लखनऊ: मुख्तार अंसारी के बेटे व विधायक अब्बास अंसारी के शस्त्र लाइसेंस में फर्जीवाड़ा (Fraud in Abbas Ansari arms license) मामले में उसकी अग्रिम जमानत का विरोध करते हुए, राज्य सरकार की ओर से दलील दी गई है कि उसके पास जो असलहे व कारतूस बरामद किए गए हैं वह स्पोर्ट्स शूटिंग में प्रयोग नहीं किए जाते है. शुक्रवार को उसकी अग्रिम जमानत याचिका पर बहस के पश्चात हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने अपना फैसला सुरक्षित कर लिया है.
न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह की एकल पीठ के समक्ष अग्रिम जमानत पर बहस हुई. अभियुक्त की ओर से दलील दी गई कि वह अंतर्राष्ट्रीय स्तर का शूटर है. उसे अपने लाइसेंस पर सात असलहें रखने का अधिकार है. यह भी कहा गया कि शस्त्र लाइसेंस के दिल्ली में स्थानांतरित होने के सम्बंध में वहां के अधिकारियों द्वारा लखनऊ के जिलाधिकारी को पत्राचार किया गया था. लिहाजा यह नहीं कहा जा सकता कि अभियुक्त ने शस्त्र लाइसेंस के स्थानांतरण की बात छुपाई है.
वहीं, अग्रिम जमानत का विरोध करते हुए, राज्य सरकार की ओर से दलील दी गई कि अभियुक्त के पास कुल आठ असलहे बरामद किए गए थे. यही नहीं चार हजार से ज्यादा कारतूस भी बरामद किए गए थे. कहा गया कि जो असलहे व कारतूस बरामद किए गए थे वे मेटल के थे और जिन्हें स्पोर्ट शूटिंग में प्रयोग नहीं किया जा सकता है. अभियुक्त ने इन असलहों को खरीदने के लिए एक ही लाइसेंस के दो यूआईडी का इस्तेमाल किया. कहा गया कि अभियुक्त का आपराधिक इतिहास भी है.
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