार्याधिकारी डाॅ. नरजीत सिंह, डाॅ. प्रतीक सिंह आदि अधिकारी उपस्थित रहे.