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देवबंद में ही एटीएस कमांडो सेंटर क्यों? आइए जानते हैं पूरा मामला... - terrorist activities in deoband

सहारनपुर के देवबंद में ATS कमांडो सेंटर (ATS Commando Center) की स्थापना करने का फैसला लिया गया है. आइये जानते हैं कि आखिर देवबंद में ही क्यों ATS कमांडो सेंटर की स्थापना की जा रही है?

देवबंद में ही एटीएस कमांडो सेंटर क्यों?
देवबंद में ही एटीएस कमांडो सेंटर क्यों?
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Published : Aug 18, 2021, 6:07 PM IST

Updated : Aug 18, 2021, 8:55 PM IST

लखनऊ: पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सहारनपुर के देवबंद का आतंकियों से गहरा रिश्ता रहा है. यूपी पुलिस के एक सीनियर अफसर की मानें तो देवबंद आतंकियों का ट्रेनिंग सेंटर है. यहां से एक दशक से आतंकियों के पकड़े जाने का सिलसिला जारी है. आतंकी गतिविधियों के चलते ही योगी सरकार ने यहां ATS कमांडो सेंटर (ATS Commando Center) खोलने का फैसला किया है. इसे विधानसभा चुनाव से भी जोड़कर देखा जा रहा है. हालांकि सरकार और यूपी पुलिस के जिम्मेदार इसे आंतरिक सुरक्षा को लेकर किया गया फैसला बता रहे हैं.

देवबंद में ही एटीएस कमांडो सेंटर क्यों?

दरभंगा रेलवे स्टेशन पर ब्लास्ट का देवबंद कनेक्शन
बता दें कि हाल ही में देवबंद की चर्चा दरभंगा रेलवे स्टेशन ब्लास्ट से शुरू हुई थी. दरअसल, एनआईए की टीम ने दरभंगा ब्लास्ट प्रकरण में इमरान खान और नासिर खान को हैदराबाद से गिरफ्तार किया था. ये दोनों देवबंद स्थित कैराना नगर के मोहल्ला कायस्थवाड़ा के रहने वाले हैं और पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के साथ संबंध बताए जा रहे हैं. पकड़े गए आरोपियों की शिनाख्त पर देवबंद से करीब चार और संदिग्ध दबोचे गए. खुलासा हुआ कि सहारनपुर के आतंकियों ने ही दरभंगा रेलवे स्टेशन पर ब्लास्ट की साजिश रची थी. यह कोई पहला मामला नहीं था, जब सहारनपुर के देवबंद से आतंकी पकड़े गए.

पश्चिमी यूपी से आतंकी कनेक्शन.
पश्चिमी यूपी से आतंकी कनेक्शन.

मसूद अजहर को छुड़ाने की साजिश सहारनपुर में रची गई थी
देवबंद में आतंकियों के पकड़े जाने का सिलसिला जैश ए मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को 1994 में छुड़ाने के लिए सहारनपुर से ही साजिश रची गई थी. हापुड़ से अगवा किए गए विदेशी नागरिकों को सहारनपुर के खाताखेड़ी में रखा गया था. नवंबर 1994 में हुए इस मामले में विदेशी नागरिकों को छुड़ाने के लिए पुलिस की आतंकियों के साथ मुठभेड़ हुई थी, जिसमें इंस्पेक्टर ध्रुवलाल यादव और एक सिपाही शहीद हो गया थे, जबकि एक आतंकी भी मारा गया था. यह पहली वारदात थी, जब पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जैश ए मोहम्मद की सक्रियता उजागर हुई थी. इसके बाद मुजफ्फरनगर के गांव जौला से जैश का एरिया कमांडर मोहम्मद वारिस भी गिरफ्तार किया गया था. बाद में भी जैश ए मोहम्मद का कनेक्शन कई बार पश्चिमी यूपी और सहारनपुर जनपद से जुड़ता रहा है. बीते 20 नवंबर 2020 में दिल्ली में पकड़े गए संदिग्ध आतंकी अशरफ और लतीफ को लेकर भी सहारनपुर का नाम आया था. यह दोनों देवबंद आए या नहीं, इसकी अधिकारिक पुष्टि तो नहीं हो पाई, लेकिन जैश-ए-मोहम्मद का सहारनपुर के साथ ही पश्चिमी यूपी के अन्य जिलों में कनेक्शन पहले भी सामने आता रहा है.

पश्चिमी यूपी से आतंकी कनेक्शन.
पश्चिमी यूपी से आतंकी कनेक्शन.

पुलवामा आतंकी हमले के बाद दो आतंकियों ने किया था देवबंद का रुख
बता दें कि फरवरी 2020 में ही एटीएस और पुलिस ने जैश ए मोहम्मद के सदस्य शाहनवाज तेली निवासी जिला कुलगाम जम्मू कश्मीर और आकिब अहमद मलिक निवासी पुलवामा जम्मू कश्मीर को गिरफ्तार किया था. पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद इन दोनों आतंकियों ने देवबंद का रुख किया था. दोनों आतंकियों को जैश के लिए फिदाइन तैयार करने का लक्ष्य दिया गया था, जिसका खुलासा एटीएस की पूछताछ में हुआ था.

इसे भी पढ़ें-देवबंद में बनेगा ATS कमांडो सेंटर, अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद लिया फैसला

आतंकियों पर कार्रवाई करने के लिए कमांडो सेंटर की स्थापना
एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार (ADG Law and Order Prashant Kumar) की मानें तो एटीएस को और अधिक प्रभावशाली बनाने के लिए इंडो-नेपाल बॉर्डर पर बहराइच और श्रावस्ती में एटीएस की नई फील्ड यूनिट स्थापित की जा चुकी है. इसी के साथ उत्तर प्रदेश के अतिसंवेदनशील मेरठ, अलीगढ़, श्रावस्ती, बहराइच, ग्रेटर नोएडा (जेवर एयरपोर्ट), आजमगढ़ (निकट एयरपोर्ट), कानपुर, सोनभद्र, मीरजापुर और सहारनपुर के देवबंद में एटीएस कमांडो ट्रेनिंग सेंटर स्थापित करने का निर्णय लिया गया है. इन्हीं सेंटरों में देवबंद का भी कमांडो सेंटर शामिल है. इसकी स्थापना एटीएस को मजबूत करने और आतंकियों पर कार्रवाई की नीयत से की जा रही है. कमांडो सेंटर की स्थापना के लिए यूपी सरकार ने संबंधित जिलों में भूमि का आवंटन कर दिया है. कुछ चुनिंदा अफसरों को भी जिलों में तैनात भी कर दिया गया है. बहुत जल्द भवनों के निर्माण का काम शुरू हो जाएगा. उन्होंने बताया कि इसके साथ ही वाराणसी और झांसी में भी एटीएस कंमाडो सेंटर की स्थापना के लिए भूमि आवंटन की प्रक्रिया चल रही है.


पश्चिमी यूपी के चर्चित मामले

  • 1994 में तीन ब्रिटिश नागरिकों को बंधक बनाकर आतंकियों ने सहारनपुर के खाताखेड़ी में रखा था.
  • 1991 में लक्ष्मी सिनेमा में बम फटा था, जिसमें आठ-दस लोग मारे गए थे. उस समय घटना में आतंकियों का हाथ बताया गया था.
  • किफायत उल्लाह उर्फ जाफर अहमद उर्फ अताउर्रहमान उर्फ अल उल्लाह मोहल्ला कस्साबान सरसावा का रहने वाला था. जो बाद में जम्मू कश्मीर चला गया था. फिर हूजी का चीफ बना, राजस्थान में भी रहा.
  • 2005 में अयोध्या में हुए बम कांड में तीतरो के डाक्टर इरफान को पकड़ा गया था.
  • 2001 में आतंकी गतिविधियों के चलते मुफ्ती इसरार को एक मदरसे से पुलिस ने पकड़ा.
  • अगस्त 2010 में देवराज सहगल उर्फ शाहिद उर्फ इकबाल भट्टी को पटियाला से गिरफ्तार किया. उसने सहारनपुर से लाइसेंस एवं अन्य दस्तावेज बनवाए थे.
  • सितंबर 2015 की रात दिल्ली पुलिस की स्पेशल टीमों ने सहारनपुर रेलवे स्टेशन के बाहर से हिजबुल इंडियन मुजाहिदीन के आतंकी एजाज शेख को गिरफ्तार किया था.
  • 22 फरवरी 2019 को एटीएस और पुलिस ने देवबंद से जैश ए मोहम्मद के आतंकी शाहनवाज तेली निवासी कुलगाम जम्मू कश्मीर और आकिब अहमद मलिक निवासी पुलवामा जम्मू कश्मीर को गिरफ्तार किया.

लखनऊ: पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सहारनपुर के देवबंद का आतंकियों से गहरा रिश्ता रहा है. यूपी पुलिस के एक सीनियर अफसर की मानें तो देवबंद आतंकियों का ट्रेनिंग सेंटर है. यहां से एक दशक से आतंकियों के पकड़े जाने का सिलसिला जारी है. आतंकी गतिविधियों के चलते ही योगी सरकार ने यहां ATS कमांडो सेंटर (ATS Commando Center) खोलने का फैसला किया है. इसे विधानसभा चुनाव से भी जोड़कर देखा जा रहा है. हालांकि सरकार और यूपी पुलिस के जिम्मेदार इसे आंतरिक सुरक्षा को लेकर किया गया फैसला बता रहे हैं.

देवबंद में ही एटीएस कमांडो सेंटर क्यों?

दरभंगा रेलवे स्टेशन पर ब्लास्ट का देवबंद कनेक्शन
बता दें कि हाल ही में देवबंद की चर्चा दरभंगा रेलवे स्टेशन ब्लास्ट से शुरू हुई थी. दरअसल, एनआईए की टीम ने दरभंगा ब्लास्ट प्रकरण में इमरान खान और नासिर खान को हैदराबाद से गिरफ्तार किया था. ये दोनों देवबंद स्थित कैराना नगर के मोहल्ला कायस्थवाड़ा के रहने वाले हैं और पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के साथ संबंध बताए जा रहे हैं. पकड़े गए आरोपियों की शिनाख्त पर देवबंद से करीब चार और संदिग्ध दबोचे गए. खुलासा हुआ कि सहारनपुर के आतंकियों ने ही दरभंगा रेलवे स्टेशन पर ब्लास्ट की साजिश रची थी. यह कोई पहला मामला नहीं था, जब सहारनपुर के देवबंद से आतंकी पकड़े गए.

पश्चिमी यूपी से आतंकी कनेक्शन.
पश्चिमी यूपी से आतंकी कनेक्शन.

मसूद अजहर को छुड़ाने की साजिश सहारनपुर में रची गई थी
देवबंद में आतंकियों के पकड़े जाने का सिलसिला जैश ए मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को 1994 में छुड़ाने के लिए सहारनपुर से ही साजिश रची गई थी. हापुड़ से अगवा किए गए विदेशी नागरिकों को सहारनपुर के खाताखेड़ी में रखा गया था. नवंबर 1994 में हुए इस मामले में विदेशी नागरिकों को छुड़ाने के लिए पुलिस की आतंकियों के साथ मुठभेड़ हुई थी, जिसमें इंस्पेक्टर ध्रुवलाल यादव और एक सिपाही शहीद हो गया थे, जबकि एक आतंकी भी मारा गया था. यह पहली वारदात थी, जब पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जैश ए मोहम्मद की सक्रियता उजागर हुई थी. इसके बाद मुजफ्फरनगर के गांव जौला से जैश का एरिया कमांडर मोहम्मद वारिस भी गिरफ्तार किया गया था. बाद में भी जैश ए मोहम्मद का कनेक्शन कई बार पश्चिमी यूपी और सहारनपुर जनपद से जुड़ता रहा है. बीते 20 नवंबर 2020 में दिल्ली में पकड़े गए संदिग्ध आतंकी अशरफ और लतीफ को लेकर भी सहारनपुर का नाम आया था. यह दोनों देवबंद आए या नहीं, इसकी अधिकारिक पुष्टि तो नहीं हो पाई, लेकिन जैश-ए-मोहम्मद का सहारनपुर के साथ ही पश्चिमी यूपी के अन्य जिलों में कनेक्शन पहले भी सामने आता रहा है.

पश्चिमी यूपी से आतंकी कनेक्शन.
पश्चिमी यूपी से आतंकी कनेक्शन.

पुलवामा आतंकी हमले के बाद दो आतंकियों ने किया था देवबंद का रुख
बता दें कि फरवरी 2020 में ही एटीएस और पुलिस ने जैश ए मोहम्मद के सदस्य शाहनवाज तेली निवासी जिला कुलगाम जम्मू कश्मीर और आकिब अहमद मलिक निवासी पुलवामा जम्मू कश्मीर को गिरफ्तार किया था. पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद इन दोनों आतंकियों ने देवबंद का रुख किया था. दोनों आतंकियों को जैश के लिए फिदाइन तैयार करने का लक्ष्य दिया गया था, जिसका खुलासा एटीएस की पूछताछ में हुआ था.

इसे भी पढ़ें-देवबंद में बनेगा ATS कमांडो सेंटर, अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद लिया फैसला

आतंकियों पर कार्रवाई करने के लिए कमांडो सेंटर की स्थापना
एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार (ADG Law and Order Prashant Kumar) की मानें तो एटीएस को और अधिक प्रभावशाली बनाने के लिए इंडो-नेपाल बॉर्डर पर बहराइच और श्रावस्ती में एटीएस की नई फील्ड यूनिट स्थापित की जा चुकी है. इसी के साथ उत्तर प्रदेश के अतिसंवेदनशील मेरठ, अलीगढ़, श्रावस्ती, बहराइच, ग्रेटर नोएडा (जेवर एयरपोर्ट), आजमगढ़ (निकट एयरपोर्ट), कानपुर, सोनभद्र, मीरजापुर और सहारनपुर के देवबंद में एटीएस कमांडो ट्रेनिंग सेंटर स्थापित करने का निर्णय लिया गया है. इन्हीं सेंटरों में देवबंद का भी कमांडो सेंटर शामिल है. इसकी स्थापना एटीएस को मजबूत करने और आतंकियों पर कार्रवाई की नीयत से की जा रही है. कमांडो सेंटर की स्थापना के लिए यूपी सरकार ने संबंधित जिलों में भूमि का आवंटन कर दिया है. कुछ चुनिंदा अफसरों को भी जिलों में तैनात भी कर दिया गया है. बहुत जल्द भवनों के निर्माण का काम शुरू हो जाएगा. उन्होंने बताया कि इसके साथ ही वाराणसी और झांसी में भी एटीएस कंमाडो सेंटर की स्थापना के लिए भूमि आवंटन की प्रक्रिया चल रही है.


पश्चिमी यूपी के चर्चित मामले

  • 1994 में तीन ब्रिटिश नागरिकों को बंधक बनाकर आतंकियों ने सहारनपुर के खाताखेड़ी में रखा था.
  • 1991 में लक्ष्मी सिनेमा में बम फटा था, जिसमें आठ-दस लोग मारे गए थे. उस समय घटना में आतंकियों का हाथ बताया गया था.
  • किफायत उल्लाह उर्फ जाफर अहमद उर्फ अताउर्रहमान उर्फ अल उल्लाह मोहल्ला कस्साबान सरसावा का रहने वाला था. जो बाद में जम्मू कश्मीर चला गया था. फिर हूजी का चीफ बना, राजस्थान में भी रहा.
  • 2005 में अयोध्या में हुए बम कांड में तीतरो के डाक्टर इरफान को पकड़ा गया था.
  • 2001 में आतंकी गतिविधियों के चलते मुफ्ती इसरार को एक मदरसे से पुलिस ने पकड़ा.
  • अगस्त 2010 में देवराज सहगल उर्फ शाहिद उर्फ इकबाल भट्टी को पटियाला से गिरफ्तार किया. उसने सहारनपुर से लाइसेंस एवं अन्य दस्तावेज बनवाए थे.
  • सितंबर 2015 की रात दिल्ली पुलिस की स्पेशल टीमों ने सहारनपुर रेलवे स्टेशन के बाहर से हिजबुल इंडियन मुजाहिदीन के आतंकी एजाज शेख को गिरफ्तार किया था.
  • 22 फरवरी 2019 को एटीएस और पुलिस ने देवबंद से जैश ए मोहम्मद के आतंकी शाहनवाज तेली निवासी कुलगाम जम्मू कश्मीर और आकिब अहमद मलिक निवासी पुलवामा जम्मू कश्मीर को गिरफ्तार किया.
Last Updated : Aug 18, 2021, 8:55 PM IST
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