लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अब निर्माण योजनाओं के भ्रष्टाचार पर वार करना शुरू कर दिया है. सीएम योगी निर्माण कार्यों में धांधली व गुणवत्ता में होने वाली खराबी को लेकर एक्शन मोड में नजर आ रहे हैं. निर्माण योजनाओं की लागत की जांच व गुणवत्ता की निगरानी के लिए मुख्यमंत्री के निर्देश पर मॉनिटरिंग एंड ऑडिट अथॉरिटी बनाने का फैसला किया गया है.
मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद निर्माण योजनाओं की ऑडिट और मॉनिटरिंग के लिए जल्द ही कैबिनेट में एक प्रस्ताव लाया जाएगा और अथॉरिटी का गठन किया जाएगा. निर्माण कार्यों में कमीशनखोरी पर प्रभावी रोक और गुणवत्ता बनाए रखने के लिए इस अथॉरिटी के गठन का निर्णय किया गया है. वहीं कुछ समय पहले इसको लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सामने प्रस्तुतीकरण भी दिया जा चुका है.
अब प्रस्ताव के अनुसार अथॉरिटी का गठन नियोजन विभाग के अंतर्गत किया जाएगा. परियोजनाओं की मॉनिटरिंग मूल्यांकन रचना ऑडिट और अभिनव प्रयोग इसके मुख्य उद्देश्य होंगे. इसके माध्यम से प्रभाग के कार्यों का प्रवचन किया जाएगा. इस अथॉरिटी में पीडब्ल्यूडी के एक सेवानिवृत्त विभागाध्यक्ष को अहम जिम्मेदारी मिलने की बात कही जा रही है.
गठित की जाने वाली अथॉरिटी पांच करोड़ रुपये से लेकर 25 करोड़ रुपये तक के विभिन्न विभागों की परियोजना का परीक्षण करेगी. 25 करोड़ रुपये से अधिक लागत की परियोजनाओं में व्यय वित्त समिति को अथॉरिटी तकनीकी सहयोग देगी. 10% से अधिक लागत वाली परियोजनाओं और 6 माह से अधिक कार्य अवधि वाली परियोजनाओं की तिमाही समीक्षा करने की मुख्य रूप से जिम्मेदारी होगी.