लखनऊ: दिवाली में पूजा-पाठ के बाद पुरानी मूर्तियों और फूल माला को नदी अथवा इधर-उधर न फेंके. इससे पर्यावरण को नुकसान पहुंचता है. हालांकि सख्ती के चलते लोगों ने सड़कों के किनारे और पेड़ों के पास ढेर लगाना शुरु कर दिया है. नगर निगम और शहर के कुछ समाजसेवियों ने इनके भू-विसर्जन की व्यवस्था की है. गोमती नदी किनारे झूलेलाल वाटिका के पास भू विसर्जन की व्यवस्था की गई है.
खण्डित मूर्तियों के उठाने का शुरू किया अभियान
गोमतीनगर, महानगर, अलीगंज समेत शहर के हर इलाके में विभिन्न स्थानों पर लोग खण्डित मूर्तियों व पूजन सामग्री को पार्कों, पीपल या अन्य पेड़ों के नीचे रख देते हैं. इसके कारण उनका अपमान होता है. पूर्व पार्षद व स्वच्छ पर्यावरण सेना के संयोजक रणजीत सिंह ने सोमवार से सड़क किनारे अथवा पेड़ के नीचे रखी गई मूर्तियों के उठाने का अभियान शुरू कर दिया है. उनका कहना है कि कोई भी आस्था के प्रतीकों को इधर-उधर न फेंके. बल्कि किसी सुरक्षित स्थान पर रख दें, जिससे उनके कलेक्शन में आसानी हो. उन्होंने कहा गोमती किनारे भू-विसर्जन की व्यवस्था की गई है, फिर भी किसी को असुविधा हो वह उनके मोबाइल नंबर. 9415414111 पर संपर्क कर सकता है.
लोगों से की अपील
गोमतीनगर जनकल्याण महासमिति लखनऊ के महासचिव डॉ. राघवेंद्र शुक्ल ने महासमिति के द्वारा एक अभियान चला कर पार्कों, पेड़ों आदि स्थानों पर रखी खण्डित मूर्तियों व पूजन सामग्री को भूमि विसर्जन कराने की योजना तैयार की है. इस सम्बंध में महासमिति के प्रबंध, कार्यपालिका, सलाहकार समिति सदस्य, वार्ड और खण्ड प्रभारी, उप खण्ड समितियों के अध्यक्ष, सचिव, कोषाध्यक्ष तथा गोमतीनगर के निवासियों से अनुरोध किया गया है कि अपने अपने खण्ड में सार्वजनिक स्थानों जैसे पार्कों, पेड़ों, फुटपाथों आदि पर रखी खण्डित मूर्तियों, पूजन सामग्री आदि को एकत्रित कर उनके ससम्मान भूमि विसर्जन करने का कष्ट करें.
नगर निगम की अपर नगर आयुक्त अर्चना द्विवेदी ने बताया कि कोई भी सड़क किनारे गंदगी न करें. गोमती किनारे भू-विसर्जन करने की व्यवस्था की गई है. इसके इसके अलावा एक जगह पर लोग मूर्तियां रखें, जिससे नगर निगम कर्मी उन्हें कलेक्ट करेंगे.