लखनऊ : असमय बारिश व ओलावृष्टि होने के कारण आम बागवानों को भारी नुकसान हुआ है. सरकार द्वारा बागों का नुकसान का निरीक्षण अभी तक नहीं किया गया है. इसके अलावा लखनऊ जिले को आपदाग्रस्त जिले में vurx रखा गया है. इससे किसानों व बागवानों में भारी आक्रोष व्याप्त है. जिसको लेकर किसानों ने अवध आम उत्पादक एवं बागवानी समिति के बैनर तले मुख्यमंत्री को सम्बोधित पांच सूत्रीय ज्ञापन एसडीएम को सौंपा है.
अवध आम उत्पादक एवं बागवानी समिति के महासचिव उपेन्द्र कुमार सिंह का कहना है कि मलिहाबाद फलपट्टी में काफी हद तक आम की फसल का नुकसान होने के बावजूद लखनऊ को आपदा जिले में नहीं रखा गया है. उन्होंने सरकार से मांग किया है कि बारिश व ओलावृष्टि में हुए नुकसान की क्षतिपूर्ति के रूप में प्रत्येक किसान को प्रति हेक्टेयर 80 हजार की आर्थिक मदद की जाए. मौसम विभाग की रिपोर्ट के आधार पर यह तय किया जाए कि कहां कितनी बारिश व ओलावृष्टि हुई है. आम का निर्यात बढ़ाने के लिए ए ग्रेड के आम का सरकारी मूल्य तय होना चाहिए. समय पर व सभी को कैरेट व डिब्बा दिलाए जाने के लिए सम्बन्धित संस्था को निर्देशित किया जाए.
उन्होंने कहा कि सरकार का किसानों के निजी नलकूपों को सौ प्रतिशत बिजली बिल में छूट देने का फैसला सराहनीय है, लेकिन विद्युत विभाग के अधिशासी अभियंता के कार्यालय में कोई शासनादेश नहीं पहुंचने से बनी भ्रम की स्थिति को दूर किया जाए. जागरूक उपभोक्ता जन कल्याण समिति के अध्यक्ष लेखराम मौर्य, उपाध्यक्ष कमलेश वर्मा, महामंत्री खलील अहमद ने भी मुआवजा दिलाने की मांग करते हुए ज्ञापन सौंपा है. इस दौरान समिति के सचिव सहित परवेज अहमद खान, सुजाउल रहमान खान, शुऐब खान व दर्जनों किसान मौजूद रहे.
मलिहाबाद के बागवानों को आपदा ग्रस्त सूची में जोड़ने के लिए बागवानों ने सौंपा ज्ञापन, कही यह बात
बारिश और ओलावृष्टि ने लखनऊ के मलिहाबाद फलपट्टी क्षेत्र के किसानों व बागवानों की कमर तोड़ दी है. इसके बावजूद सरकारी आंकड़े में लखनऊ को आपदाग्रस्त श्रेणी में नहीं रखा गया है. इसको लेकर अवध आम उत्पादक एवं बागवानी समिति के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री को सम्बोधित पांच सूत्रीय ज्ञापन एसडीएम को सौंपा है.
लखनऊ : असमय बारिश व ओलावृष्टि होने के कारण आम बागवानों को भारी नुकसान हुआ है. सरकार द्वारा बागों का नुकसान का निरीक्षण अभी तक नहीं किया गया है. इसके अलावा लखनऊ जिले को आपदाग्रस्त जिले में vurx रखा गया है. इससे किसानों व बागवानों में भारी आक्रोष व्याप्त है. जिसको लेकर किसानों ने अवध आम उत्पादक एवं बागवानी समिति के बैनर तले मुख्यमंत्री को सम्बोधित पांच सूत्रीय ज्ञापन एसडीएम को सौंपा है.
अवध आम उत्पादक एवं बागवानी समिति के महासचिव उपेन्द्र कुमार सिंह का कहना है कि मलिहाबाद फलपट्टी में काफी हद तक आम की फसल का नुकसान होने के बावजूद लखनऊ को आपदा जिले में नहीं रखा गया है. उन्होंने सरकार से मांग किया है कि बारिश व ओलावृष्टि में हुए नुकसान की क्षतिपूर्ति के रूप में प्रत्येक किसान को प्रति हेक्टेयर 80 हजार की आर्थिक मदद की जाए. मौसम विभाग की रिपोर्ट के आधार पर यह तय किया जाए कि कहां कितनी बारिश व ओलावृष्टि हुई है. आम का निर्यात बढ़ाने के लिए ए ग्रेड के आम का सरकारी मूल्य तय होना चाहिए. समय पर व सभी को कैरेट व डिब्बा दिलाए जाने के लिए सम्बन्धित संस्था को निर्देशित किया जाए.
उन्होंने कहा कि सरकार का किसानों के निजी नलकूपों को सौ प्रतिशत बिजली बिल में छूट देने का फैसला सराहनीय है, लेकिन विद्युत विभाग के अधिशासी अभियंता के कार्यालय में कोई शासनादेश नहीं पहुंचने से बनी भ्रम की स्थिति को दूर किया जाए. जागरूक उपभोक्ता जन कल्याण समिति के अध्यक्ष लेखराम मौर्य, उपाध्यक्ष कमलेश वर्मा, महामंत्री खलील अहमद ने भी मुआवजा दिलाने की मांग करते हुए ज्ञापन सौंपा है. इस दौरान समिति के सचिव सहित परवेज अहमद खान, सुजाउल रहमान खान, शुऐब खान व दर्जनों किसान मौजूद रहे.