लखनऊः आतंवादियों से निपटने के लिए उत्तर प्रदेश एटीएस के जांबाज कमांडो अत्याधुनिक तकनीक से लैस हैं. आज अवध शिल्पग्राम में चल रहे हुनर हाट में उन्होंने हथियारों और मशीनों की प्रदर्शनी लगायी. जिसमें एटीएस के इस्तेमाल किये जाने वाले अत्याधुनिक हथियारों के जखीरे को दिखाया गया है. इस दौरान हथियारों के बारे में मेले में आये लोगों को जानकारी दी गयी.
कैंप में मौजूद हथियारों के बारे में दी जानकारी
इंस्पेक्टर अरुण कुमार ने कैंप में मौजूद हथियारों और मशीनों के बारे में लोगों को विस्तार से जानकारी दी.
रोप लांचर
रोप लांचर ऊंची बिल्डिंग में कमांडोज को चढ़ने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. हाई रिस्क ऑपरेशन में इसका इस्तेमाल होता है. इसकी सहायता से ऊंची बिल्डिंग में कमांडोज आसानी से चढ़ जाते हैं, और वहां मौजूद आतंकवादियों का खात्मा करते हैं.
पावर असेंबल
पावर असेंबल का इस्तेमाल तब किया जाता है, जब सीधे रास्ते पर आतंकवादियों के आईडी लगाए जाने का खतरा होता है. तब पावर असेंबल से कमांडोज सुरक्षित टारगेट तक पहुंचते हैं.
ड्रोन
दुश्मनों की गतिविधियों के बारे में जानकारी रखने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया जाता है. दुश्मनों के पास कौन-कौन से हथियार उपलब्ध है, और उनकी संख्या कितनी है इसके बारे में ड्रोन कैमरे से नजर रखी जाती है.
इजराइली गन
इजरायली गन का इस्तेमाल अर्बन ऑपरेशन में किया जाता है, जहां पर शत्रु के सामने आए बिना उनको नष्ट किया जाता है. इस गन की सबसे बड़ी खासियत ये है कि वो 62 डिग्री टर्न हो जाती है, इसे कॉर्नर सूट गन भी कहते हैं.
सब मशीन गन
वर्ल्ड की सबसे ज्यादा बिकने वाली और सबसे इफेक्टिव गन है. एटीएस इसका इस्तेमाल प्राथमिक हथियार के रूप में करती है.
टेलीस्कोपिक गन
ये भारत में मेक इन इंडिया के तहत बनाया गया अत्याधुनिक गन मशीन है। इसकी रेंज 800 मीटर है. ये 800 मीटर की दूरी तक शत्रुओं पर अभेद्य निशाना लगा सकती है.
इंस्पेक्टर अरुण कुमार के मुताबिक हुनर हाट में 400 से 500 लोग कैंप में आते हैं, और उन्हें हम अधियारों और मशीनों के बारे में जानकारी देते हैं. हुनर हाट में स्पेक्टर अरुण कुमार के अलावा हेड कांस्टेबल प्रेम सिंह, कमांडो प्रदीप शर्मा, शिवा तिवारी, धर्मराज, आशीष दीक्षित और महिला कमांडो पूनम तोमर मौजूद रहीं.