लखनऊ: मनकामेश्वर मंदिर की महंत दिव्या गिरी होली के त्योहार को लेकर ईटीवी भारत के साथ जानकारी साझा की. उन्होंने बताया कि यदि शुभ मुहूर्त में सभी लोग होली का पर्व मनाते हैं और होलिका दहन करते हैं तो उससे सभी की मनोकामनाएं पूर्ण होंगी. होलिका के समय को गजकेसरी योग बोलते हैं. गजकेसरी योग का मतलब होता है जब चंद्रमा बृहस्पति की अच्छी दशाएं हों. इन दोनों ग्रहों का लोगों पर अच्छा प्रभाव पड़ता है. होलिका में शुद्ध वस्तुओं का प्रयोग करें
महंत दिव्या गिरी ने बताया कि कई बार होलिका को जलाने में लोग पन्नी और गाड़ी के टायरों का भी प्रयोग करते हैं जिससे होलिका जलने के बाद पूरे क्षेत्र में प्रदूषण फैलता है. कोरोनावायरस का प्रकोप चारों तरफ त्राहिमाम मचाए हुए है.
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उन्होंने कहा कि हम सभी से आग्रह करेंगे कि थोड़ी-थोड़ी जावित्री लेकर उस होलिका दहन में डालेंगे तो अपने क्षेत्र का प्रदूषण और वातावरण पूरी तरह से समाप्त कर पाएंगे. होलिका दहन में गाय का घी और यदि कहीं से गाय के गोबर के कंडे मिल जाए तो उसका भी प्रयोग करें.
महंत दिव्या गिरी ने कहा कि सभी भक्तों से निवेदन है कि आपसी भाईचारे के साथ इस पर्व को मनाए. किसी भी तरह का किसी भी व्यक्ति से मनमुटाव न रखें. जिस व्यक्ति को रंग पसंद है उसे रंग लगाएं. जिसे न पसंद हो उसे न लगाएं.
वहीं आचार्य धनमंजय महाराज ने बताया कि होली प्रतीक है कि जितनी भी नकारात्मकताएं है वो सब समाप्त हो जाएं और चारों ओर खुशहाली बनी रहे. उन्होंने कहा कि होलिका दहन का शुभ मुहूर्त 9 तारीख को शाम को 6:52 से लेकर 8:52 बजे तक है.