लखनऊ: सूचना का अधिकार अधिनियम (Right to Information Act) और लखनऊ विकास प्राधिकरण के नाम पर डराकर अनेक डॉक्टरों से अवैध वसूली का प्रयास करने का मामला गुरुवार को प्रकाश में आया. पीड़ित डॉक्टरों ने लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष से गुहार लगाई. पीड़ित डॉक्टरों ने कहा है कि आरटीआई एक्टिविस्ट के नाम पर ब्लैकमेल करने वाले शख्स ने उनसे 10-10 लाख रुपए की मांग की थी.
इस प्रकरण की जांच की जिम्मेदारी लखनऊ विकास प्राधिकरण (Lucknow Development Authority) के उपाध्यक्ष ने सचिव को दी. पीड़ित डाॅक्टरों ने अपनी शिकायत में बताया कि कैंट रोड स्थित पुराना किला निवासी शमीम अहमद उन लोगों के विरूद्ध लखनऊ विकास प्राधिकरण एवं अन्य सरकारी विभागों की कार्रवाई के नाम पर डराकर ब्लैकमेल कर रहा है और जबरन धन वसूली की साजिश कर रहा है. इस क्रम में शमीम अहमद द्वारा प्राधिकरण में झूठी शिकायत करके प्रार्थीगण के अस्पतालों का ध्वस्तीकरण कराने की धमकियां दी जा रही हैं.
पीड़ित डाॅक्टरों ने बताया कि जब इस सम्बंध में उनके शुभचिंतकों ने शमीम अहमद से बात करके धमकियों की वजह जाननी चाही, तो उसने प्रति अस्पताल 10-10 लाख रुपये देने की बात कही और धमकाया कि अगर डाॅक्टरों ने रुपये नहीं दिये, तो वह अलग-अलग नामों से झूठी शिकायत करके अस्पताल के भवनों को सील एवं ध्वस्त करवा देगा. पीड़ित डाॅक्टरों का कहना है कि शमीम अहमद द्वारा उनके अलावा अन्य प्रतिष्ठित व्यक्तियों को भी इसी तरह ब्लैकमेल और परेशान किया जा रहा है.
साथ ही सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म पर उनके संस्थानों के बारे में अनर्गल शिकायतें प्रसारित करके ख्याति एवं सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है. डाॅक्टरों ने उपाध्यक्ष के समक्ष प्रार्थना पत्र प्रस्तुत करते हुए कहा कि शमीम अहमद द्वारा किये जा रहे इस कृत्य से प्राधिकरण की छवि भी धूमिल हो रही है. उपाध्यक्ष ने बताया कि सम्बंधित व्यक्ति के खिलाफ पूर्व में भी ऐसी शिकायतें आई हैं, जिनमें जांच के आदेश दिए गए थे.
गुरुवार को जानकीपुरम स्थित आईकाॅन हाॅस्पिटल के डाॅ. डीके. वत्सल, आलमबाग स्थित अजंता अस्पताल के डाॅ. अनिल खन्ना, इंदिरा नगर स्थित सी.एन.एस. अस्पताल के डाॅ. अशोक निराला, प्राग नारायण रोड स्थित एडवांस्ड सर्जिकल सेंटर के डाॅ. रोहित भाटिया, गोमती नगर स्थित प्रकाश नेत्र केन्द्र के डाॅ. शोभित चावला एवं डाॅ. रजत कुमार द्वारा इस सम्बंध में शिकायत की. इस पर सचिव पवन कुमार गंगवार को प्रकरण की जांच के आदेश दिये. उन्होंनें कहा कि जांच रिपोर्ट आने पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी.