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Army officers daughter dies : दो महीने बाद भी नहीं सुलझा सैन्य अधिकारी की बेटी की मौत का केस, सवालों के घेरे में पुलिस

राजधानी के कमांड हॉस्पिटल में तैनात महिला सैन्य अधिकारी की बेटी के अपहरण व उसके एक हफ्ते बाद उन्हीं के घर पर बेटी की मौत (Army officers daughter dies) के मामले में पुलिस की थ्योरी में झोल ही झोल नजर आ रहे हैं. इस केस को पुलिस दो महीने बाद भी नहीं सुलझा पाई है.

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Published : Jan 20, 2023, 7:17 PM IST

लखनऊ : राजधानी में महिला सैन्य अधिकारी की बेटी का कथित अपहरण और फिर रहस्यमय मौत की थ्योरी सुलझाने में पुलिस की जांच दो महीने बाद भी अधूरी है. पुलिस सूत्रों के मुताबिक जिस फ्लैट में बेटी की मौत हुई थी, सैन्य अधिकारी उसे छोड़ कर अन्य मकान में शिफ्ट हो गई हैं. मौत से जुड़े साक्ष्यों को मिटाया जा चुका है. जिससे जांच करने में समस्या आ रही है. दरअसल राजधानी के कैंट इलाके में कमांड हॉस्पिटल में तैनात महिला सैन्य अधिकारी की बेटी का अपहरण व उसके एक हफ्ते बाद उन्हीं के घर पर बेटी की मौत की थ्योरी में पुलिस को झोल ही झोल नजर आ रहे हैं. हालांकि यह थ्योरी क्यों और कैसे बनाई गई है, इसका जवाब अब तक पुलिस ढूंढ नहीं सकी है.

सैन्य अधिकारी की बेटी की मौत का केस
सैन्य अधिकारी की बेटी की मौत का केस

बता दें, 16 नवंबर 2022 को सैन्य अधिकारी कैंट थाने में शिकायत लेकर पहुंचती हैं. महिला सैन्य अधिकारी का कहना था कि उनकी बेटी का 8 नवंबर को अपहरण हो गया था. 9 नवंबर को उनकी बेटी घर आई तो उसने बताया कि वह तेलीबाग के लिए ऑटो में बैठी थी. जैसे ही वह ऑटो से बहार निकली, दो युवकों ने उसे एक सफ़ेद वैन में खींच लिया. उसने पुलिस को बताया कि उसके साथ छेड़छाड़ की गई उसके कपडे़ फाड़े गए और पीटा भी गया. उसका मोबाइल और कैश लूट कर शहीद पथ के किनारे फेंक कर फरार हो गए. सैन्य अधिकारी ने बताया कि शिकायत इसलिए देर में दी क्योंकि उनकी बेटी घबराई हुई थी.

पुलिस ने घटना के 8 दिन बाद एफआईआर दर्ज होने के बाद कार्रवाई शुरू की. पुलिस ने मां के द्वारा दी गई सूचना के आधार पर शहरभर के 500 से अधिक कैमरे की फुटेज छान डाले, लेकिन एक भी सुराग नहीं मिल सका. पुलिस अधिकारीयों ने बेटी का बयान भी लिया. हालांकि पुलिस को लड़की व उसके घरवालों की अपहरण की यग संदिग्ध लगी. फिर भी पुलिस जांच में जुटी रही. पुलिस ने कई बार सैन्य अधिकारी की बेटी को बयान के लिए बुलाया, लेकिन उसकी मां ने कहा कि वह बाद में आएगी. यही नहीं एक हफ्ते तक उसे किसी भी पुलिस अधिकारी से मिलने नहीं दिया गया.

20 नवंबर 2022 अचानक कैंट इलाके के सहायक पुलिस आयुक्त को महिला सैन्य अधिकारी कॉल कर सूचना देती है कि उनकी बेटी ने आत्महत्या कर ली है. वे लोग इस मामले में कोई जांच नहीं चाहते हैं. यही नहीं उन्होंने बेटी का बिना पोस्टमार्टम कराए ही अंतिम संस्कार भी कर दिया. हालांकि पुलिस ने साफ कर दिया कि इस मामले की जांच चलती रहेगी. इसके बाद महिला सैन्य अधिकारी ने उस फ्लैट को छोड़ कर दूसरे मकान में शिफ्ट हो गई हैं.

पुलिस की जांच का नतीजा सिफर : सैन्य अधिकारी की बेटी की मौत हुए 2 महीने बीत चुके हैं. इसके बावजूद पुलिस की जांच का नतीजा सिफर है. केस की जांच कर रहे जांच अधिकारी एसीपी कैट अनूप कुमार सिंह ने अब तक महज तत्कालीन कैंट इंस्पेक्टर शिवचरन लाल के बयान ही दर्ज किए हैं. जांच अधिकारी के मुताबिक तत्कालीन इंस्पेक्टर अपहरण व मौत के मामले में हुई तफ्तीश की जानकारी देने में गोलमोल जवाब ही देते रहे. तत्कालीन इंस्पेक्टर ने शव का पोस्टमार्टम भी नहीं कराया. प्रथमदृष्टया शिवचरन लाल की घोर लापरवाही उजागर हो रही है. उन्होंने बिना पोस्टमार्टम कराए और उच्चाधिकारियों को सूचना दिए बिना ही शव सैन्य अफसर के सुपुर्द कर दिया और अंतिम संस्कार भी कर दिया गया. इस मामले में अभी दो दारोगा और दो अन्य लोगों के भी बयान दर्ज होने हैं.

यह भी पढ़ें : JP Nadda गाजीपुर में बोले, आज विकास का मतलब हीरा है, जिसने भारत को बनाया पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था

लखनऊ : राजधानी में महिला सैन्य अधिकारी की बेटी का कथित अपहरण और फिर रहस्यमय मौत की थ्योरी सुलझाने में पुलिस की जांच दो महीने बाद भी अधूरी है. पुलिस सूत्रों के मुताबिक जिस फ्लैट में बेटी की मौत हुई थी, सैन्य अधिकारी उसे छोड़ कर अन्य मकान में शिफ्ट हो गई हैं. मौत से जुड़े साक्ष्यों को मिटाया जा चुका है. जिससे जांच करने में समस्या आ रही है. दरअसल राजधानी के कैंट इलाके में कमांड हॉस्पिटल में तैनात महिला सैन्य अधिकारी की बेटी का अपहरण व उसके एक हफ्ते बाद उन्हीं के घर पर बेटी की मौत की थ्योरी में पुलिस को झोल ही झोल नजर आ रहे हैं. हालांकि यह थ्योरी क्यों और कैसे बनाई गई है, इसका जवाब अब तक पुलिस ढूंढ नहीं सकी है.

सैन्य अधिकारी की बेटी की मौत का केस
सैन्य अधिकारी की बेटी की मौत का केस

बता दें, 16 नवंबर 2022 को सैन्य अधिकारी कैंट थाने में शिकायत लेकर पहुंचती हैं. महिला सैन्य अधिकारी का कहना था कि उनकी बेटी का 8 नवंबर को अपहरण हो गया था. 9 नवंबर को उनकी बेटी घर आई तो उसने बताया कि वह तेलीबाग के लिए ऑटो में बैठी थी. जैसे ही वह ऑटो से बहार निकली, दो युवकों ने उसे एक सफ़ेद वैन में खींच लिया. उसने पुलिस को बताया कि उसके साथ छेड़छाड़ की गई उसके कपडे़ फाड़े गए और पीटा भी गया. उसका मोबाइल और कैश लूट कर शहीद पथ के किनारे फेंक कर फरार हो गए. सैन्य अधिकारी ने बताया कि शिकायत इसलिए देर में दी क्योंकि उनकी बेटी घबराई हुई थी.

पुलिस ने घटना के 8 दिन बाद एफआईआर दर्ज होने के बाद कार्रवाई शुरू की. पुलिस ने मां के द्वारा दी गई सूचना के आधार पर शहरभर के 500 से अधिक कैमरे की फुटेज छान डाले, लेकिन एक भी सुराग नहीं मिल सका. पुलिस अधिकारीयों ने बेटी का बयान भी लिया. हालांकि पुलिस को लड़की व उसके घरवालों की अपहरण की यग संदिग्ध लगी. फिर भी पुलिस जांच में जुटी रही. पुलिस ने कई बार सैन्य अधिकारी की बेटी को बयान के लिए बुलाया, लेकिन उसकी मां ने कहा कि वह बाद में आएगी. यही नहीं एक हफ्ते तक उसे किसी भी पुलिस अधिकारी से मिलने नहीं दिया गया.

20 नवंबर 2022 अचानक कैंट इलाके के सहायक पुलिस आयुक्त को महिला सैन्य अधिकारी कॉल कर सूचना देती है कि उनकी बेटी ने आत्महत्या कर ली है. वे लोग इस मामले में कोई जांच नहीं चाहते हैं. यही नहीं उन्होंने बेटी का बिना पोस्टमार्टम कराए ही अंतिम संस्कार भी कर दिया. हालांकि पुलिस ने साफ कर दिया कि इस मामले की जांच चलती रहेगी. इसके बाद महिला सैन्य अधिकारी ने उस फ्लैट को छोड़ कर दूसरे मकान में शिफ्ट हो गई हैं.

पुलिस की जांच का नतीजा सिफर : सैन्य अधिकारी की बेटी की मौत हुए 2 महीने बीत चुके हैं. इसके बावजूद पुलिस की जांच का नतीजा सिफर है. केस की जांच कर रहे जांच अधिकारी एसीपी कैट अनूप कुमार सिंह ने अब तक महज तत्कालीन कैंट इंस्पेक्टर शिवचरन लाल के बयान ही दर्ज किए हैं. जांच अधिकारी के मुताबिक तत्कालीन इंस्पेक्टर अपहरण व मौत के मामले में हुई तफ्तीश की जानकारी देने में गोलमोल जवाब ही देते रहे. तत्कालीन इंस्पेक्टर ने शव का पोस्टमार्टम भी नहीं कराया. प्रथमदृष्टया शिवचरन लाल की घोर लापरवाही उजागर हो रही है. उन्होंने बिना पोस्टमार्टम कराए और उच्चाधिकारियों को सूचना दिए बिना ही शव सैन्य अफसर के सुपुर्द कर दिया और अंतिम संस्कार भी कर दिया गया. इस मामले में अभी दो दारोगा और दो अन्य लोगों के भी बयान दर्ज होने हैं.

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