लखनऊ: यूपी सरकार ने ने 3 महीने से निलंबित चल रहे अपर पुलिस अधीक्षक विकास चंद्र त्रिपाठी को बहाल कर दिया है. विकास चंद्र को बसपा सांसद अतुल राय पर दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली पीड़ित युवती के आत्मदाह के मामले में निलंबित किया गया था.
पिछले साल हुए थे निलंबित
घोसी से बसपा सांसद अतुल राय पर दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली पीड़ित युवती के आत्मदाह के मामले में दोषी और एसआईटी जांच में लापरवाही के दोषी पाए जाने पर वाराणसी तत्कालीन अपर पुलिस अधीक्षक (एएसपी), नगर विकास चंद्र त्रिपाठी को शासन ने पिछले साल अक्टूबर में निलंबित कर दिया था.
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सुप्रीम कोर्ट के गेट के सामने किया था आत्मदाह
बसपा सांसद अतुल राय पर दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली पीड़ित युवती और उसके पैरोकार ने 16 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट के गेट के सामने आत्मदाह कर लिया था. शासन ने पूरे मामले की जांच के लिए डीजी पुलिस भर्ती व प्रोन्नति बोर्ड आरके विश्वकर्मा और एडीजी महिला सुरक्षा व बाल सुरक्षा संगठन नीरा रावत की दो सदस्यीय एसआइटी गठित की थी.
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घटना की विवेचना में की थी लापरवाही
एसआईटी की जांच में घटना की विवेचना में लापरवाही और उदासीनता के दोषी पाए गए एएसपी विकास चंद्र त्रिपाठी के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई शुरू की गई थी, जबकि वाराणसी के तत्कालीन एएसपी विनय कुमार सिंह को कारण बताओ नोटिस देकर 15 दिन में जवाब-तलब किया गया था. वाराणसी में पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू होने के बाद विकास चंद्र त्रिपाठी वहां अपर पुलिस उपायुक्त के पद पर भी तैनात थे. वर्तमान में वह डीजीपी मुख्यालय से संबद्ध थे.
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क्या है पूरा मामला
मऊ जिले की घोसी लोकसभा सीट से बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सांसद अतुल के खिलाफ बलिया की रहने वाली पीड़िता ने एक मई 2019 को वाराणसी के लंका थाने में दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराया था. वाराणसी के एक कॉलेज की छात्रा रह चुकी पीड़िता ने आरोप लगाया था कि अतुल राय ने 7 मार्च 2018 को उसे लंका स्थित अपने फ्लैट में पत्नी से मिलाने के बहाने बुलाया था. वहां पहुंचने पर उसके साथ दुष्कर्म किया गया और अश्लील वीडियो भी बनाया था.
पीड़िता का आरोप था कि उसे न्याय दिलाने की बजाय चरित्रहीन साबित करने का प्रयास किया जा रहा है. इसीलिए 16 अगस्त को युवती और उसके साथी सत्यम राय ने सुप्रीम कोर्ट के बाहर आत्मदाह का प्रयास किया था. दोनों को गंभीर अवस्था में राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जहां इलाज के दौरान सत्यम की मौत हो गई थी. इसके बाद 24 अगस्त को पीड़िता की भी मौत हो गई थी.
आत्मदाह की कोशिश से पहले सत्यम ने घटना का लाइव वीडियो बनाया था. इस दौरान दोनों ने आरोप लगाया था कि सांसद अतुल राय और उनके परिजनों ने अपने रसूख का इस्तेमाल करते हुए उन्हें प्रताड़ित किया था. प्रशासनिक अफसर भी उनके साथ शामिल थे. पीड़िता ने वाराणसी के पूर्व एसएसपी अमित पाठक, पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर, निलंबित डिप्टी एसपी अमरेश सिंह बघेल और अन्य लोगों पर गंभीर आरोप लगाया था.