लखनऊ: उत्तर प्रदेश में भले ही लगातार सर्दी बढ़ने के कारण तापमान नीचे गिर रहा है, लेकिन जिस तरह से एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी व सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने अखिलेश यादव के संसदीय क्षेत्र आजमगढ़ का दौरा किया, इससे समाजवादी पार्टी सहमी हुई नजर आ रही है.
बता दें कि अखिलेश यादव के संसदीय क्षेत्र आजमगढ़ में असदुद्दीन ओवैसी के एंट्री मारते ही, सपा में बेचैनी बढ़ गई है. आजमगढ़ दौरे पर असदुद्दीन ओवैसी ने प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी की सरकार के कार्यकाल में 12 बार उत्तर प्रदेश आने से रोका गया, जबकि 28 बार परमिशन कैंसिल की गई, लेकिन अब हम लोग आ चुके हैं और प्रदेश के एक-एक लोगों से मिलेंगे.
असदुद्दीन ओवैसी ने प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पर जमकर निशाना साधा और तंज कसा, लेकिन अखिलेश यादव ओवैसी पर गोलमोल जवाब देते नजर आए. हालांकि ओवैसी के सवाल पर समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता अनुराग भदौरिया ने जरूर यह कहा कि सपा सरकार के दौरान किसी को भी उत्तर प्रदेश आने से नहीं रोका गया.
पूर्वांचल की राजनीति का केंद्र बिंदु है आजमगढ़
असदुद्दीन ओवैसी ने यूपी दौरे पर सबसे पहले आजमगढ़ जनपद का चुनाव किया. निश्चित रूप से आजमगढ़ पूर्वांचल की राजनीति का केंद्र बिंदु है. 2019 के लोकसभा चुनाव में पूरे प्रदेश में 64 सीटों पर भाजपा गठबंधन ने विजय दर्ज की, लेकिन आजमगढ़ लोकसभा सीट पर सपा ने अपना कब्जा बरकरार रखा. यहां के लोगों ने सपा के पक्ष में अधिक मतदान किया.
2019 के लोकसभा चुनाव में अखिलेश को मिली थी टक्कर
समाजवादियों का गढ़ कही जाने वाली आजमगढ़ संसदीय सीट से 2014 के लोकसभा चुनाव में मुलायम सिंह यादव सांसद चुने गए थे. मुलायम सिंह यादव को 3,40,306 मत मिले थे, जबकि 2014 में भाजपा प्रत्याशी रहे रमाकांत यादव को 2,77,102 मत मिले थे. वहीं बसपा प्रत्याशी रहे शाह आलम गुड्डू जमाली 2,66,528 मत हासिल किए थे.
2019 के लोकसभा चुनाव में सपा-बसपा गठबंधन में अखिलेश यादव 6,21,578 मत मिले थे, जबकि भाजपा प्रत्याशी रहे दिनेश लाल यादव 'निरहुआ' ने 3,61,702 मत हासिल किया था. 2019 के लोकसभा चुनाव में आजमगढ़ जनपद में भारतीय जनता पार्टी को जितने मत मिले, इतने मत अभी तक कभी नहीं मिले थे.
सपा को सता रहा मुस्लिम वोटों के बंटने का डर
असदुद्दीन ओवैसी कि उत्तर प्रदेश में सक्रियता के बाद समाजवादी पार्टी को मुस्लिम वोटों के बंटने का डर सता रहा है. ओवैसी की यूपी में सक्रियता के बाद मुस्लिम वोटों में सेंधमारी होगी और यही कारण है कि सपा के प्रदेश प्रवक्ता भले यह कह रहे हैं कि ओवैसी को कभी यूपी आने से नहीं रोका गया है, लेकिन समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ओवैसी पर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं.