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लखनऊ:  CAA के विरोध में आगजनी और पत्थरबाजी, बड़े अफसरों ने घटनास्थल से बनाई दूरी

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Published : Dec 19, 2019, 4:35 PM IST

Updated : Dec 19, 2019, 10:02 PM IST

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में नागरिकता संशोधन अधिनियम के विरोध में हिंसक प्रदर्शन के दौरान दो पुलिस चौकियों को आगे के हवाले कर दिया गया. चौंकाने वाली बात यह है कि बावजूद इसके घटनास्थल से बड़े अफसरों ने दूरी बना रखी है. सबसे बड़ा सवाल यह है कि अगर प्रदेश में धारा 144 लागू है तो इतनी संख्या में लोग इकट्ठा कैसे हुए. इसको लेकर भी पुलिस की बड़ी लापरवाही सामने आ रही है.

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राजधानी लखनऊ में आगजनी और पत्थरबाजी.

लखनऊ: राजधानी के खदरा बाजार में हिंसा के पीछे पुलिस के फेल होने की पूरी कहानी है. राज्य सरकार की तरफ से यह दावा किया गया था कि प्रदेश के सभी जिलों में धारा 144 लागू की गई है. नागरिकता संशोधन अधिनियम के विरोध में लगातार विरोध प्रदर्शन के स्वर सुनाई दे रहे थे. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने डीजीपी ओम प्रकाश सिंह और अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी को बुलाकर यह हिदायत दी थी कि स्थिति नियंत्रण में रहनी चाहिए, बावजूद इसके राजधानी लखनऊ में ही बड़ी हिंसा की घटनाएं सामने आ रही हैं.

पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प.

दफ्तर में ही मौजूद रहे पुलिस के बड़े अफसर
जब राजधानी लखनऊ के खदरा इलाके में पत्थरबाज पत्थर बरसा रहे थे, प्रदर्शन कर रहे थे, नारेबाजी कर रहे थे, उस समय बड़े अधिकारी अपने दफ्तरों में मौजूद थे. वह घटनास्थल पर नहीं पहुंचे और घटना ने कितनी बड़ी हिंसा का रूप ले लिया. अगर समय रहते पुलिस घटनास्थल पर पहुंचती और लोगों को शांत करा देती तो इतनी बड़ी घटना न होती.

सबसे बड़ा सवाल
सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिरकार इतनी संख्या में लोगों को क्यों एकजुट होने दिया गया. जबकि धारा 144 लागू थी तो इतनी बड़ी संख्या में लोग एक साथ कैसे इकट्ठा हो गए. ये तस्वीरें साफ बयां कर रही हैं कि अपनी जिम्मेदारियों से राजधानी लखनऊ के बड़े अधिकारी बचते रहे.

ये भी पढ़ें: लखनऊ: CAA के विरोध में सड़कों पर प्रदर्शन और पत्थरबाजी, तमाम पुलिस फोर्स मौजूद

प्रदर्शनकारियों ने फूंकी दो पुलिस चौकियां
थाना हसनगंज क्षेत्र की मदेयगंज पुलिस चौकी और सतखंडा पुलिस चौकी को प्रदर्शनकारियों ने आग के हवाले कर दिया गया, साथ ही कई पुलिस वाहनों में भी आग लगा दी. बड़ा सवाल यही कि अगर पुलिस पहले से सतर्क होती तो धारा 144 लागू होने के बावजूद भी इतनी तादाद में लोग एकजुट कैसे हो जाते. इससे साफ जाहिर होता है कि आखिरकार पुलिस ने पहले से डैमेज कंट्रोल क्यों नहीं किया.

लखनऊ: राजधानी के खदरा बाजार में हिंसा के पीछे पुलिस के फेल होने की पूरी कहानी है. राज्य सरकार की तरफ से यह दावा किया गया था कि प्रदेश के सभी जिलों में धारा 144 लागू की गई है. नागरिकता संशोधन अधिनियम के विरोध में लगातार विरोध प्रदर्शन के स्वर सुनाई दे रहे थे. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने डीजीपी ओम प्रकाश सिंह और अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी को बुलाकर यह हिदायत दी थी कि स्थिति नियंत्रण में रहनी चाहिए, बावजूद इसके राजधानी लखनऊ में ही बड़ी हिंसा की घटनाएं सामने आ रही हैं.

पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प.

दफ्तर में ही मौजूद रहे पुलिस के बड़े अफसर
जब राजधानी लखनऊ के खदरा इलाके में पत्थरबाज पत्थर बरसा रहे थे, प्रदर्शन कर रहे थे, नारेबाजी कर रहे थे, उस समय बड़े अधिकारी अपने दफ्तरों में मौजूद थे. वह घटनास्थल पर नहीं पहुंचे और घटना ने कितनी बड़ी हिंसा का रूप ले लिया. अगर समय रहते पुलिस घटनास्थल पर पहुंचती और लोगों को शांत करा देती तो इतनी बड़ी घटना न होती.

सबसे बड़ा सवाल
सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिरकार इतनी संख्या में लोगों को क्यों एकजुट होने दिया गया. जबकि धारा 144 लागू थी तो इतनी बड़ी संख्या में लोग एक साथ कैसे इकट्ठा हो गए. ये तस्वीरें साफ बयां कर रही हैं कि अपनी जिम्मेदारियों से राजधानी लखनऊ के बड़े अधिकारी बचते रहे.

ये भी पढ़ें: लखनऊ: CAA के विरोध में सड़कों पर प्रदर्शन और पत्थरबाजी, तमाम पुलिस फोर्स मौजूद

प्रदर्शनकारियों ने फूंकी दो पुलिस चौकियां
थाना हसनगंज क्षेत्र की मदेयगंज पुलिस चौकी और सतखंडा पुलिस चौकी को प्रदर्शनकारियों ने आग के हवाले कर दिया गया, साथ ही कई पुलिस वाहनों में भी आग लगा दी. बड़ा सवाल यही कि अगर पुलिस पहले से सतर्क होती तो धारा 144 लागू होने के बावजूद भी इतनी तादाद में लोग एकजुट कैसे हो जाते. इससे साफ जाहिर होता है कि आखिरकार पुलिस ने पहले से डैमेज कंट्रोल क्यों नहीं किया.

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के खदरा बाजार में हिंसा के पीछे पुलिस के फेल होने की पूरी कहानी है राज्य सरकार की तरफ से यह दावा किया गया कि प्रदेश के सभी जिलों में धारा 144 लागू की गई है नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में लगातार विरोध प्रदर्शन के स्वर सुनाई दे रहे थे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने डीजीपी ओम प्रकाश सिंह अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी को बुलाकर यह हिदायत दी थी कि स्थिति नियंत्रण में रहना चाहिए बावजूद इसके राजधानी लखनऊ में ही बड़ी हिंसा की घटनाएं हुई जिसके पीछे पुलिस के फेल होने की कहानी सामने आ रही है।



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जब राजधानी लखनऊ के खतरा इलाके में पत्थरबाज पत्थर बरसा रहे थे प्रदर्शन कर रहे थे नारेबाजी कर रहे थे उस समय राजधानी लखनऊ के बड़े अधिकारी अपने दफ्तरों में मौजूद थे वह घटनास्थल पर नहीं पहुंचे और घटना ने कितनी बड़ी हिंसा का रूप ले लिया अगर समय रहते पुलिस घटनास्थल पर पहुंचती लोगों को शांत करा दी लोगों को एकजुट होने दिया गया तभी इतनी बड़ी घटना हुई धारा 144 लागू थी तो इतनी बड़ी संख्या में लोग एक साथ कैसे हुए अपने आप में बड़ा सवाल है अपनी जिम्मेदारियों से बचते रहे राजधानी के बड़े अधिकारी।
थाना हसनगंज क्षेत्र की मदेयगंज पुलिस चौकी एक दूसरी पुलिस चौकी सतखंडा को आग के हवाले कर दिया गया कई पुलिस के वाहनों में आग लगाई गई और वह हम धू धू करके जल गए सवाल यही है कि अगर पुलिस पहले से सतर्क होती धारा 144 लागू थी तो इतनी बड़ी संख्या में लोग एकजुट कैसे हुए पहले से डैमेज कंट्रोल क्यों नहीं किया गया।




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Last Updated : Dec 19, 2019, 10:02 PM IST
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