लखनऊः विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने सत्र शुरू करने से पहले सभी दलों की बैठक बुलाई. जिसमें उन्होंने सभी दलीय नेताओं से सदन को सुचारु रूप से चलाने की अपील की. जिसपर सभी नेताओं ने आश्वासन दिया है कि सदन को ठीक से चलाने में वो अपना पूरा सहयोग देंगे. बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना, विपक्षी दलों में एसपी से नरेंद्र वर्मा, बीएसपी नेता शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली, कांग्रेस की नेता आराधना मिश्रा मोना, सुहेलदेव पार्टी के नेता ओमप्रकाश राजभर और अपना दल की नेता डॉक्टर लीना तिवारी समेत अन्य लोग मौजूद रहे.
सर्वदलीय बैठक से पहले कार्यमंत्रणा की बैठक हुई. जिसमें विधानसभा सत्र के पूर्व जारी कार्यक्रम में संशोधन किया गया है. 17 अगस्त से शुरु हो रहे सत्र के पहले दिन दिवंगत सदस्यों के प्रति सदन में शोक संवेदना व्यक्त की जाएगी. उसके बाद कार्यवाही स्थगित हो जाएगी. इसके उपरांत 18 अगस्त को योगी सरकार वित्तीय वर्ष 2021-22 का अनुपूरक बजट पेश करेगी. दूसरे दिन 19 अगस्त को ही अनुपूरक बजट पर सदन में चर्चा होगी और पास कराया जाएगा. पूर्व में जारी कार्यक्रम के मुताबिक अनुपूरक बजट पर चर्चा 24 अगस्त को निर्धारित थी. वहीं 20, 21 और 22 अगस्त को अवकाश के चलते सदन स्थगित रहेगा. 23 और 24 अगस्त को विधायी कार्य पूरे किये जाएंगे. कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना, श्रम मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य, समाज कल्याण मंत्री रमा पति शास्त्री, लक्ष्मी नारायण चौधरी, सिद्धार्थ नाथ सिंह, राज्य मंत्री गुलाब देवी, फतेह बहादुर, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के ओमप्रकाश राजभर, कांग्रेस नेता विधान मंडल आराधना मिश्रा मोना मौजूद रहीं.
सर्वदलीय बैठक में विपक्ष ने भी सदन चलाने में सहयोगात्मक रवैया अख्तियार करने का आश्वासन दिया हो. लेकिन यह सत्र हंगामेदार होने वाला है. दरअसल विपक्ष किसी भी स्तर पर सरकार को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहता. कांग्रेस की नेता विधानमंडल आराधना मिश्रा मोना ने कहा कि विपक्ष ने सदन चलाने में सहयोग का आश्वासन दिया है. विपक्ष चाहता है कि सदन में गांव, गरीब, किसान और जनता से जुड़े अन्य विषयों पर चर्चा हो. यह सदन प्रदेश की जनता के लिए है. कोविड के दौरान प्रदेश में आई समस्यों पर चर्चा करना चाहेंगे.
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मुख्यमंत्री आदित्यनाथ की अध्यक्षता में शाम को सात बजे कैबिनेट की बैठक बुलाई गई है. इस बैठक में जनसंख्या नियंत्रण विधेयक 2021 के प्रस्ताव को रखा जा सकता है. दरअसल सोमवार को ही राज्य विधि आयोग के चेयरमैन जस्टिस एएन ने सरकार को जनसंख्या नियंत्रण संबंधी ड्राफ्ट सरकार को सौंपा है. कैबिनेट में यह प्रस्ताव पास कराने के बाद सरकार विधानसभा के पटल पर रख सकती है.