लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अटल आवासीय विद्यालय योजना को लेकर गुरुवार को लोक भवन में समीक्षा बैठक की. उन्होंने योजना में तेजी लाने के निर्देश दिए और कहा कि अधिकारी सुनिश्चित करें कि हर हाल में तय समय पर विद्यालय शुरू हो जाएं. 15 विद्यालयों के लिए भूमि चिह्नित कर आगे की कार्यवाही शुरू कर दी गयी है.
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ये बोले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अटल आवासीय विद्यालय योजना के तहत 2021 तक हर हाल में विद्यालयों के संचालन करने के निर्देश दिए हैं.
- इन विद्यालयों में पंजीकृत श्रमिकों के बच्चों के अलावा अनाथ बच्चों के प्रवेश और शिक्षा की व्यवस्था की जाए.
- बच्चों की योग्यता, क्षमता और कौशल का मूल्यांकन करते हुए उनकी रुचि के अनुसार शिक्षा दी जाए, जिससे उनका बेहतर भविष्य बन सके.
- अवस्थापना सुविधाओं के तहत खेल के मैदान और कौशल विकास की भी व्यवस्थाएं सुनिश्चित हों.
- यह विद्यालय ऐसे मॉडल बनें, जिससे अन्य लोगों को भी प्रेरणा मिले.
- प्रत्येक मंडल में निर्मित होने वाले 18 विद्यालयों में शिक्षक, प्रधानाचार्य और अन्य स्टॉफ की तैनाती व सेवा शर्तों के संबंध में शीघ्र प्रस्ताव शासन को उपलब्ध कराया जाए.
- विद्यालय और छात्रावास के भवनों का आर्किटेक्चर भारतीय दर्शन और संस्कृति के अनुरूप हो.
- छात्रावास फूडिंग व लॉजिंग की व्यवस्था के संबंध में अलग से उत्तरदायित्व सौंपा जाए.
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प्रवेश परीक्षा के माध्यम से लिया जाएगा प्रवेश
विद्यालयों में प्रवेश परीक्षा के माध्यम से प्रवेश लिया जाएगा. बच्चों के लिए काउंसलिंग की भी व्यवस्था रहेगी. विद्यालयों के अनुश्रवण के संबंध में जिला तथा प्रदेश स्तर पर समितियां गठित की जाएंगी. सीएम योगी ने आश्वासन दिया कि इन विद्यालयों के निर्माण के संबंध में धन की कमी आड़े नहीं आएगी. बैठक में प्रमुख सचिव श्रम एवं सेवायोजन सुरेश चंद्रा ने आवासीय विद्यालय योजना की प्रगति के बारे में अवगत कराया.
भवन निर्माण का कार्य करेगा राजकीय निर्माण निगम
प्रदेश के सभी 18 मंडलों में एक-एक सह शिक्षा एवं आवासीय विद्यालय की स्थापना की तेजी से कार्यवाही की जा रही है. विद्यालयों के निर्माण के लिए 15 स्थानों पर भूमि का चिन्हीकरण किया जा चुका है. शेष स्थानों पर शीघ्र ही भूमि की व्यवस्था सुनिश्चित हो जाएगी. विद्यालय के भवन निर्माण के लिए उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम कार्यवाही कर रहा है. चरणबद्ध ढंग से विद्यालयों का निर्माण और संचालन सुनिश्चित किया जाएगा. इन विद्यालयों में पठन-पाठन का कार्य कक्षा छह से 12वीं तक किया जाएगा.