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हनीट्रैप में फंसा सैन्यकर्मी पाकिस्तान के लिए कर रहा था जासूसी, राजस्थान से हुआ गिरफ्तार

राजस्थान की 1034 किलोमीटर की अंतरराष्ट्रीय सीमा पकिस्तान से लगती है. ऐसे में सामरिक दृष्टिकोण से यह महत्वपूर्ण भी है और हथियारों के मूवमेंट से लेकर सेना के जवानों के पास मौजूद चीजों और उनके डिप्लॉयमेंट के तमाम फैसले भी यही से तय होते हैं. महेश सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय था और आसानी से वह हनीट्रैप में फंस गया.

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Published : Sep 18, 2020, 9:40 AM IST

हनीट्रैप में फंसा सैन्यकर्मी पाकिस्तान के लिए कर रहा था जासूसी
हनीट्रैप में फंसा सैन्यकर्मी पाकिस्तान के लिए कर रहा था जासूसी

लखनऊ/जयपुर: लखनऊ की मिलिट्री इंटेलिजेंस से मिले इनपुट के आधार पर हैदराबाद स्पेशल टास्क फोर्स ने राजस्थान में तैनात सैन्य कर्मी को गोपनीय सूचनाएं पाकिस्तान भेजने के आरोप के तहत गिरफ्तार किया है. अपनी खुबसूरत महिला एजेंटों के जरिए राजस्थान से पकिस्तान की गुप्तचर एजेंसी ISI की हनीट्रैप की एक और नापाक हिमाकत सामने आई है. इस बार भारतीय सेना के कर्मचारी को हनीट्रैप में फंसाकर पाकिस्तानी एजेंसी ने पकिस्तान से लगती राजस्थान की अंतराष्ट्रीय सीमा की कई सैनिक गतिविधियों को हासिल कर अपना डेटाबेस को मजबूत किया है.

इसमें हथियारों के मूवमेंट और सेना के जवानों के पास मौजूद चीजों के साथ ट्रेनिंग और डिप्लॉयमेंट से जुड़ी जानकारियां भी शामिल हैं. सेना की इंजीनियरिंग विंग के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी महेश पाकिस्तान की महिला के प्रेम जाल में फंसा हुआ था. हनीट्रैप में फंसने के चलते ही सैन्यकर्मी पाकिस्तान को बीते 2 वर्षों से गोपनीय वीडियो, फोटो पाकिस्तान भेज रहा था.

पकिस्तान की खूबसूरत महिला एजेंट ने मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विस से जुड़े एक कर्मचारी को अपने मोहपाश में फंसाकर सामरिक जानकारियां जुटाईं. पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों ने पकिस्तान से लगती राजस्थान की अंतरराष्ट्रीय सीमा पर हिन्दुस्तान की सेना की कई गतिविधियों और डिप्लॉयमेंट के साथ जयपुर स्थित दक्षिण पश्चिम कमांड की ताकत और यहां पर मौजूद अधिकारियों की जानकारियों का 'डेटाबेस' तैयार किया है. जिस आरोपी को गिरफ्तार किया है वह मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विस (MES) का कर्मचारी है.

गिरफ्तार आरोपी महेश के पास सैन्य गतिविधियों की सभी तरह की जानकारियां थी. दक्षिण पश्चिमी कमांड भारतीय सेना की साल 2005 में गठित सबसे नई कमांड है. जिसमे अधीनस्थ 42वीं आर्टिलरी डिविजन, मथुरा की 1 वाहिनी और भटिंडा की X वाहिनी शामिल है. इनसे जुड़े तमाम जानकारियां महेश ने पाकिस्तानी एजेंट के जरिए और सोशल मीडिया के जरिए पहुंचाया.

जून माह में सेना की खुफिया विभाग की लखनऊ यूनिट को जानकारी मिली थी कि मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विस जयपुर में तैनात सैन्य कर्मी महेश हनीट्रैप में फंस गया है, जिसके बाद ऑपरेशन मैडमजी चलाकर उसे गिरफ्तार किया गया है.

रक्षा मंत्रालय के जानकार सूत्रों के अनुसार दोनों ही एजेंसी अब अपने-अपने स्तर पर आरोपी से पूछताछ कर रही है. कहा जा रहा है कि आरोपी कुछ समय पहले ही जयपुर स्थित मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विस में ही तैनात था. सेना में महेश सिविल कर्मचारी है, लेकिन कहा जा रहा है कि उसके अकाउंट में पकिस्तान से लगातार आ रहे रुपयों के ट्रांजेक्शन की वजह से वह शक के घेरे में आ गया. महेश के संपर्क में रहने वाले रिश्तेदार व दोस्तों की खुफिया जांच की जा रही है. सामने आया है कि केरल के एक बैंक अकाउंट से महेश के खाते में धनराशि भी ट्रांसफर की गई थी. उसके सोशल मीडिया एकाउंट फेसबुक पर भी आर्मी के ऑर्बिट प्लान और आर्मी स्टेटिक्स डिप्लॉयमेंट जैसी बातों का जिक्र मिला.

बता दें, वर्ष 2019 में सेना के खुफिया विभाग ने 150 हनीट्रैप प्रोफाइल की पहचान की थी, जिसके बाद सेना के अधिकारियों कर्मचारियों को हनीट्रैप से बचने के लिए सतर्क किया गया था. वहीं अधिकारियों को सोशल मीडिया से दूरी बनाने की हिदायत भी दी गई थी.

लखनऊ/जयपुर: लखनऊ की मिलिट्री इंटेलिजेंस से मिले इनपुट के आधार पर हैदराबाद स्पेशल टास्क फोर्स ने राजस्थान में तैनात सैन्य कर्मी को गोपनीय सूचनाएं पाकिस्तान भेजने के आरोप के तहत गिरफ्तार किया है. अपनी खुबसूरत महिला एजेंटों के जरिए राजस्थान से पकिस्तान की गुप्तचर एजेंसी ISI की हनीट्रैप की एक और नापाक हिमाकत सामने आई है. इस बार भारतीय सेना के कर्मचारी को हनीट्रैप में फंसाकर पाकिस्तानी एजेंसी ने पकिस्तान से लगती राजस्थान की अंतराष्ट्रीय सीमा की कई सैनिक गतिविधियों को हासिल कर अपना डेटाबेस को मजबूत किया है.

इसमें हथियारों के मूवमेंट और सेना के जवानों के पास मौजूद चीजों के साथ ट्रेनिंग और डिप्लॉयमेंट से जुड़ी जानकारियां भी शामिल हैं. सेना की इंजीनियरिंग विंग के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी महेश पाकिस्तान की महिला के प्रेम जाल में फंसा हुआ था. हनीट्रैप में फंसने के चलते ही सैन्यकर्मी पाकिस्तान को बीते 2 वर्षों से गोपनीय वीडियो, फोटो पाकिस्तान भेज रहा था.

पकिस्तान की खूबसूरत महिला एजेंट ने मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विस से जुड़े एक कर्मचारी को अपने मोहपाश में फंसाकर सामरिक जानकारियां जुटाईं. पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों ने पकिस्तान से लगती राजस्थान की अंतरराष्ट्रीय सीमा पर हिन्दुस्तान की सेना की कई गतिविधियों और डिप्लॉयमेंट के साथ जयपुर स्थित दक्षिण पश्चिम कमांड की ताकत और यहां पर मौजूद अधिकारियों की जानकारियों का 'डेटाबेस' तैयार किया है. जिस आरोपी को गिरफ्तार किया है वह मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विस (MES) का कर्मचारी है.

गिरफ्तार आरोपी महेश के पास सैन्य गतिविधियों की सभी तरह की जानकारियां थी. दक्षिण पश्चिमी कमांड भारतीय सेना की साल 2005 में गठित सबसे नई कमांड है. जिसमे अधीनस्थ 42वीं आर्टिलरी डिविजन, मथुरा की 1 वाहिनी और भटिंडा की X वाहिनी शामिल है. इनसे जुड़े तमाम जानकारियां महेश ने पाकिस्तानी एजेंट के जरिए और सोशल मीडिया के जरिए पहुंचाया.

जून माह में सेना की खुफिया विभाग की लखनऊ यूनिट को जानकारी मिली थी कि मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विस जयपुर में तैनात सैन्य कर्मी महेश हनीट्रैप में फंस गया है, जिसके बाद ऑपरेशन मैडमजी चलाकर उसे गिरफ्तार किया गया है.

रक्षा मंत्रालय के जानकार सूत्रों के अनुसार दोनों ही एजेंसी अब अपने-अपने स्तर पर आरोपी से पूछताछ कर रही है. कहा जा रहा है कि आरोपी कुछ समय पहले ही जयपुर स्थित मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विस में ही तैनात था. सेना में महेश सिविल कर्मचारी है, लेकिन कहा जा रहा है कि उसके अकाउंट में पकिस्तान से लगातार आ रहे रुपयों के ट्रांजेक्शन की वजह से वह शक के घेरे में आ गया. महेश के संपर्क में रहने वाले रिश्तेदार व दोस्तों की खुफिया जांच की जा रही है. सामने आया है कि केरल के एक बैंक अकाउंट से महेश के खाते में धनराशि भी ट्रांसफर की गई थी. उसके सोशल मीडिया एकाउंट फेसबुक पर भी आर्मी के ऑर्बिट प्लान और आर्मी स्टेटिक्स डिप्लॉयमेंट जैसी बातों का जिक्र मिला.

बता दें, वर्ष 2019 में सेना के खुफिया विभाग ने 150 हनीट्रैप प्रोफाइल की पहचान की थी, जिसके बाद सेना के अधिकारियों कर्मचारियों को हनीट्रैप से बचने के लिए सतर्क किया गया था. वहीं अधिकारियों को सोशल मीडिया से दूरी बनाने की हिदायत भी दी गई थी.

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