लखनऊ: एक तरफ प्रदेश में कोरोना संक्रमण से हर कोई परेशान रहा तो वहीं कोरोना कर्फ्यू लगने से लोगों का काम-धंधा चौपट हो गया. किसी का व्यापार प्रभावित हुआ तो किसी का रोजगार चला गया. वहीं दूसरी तरफ अब आवास विकास परिषद ने फ्लैट की कीमतों में करीब 4.32 लाख रुपये का इजाफा कर दिया है. कोरोना काल में जब एक भी फ्लैट नहीं बिक रहा है तब कीमतें बढ़ने से लोग परेशान हैं.
अवध बिहार योजना में बढ़ाए दाम
आवास विकास परिषद की अवध विहार योजना (Avadh Vihar Yojna) वर्ष 2015 में शुरू हुई थी. उस समय लोगों ने 23.25 लाख रुपये में फ्लैट का पंजीकरण कराया था, लेकिन इसकी कीमत वर्तमान में 27.57 लाख रुपये कर दी गई है. इतना ही नहीं अन्य शुल्क लगाने पर कीमत और बढ़ जाएगी. अवध विहार योजना में गोमती और सरयू एंक्लेव में कुल 3,119 लोगों को फ्लैट आवंटित हुए थे. एक बेडरूम व दो बेडरूम के फ्लैटों के आवंटन तीन चरणों में हुए थे. 22 दिसंबर 2015 को पहली लॉटरी हुई थी. 29 जनवरी 2016 को आवंटन पत्र जारी हुआ. उस समय दो बेडरूम 'टाइप ए' के मकान की कीमत 23.25 लाख निर्धारित थी, लेकिन अप्रैल 2021 में इसकी कीमत अब 27 लाख 57 हजार 800 रुपये कर दी गई है. इसमें 4 लाख 32 हजार 800 रुपये की बढ़ोतरी की गई है.
कीमत बढ़ने से लोगों में नाराजगी
कोरोना संकट के दौरान कीमतें बढ़ाए जाने से लोगों में नाराजगी है. वर्ष 2015 में पंजीकरण कराने के बाद 2019 में फ्लैट का कब्जा दिया जाना था, लेकिन दो साल बाद अब कब्जा दिया जा रहा है. आवंटियों का कहना है कि दो श्रेणी के फ्लैटों के रेट भी अलग-अलग हैं. 'टाइप ए' के फ्लैट की कीमत पहले 23.25 लाख रुपये थी. वहीं अब इसकी कीमत बढ़ाकर 27 लाख 57 हजार 800 रुपये कर दी गई है. अवध विहार के गोमती एंक्लेव में दो बेडरूम के 'टाइप ए' का फ्लैट 2016 में 24.11 लाख रुपये में आवंटित हुआ था. अब इसकी कीमत बढ़ाकर 25 लाख 45 हजार 320 रुपये कर दी गई है. कीमतें बढ़ने से आवंटियों को किस्तें जमा करने में परेशानी हो रही है. इस कारण कई लोग फ्लैट वापस करने का मन बना रहे हैं. वहीं अवध बिहार योजना के संपत्ति प्रबंधक तपेंद्र बहादुर सिंह का तर्क है कि पंजीकरण पुस्तिका में ही मूल्य वृद्धि की जानकारी दे दी जाती है. कास्टिंग विभाग से जो भी कीमतें तय होती हैं, उसी आधार पर आवंटियों को पत्र भेजा जाता है.
एलडीए में अफसरों के कामकाज का बंटवारा
संयुक्त सचिव ऋतु सुहास का तबादला गाजियाबाद एडीएम प्रशासन के पद पर होने पर एलडीए अधिकारियों के बीच कार्यों का नए सिरे से फेरबदल किया गया है. शहर में हो रहे अवैध निमार्णों को रोकने के लिए लखनऊ विकास प्राधिकरण (lucknow development authority) के उपाध्यक्ष अभिषेक प्रकाश ने बुधवार को नये सिरे से कार्यों का बंटवारा किया है. अभी तक जोन चार व छह में अवैध निर्माण रोकने समेत अन्य महत्वपूर्ण कार्यों कम्यूनिटी किचन चलाने व कोविड कन्ट्रोल सेन्टर की जिम्मेदारी संभाल रहीं सयुंक्त सचिव ऋतु सुहास का तबादला होने के पश्चात उनके स्थान पर लविप्रा (लखनऊ विकास प्राधिकरण) में तबादला होकर आए ओएसडी अमित राठौर को प्रवर्तन जोन चार, पांच व छह की जिम्मेदारी दी गई है.
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ऋतु सुहास के ट्रांसफर के बाद इन्हें मिली जिम्मेदारी
इसके अलावा ऋतु सुहास के पास जो दायित्व थे उनकी जिम्मेदारी ओएसडी अमित राठौर को दी गई है। जोन एक व तीन के प्रवर्तन का दायित्व नजूल अधिकारी आनन्द कुमार सिंह को, प्रवर्तन जोन सात का दायित्व विशेष कार्याधिकारी राम शंकर को तथा प्रवर्तन जोन दो की जिम्मेदारी विशेष कार्याधिकारी धमेन्द्र कुमार सिंह को दी गई है। इसके अतिरिक्त कोविड कन्ट्रोल रुम व आईटी सेल की जिम्मेदारी तहसीलदार राजेश शुक्ला को देने समेत ,नायब तहसीलदार स्निग्धा चतुवेर्दी, उपसचिव माधवेश कुमार, तहसीलदार मो. असलम के कार्यों में पूर्व में दिये गये अधिकारों में आँशिक संशोधन कर नयी जिम्मेदारी सौंपी गई है.