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UP News : ऐसे ही नहीं यूपी में NIA ने की थी छापेमारी, जानिए क्या थी वजह

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Published : Feb 24, 2023, 3:56 PM IST

देश के कई प्रदेशों में NIA लगातार कार्रवाई (UP News) कर रही है. बीते दिनों एनआईए ने देश भर के 8 राज्यों में छापेमारी की थी. ये छापेमारी यूपी के छह जिलों में भी हुई थी.

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लखनऊ : हालही में एनआईए ने देश भर के 8 राज्यों में छापेमारी की थी. यह छापेमारी आतंकी संगठनों के साथ मिलकर असलहों की तस्करी करने वालों के ठिकानों पर की गई थी. ये छापेमारी यूपी के छह जिलों में भी हुई. यूपी ही वो राज्य था, जहां से पंजाबी सिंगर मुसेवाला की हत्या में इस्तेमाल करने के लिए एके 47 खरीदी गई थी. यही नहीं यूपी में बीते पांच सालों में हथियारों की तस्करी में भी बढ़ोतरी हुई है, जिसमें वो हथियार शामिल हैं, जिनका इस्तेमाल आतंकी संगठन और कुख्यात अपराधी करते रहे हैं. ऐसे में एनआईए की इस छापेमारी ने ये साबित कर दिया है कि उत्तर प्रदेश में अब भी हथियारों की फसल बोई जा रही है.

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कभी पश्चिमी यूपी व पूर्वांचल में मुख्तार, बजरंगी, संजीव, जीवा जैसे खूंखार अपराधी Ak47 जैसे हथियारों का अपराध के लिए इस्तेमाल करते थे, तो देश में हड़कंप मचता था. समय बीतते बीतते सुरक्षा एजेंसियों की सख्ती के चलते ऐसे हथियार गायब होने लगे. अब यूपी एक बार खतरनाक हथियारों की बाजार बन चुका है. बीते छह महीनों में यूपी से दो बार AK 47 की तस्करी हुई, इसमें लॉरेंस विश्नोई गैंग द्वारा सिंगर मूसेवाला की हत्या के लिए AK47 भी शामिल है. AK 47 का यूपी से कनेक्शन निकलना ही कारण रहा कि एनआईए की रेड में लखनऊ, बागपत, पीलीभीत, बुलंदशहर, बरेली और प्रतापगढ़ भी शामिल रहा. एनआईए को इनपुट मिले थे कि उत्तर प्रदेश से गैंगस्टर आतंकी संगठनों की मदद से हथियारों की तस्करी कर रहे हैं. आंकड़े भी इस बात की तस्दीक करते हैं कि यूपी में बीते छह सालों में हथियारों की तस्करी में बढ़ोतरी हुई है, हालांकि सुरक्षा एजेंसियों ने कई तस्करों को गिरफ्तार भी किया है.

छह सालों में STF ने बरामद किए 1775 खतरनाक हथियार : बीते छह वर्षों की बात करें तो साल 2017 से लेकर 2023 उत्तर प्रदेश की एसटीएफ ने असलहों की तस्करी करने वाले 167 अपराधियों को गिरफ्तार किया है. एजेंसी ने इनके पास से 1775 खतरनाक हथियार बरामद किए. इनमें कार्बाइन, 9mm पिस्टल, सेमी आटोमेटिक पिस्टल, हैंडग्रेनेड, समेत कई तरह के हथियार शामिल हैं. इस दौरान एसटीएफ ने 7716 कारतूस भी बरामद किए हैं. एसटीएफ ने हथियारों की बरामदगी उत्तर प्रदेश के लगभग हर जिले से की है, जो इस यह दर्शाता है कि उत्तर प्रदेश में हथियारों की फसल हर जिले में बोई जा रही है.

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यूपी में अधिक हैं खरीददार : रिटायर्ड डिप्टी एसपी श्याम शुक्ला कहते हैं कि ये कहना गलत नहीं होगा कि उत्तर प्रदेश अवैध हथियारों की एक बड़ी मार्केट है. यहां खरीददार भी हैं और बेचने वाले भी, ऐसे में हथियारों की बरामदगी कोई चौंकाने वाली बात नहीं है, हालांकि ये जरूर है कि बीते कुछ वर्षों में यूपी में हथियारों की बरामदगी बढ़ी है. इसका मतलब तस्करी भी बढ़ी ही होगी. जिसे आंकड़े भी साबित कर रहे हैं. एनआईए की छापेमारी भी इसका हिस्सा है. उत्तर प्रदेश में ऐसे हथियारों की भी तस्करी होती है, जिनका इस्तेमाल आतंकी या कुख्यात अपराधी करते हैं. इसलिए ही एनआईए की नजर में यूपी चढ़ा हुआ है.

76 स्थानों पर NIA ने की थी छापेमारी : बीते मंगलवार को एनआईए ने यूपी, पंजाब और हरियाणा समेत 8 राज्यों में छापेमारी की थी. एनआईए के मुताबिक, ये छापेमारी लॉरेंस विश्नोई गैंग, बब्बर खालसा व अन्य गैंगस्टर और आतंकी गिरोहों के गठजोड़ और हथियारों की तस्करी को लेकर को गई थी. एनआईए ने इसको लेकर अगस्त 2020 को स्वतः संज्ञान लेकर मुकदमा भी दर्ज किया था, जिसमें कई गिरफ्तारियां भी हुई थीं. पूछताछ के दौरान यूपी समेत कई राज्यों से इनका लिंक निकला था. एनआईए के अधिकारी ने बताया कि मंगलवार को की गई छापेमारी में पंजाब और हरियाणा से छह लोगों की गिरफ्तारी भी की थी. यही नहीं यूपी में भी कई लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है.

यह भी पढ़ें : UP Jail में स्मार्ट वॉच बैन, कारागार के अधिकारियों व कर्मचारियों के पहनने पर भी पाबंदी

लखनऊ : हालही में एनआईए ने देश भर के 8 राज्यों में छापेमारी की थी. यह छापेमारी आतंकी संगठनों के साथ मिलकर असलहों की तस्करी करने वालों के ठिकानों पर की गई थी. ये छापेमारी यूपी के छह जिलों में भी हुई. यूपी ही वो राज्य था, जहां से पंजाबी सिंगर मुसेवाला की हत्या में इस्तेमाल करने के लिए एके 47 खरीदी गई थी. यही नहीं यूपी में बीते पांच सालों में हथियारों की तस्करी में भी बढ़ोतरी हुई है, जिसमें वो हथियार शामिल हैं, जिनका इस्तेमाल आतंकी संगठन और कुख्यात अपराधी करते रहे हैं. ऐसे में एनआईए की इस छापेमारी ने ये साबित कर दिया है कि उत्तर प्रदेश में अब भी हथियारों की फसल बोई जा रही है.

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कभी पश्चिमी यूपी व पूर्वांचल में मुख्तार, बजरंगी, संजीव, जीवा जैसे खूंखार अपराधी Ak47 जैसे हथियारों का अपराध के लिए इस्तेमाल करते थे, तो देश में हड़कंप मचता था. समय बीतते बीतते सुरक्षा एजेंसियों की सख्ती के चलते ऐसे हथियार गायब होने लगे. अब यूपी एक बार खतरनाक हथियारों की बाजार बन चुका है. बीते छह महीनों में यूपी से दो बार AK 47 की तस्करी हुई, इसमें लॉरेंस विश्नोई गैंग द्वारा सिंगर मूसेवाला की हत्या के लिए AK47 भी शामिल है. AK 47 का यूपी से कनेक्शन निकलना ही कारण रहा कि एनआईए की रेड में लखनऊ, बागपत, पीलीभीत, बुलंदशहर, बरेली और प्रतापगढ़ भी शामिल रहा. एनआईए को इनपुट मिले थे कि उत्तर प्रदेश से गैंगस्टर आतंकी संगठनों की मदद से हथियारों की तस्करी कर रहे हैं. आंकड़े भी इस बात की तस्दीक करते हैं कि यूपी में बीते छह सालों में हथियारों की तस्करी में बढ़ोतरी हुई है, हालांकि सुरक्षा एजेंसियों ने कई तस्करों को गिरफ्तार भी किया है.

छह सालों में STF ने बरामद किए 1775 खतरनाक हथियार : बीते छह वर्षों की बात करें तो साल 2017 से लेकर 2023 उत्तर प्रदेश की एसटीएफ ने असलहों की तस्करी करने वाले 167 अपराधियों को गिरफ्तार किया है. एजेंसी ने इनके पास से 1775 खतरनाक हथियार बरामद किए. इनमें कार्बाइन, 9mm पिस्टल, सेमी आटोमेटिक पिस्टल, हैंडग्रेनेड, समेत कई तरह के हथियार शामिल हैं. इस दौरान एसटीएफ ने 7716 कारतूस भी बरामद किए हैं. एसटीएफ ने हथियारों की बरामदगी उत्तर प्रदेश के लगभग हर जिले से की है, जो इस यह दर्शाता है कि उत्तर प्रदेश में हथियारों की फसल हर जिले में बोई जा रही है.

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यूपी में अधिक हैं खरीददार : रिटायर्ड डिप्टी एसपी श्याम शुक्ला कहते हैं कि ये कहना गलत नहीं होगा कि उत्तर प्रदेश अवैध हथियारों की एक बड़ी मार्केट है. यहां खरीददार भी हैं और बेचने वाले भी, ऐसे में हथियारों की बरामदगी कोई चौंकाने वाली बात नहीं है, हालांकि ये जरूर है कि बीते कुछ वर्षों में यूपी में हथियारों की बरामदगी बढ़ी है. इसका मतलब तस्करी भी बढ़ी ही होगी. जिसे आंकड़े भी साबित कर रहे हैं. एनआईए की छापेमारी भी इसका हिस्सा है. उत्तर प्रदेश में ऐसे हथियारों की भी तस्करी होती है, जिनका इस्तेमाल आतंकी या कुख्यात अपराधी करते हैं. इसलिए ही एनआईए की नजर में यूपी चढ़ा हुआ है.

76 स्थानों पर NIA ने की थी छापेमारी : बीते मंगलवार को एनआईए ने यूपी, पंजाब और हरियाणा समेत 8 राज्यों में छापेमारी की थी. एनआईए के मुताबिक, ये छापेमारी लॉरेंस विश्नोई गैंग, बब्बर खालसा व अन्य गैंगस्टर और आतंकी गिरोहों के गठजोड़ और हथियारों की तस्करी को लेकर को गई थी. एनआईए ने इसको लेकर अगस्त 2020 को स्वतः संज्ञान लेकर मुकदमा भी दर्ज किया था, जिसमें कई गिरफ्तारियां भी हुई थीं. पूछताछ के दौरान यूपी समेत कई राज्यों से इनका लिंक निकला था. एनआईए के अधिकारी ने बताया कि मंगलवार को की गई छापेमारी में पंजाब और हरियाणा से छह लोगों की गिरफ्तारी भी की थी. यही नहीं यूपी में भी कई लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है.

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