लखनऊ : पिछले दिनों परिवहन विभाग की छवि धूमिल होने वाली घटना हुई. पुलिस ने महाराजगंज के एआरटीओ और पीटीओ समेत आठ कर्मचारियों को हिरासत में ले लिया. आरोप था कि वह वाहनों से वसूली करते थे. उत्तर प्रदेश ट्रांसपोर्ट ऑफिसर्स वेलफेयर एसोसिएशन ने महाराजगंज पुलिस की तरफ से महराजगंज एआरटीओ पर की गई कार्रवाई पर चिंता जाहिर की है. संगठन की तरफ से गोरखपुर के आरटीओ आरबी सोनकर को जिम्मेदारी सौंपी है कि वह विभागीय अधिकारियों को बचाने के लिए उनकी पैरवी करें. संगठन ने इस पूरे मामले पर बैठक कर गंभीर विचार विमर्श किया है.
उत्तर प्रदेश ट्रांसपोर्ट ऑफिसर्स वेलफेयर एसोसिएशन की बैठक में महाराजगंज में हुई घटना को लेकर गंभीर विचार विमर्श किया गया. बैठक में उपस्थित कार्यकारिणी के सदस्यों ने पूरे घटनाक्रम को गोरखपुर के आरटीओ (प्रवर्तन) संजय कुमार झा ने सुना और इस मामले में दर्ज कराई गई प्रथम सूचना रिपोर्ट और जिलाधिकारी महाराजगंज की आख्या को भी देखा और गंभीरता से इसे परखा. कार्यकारिणी को अन्य सूत्रों से यह भी जानकारी मिली है कि महाराजगंज के सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी प्रदीप कुमार रात को महाराजगंज होटल में ठहरे हुए थे. यहां से उन्हें रात में स्थानीय पुलिस ने घटनास्थल पर ले जाकर कोल्हुई रोड पर चेकिंग करने वाली परिवहन विभाग की टीम का हिस्सा बता दिया, ऐसा बिल्कुल भी नहीं था.
संगठन के अध्यक्ष वीके सोनकिया ने बताया कि 'कार्यकारिणी को परिवहन आयुक्त कार्यालय से यह जानकारी हुई है कि अभी तक प्रदीप कुमार की ई चालान पोर्टल की आईडी सक्रिय नहीं हुई है. उन्हें स्टाफ कार और प्रवर्तन स्टाफ भी आवंटित नहीं हुआ है. ऐसे में प्रदीप कुमार को चेकिंग टीम में सम्मिलित कैसे माना जा सकता है? इसमें पुलिस का दबाव साफ नजर आ रहा है. उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश ट्रांसपोर्ट ऑफिसर्स वेलफेयर एसोसिएशन अधिकारियों के खिलाफ की गई इस कार्रवाई की निंदा करता है. परिवहन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह और प्रमुख सचिव से उच्चस्तरीय जांच कराए जाने की मांग भी करता है. उन्होंने बताया कि कार्यकारिणी की बैठक में निर्णय लिया गया कि दोनों अधिकारियों और प्रवर्तन सिपाहियों की जमानत के लिए गोरखपुर के संभागीय परिवहन अधिकारी आरबी सोनकर पैरवी करेंगे. हालांकि आरटीओ (प्रवर्तन) संजय कुमार झा ने बैठक में यह भी कहा कि मथुरा प्रसाद को कई बार चेतावनी दी गई कि वह भ्रष्टाचार से दूर रहें, लेकिन उन्होंने बार-बार चेतावनी के बावजूद इस तरह की हरकत को अंजाम दिया है. कार्यकारिणी भी कुल मिलाकर मथुरा प्रसाद के मामले में सहमत नजर नहीं आ रही है. फिलहाल आरटीओ गोरखपुर इन दोनों अधिकारियों समेत परिवहन विभाग के सिपाहियों के जमानत के लिए पैरवी करेंगे, ऐसा निर्देश संगठन की तरफ से जारी किया गया है.'
कार्यकारिणी की बैठक में अलीगढ़ में तैनात सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रवर्तन) प्रवेश कुमार यादव के अनुपस्थित वाहन चालक के खिलाफ किसी वाहन स्वामी की तरफ से मुकदमा कायम कराए जाने की सूचना पर भी चर्चा हुई. सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी से संगठन के पदाधिकारियों ने जानकारी हासिल की. संगठन के पदाधिकारियों का यह भी कहना है कि महाराजगंज की घटना को देखते हुए तमाम मोटर मालिक और विभाग से नाराज तत्वों की तरफ से विभाग के प्रति गुस्से के चलते ज्यादा घटनाएं किए जाने की कोशिश की जा सकती है. संगठन का मानना है कि इस तरह की घटनाएं जानबूझकर की जा रही हैं,अधिकारियों को सुरक्षा दी जाए.
यह था पूरा मामला : महाराजगंज में चेकिंग के दौरान पिछले दिनों माल वाहक ट्रकों और पर्यटक बसों से वसूली करते हुए परिवहन विभाग के यात्री कर अधिकारी मथुरा प्रसाद को पुलिस ने रंगे हाथों पकड़ा था. इसके अलावा एआरटीओ को भी होटल से पुलिस अपने साथ ले गई थी. दो पुलिसकर्मियों और चार प्राइवेट व्यक्तियों को भी पुलिस ने इस मामले में गिरफ्तार किया था. बताया जा रहा है कि यात्री कर अधिकारी मथुरा प्रसाद को तीन बार पर्यटक बसों से वसूली न करने की चेतावनी भी अधिकारियों की तरफ से दी गई थी. अब परिवहन विभाग के अधिकारियों और पुलिसकर्मियों को बचाने की जिम्मेदारी संगठन ने अपने पदाधिकारी को सौंपी है.