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स्वामी प्रसाद मौर्य के निजी सचिव रहे अरमान के एक और जालसाज साथी को STF ने किया गिरफ्तार - सचिवालय में नौकरी

उत्तर प्रदेश के बेरोजगार युवक युवतियों को नौकरी का झांसा (job scam) देकर ठगी करने वाले जालसाज मुनव्वर को यूपी एसटीएफ ने नई दिल्ली से गिरफ्तार किया है. मुनव्वर पूर्व मंत्री व सपा एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य के पूर्व निजी सचिव व ठगी गैंग का मास्टरमाइंड अरमान खान का सहयोगी है.

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Published : Nov 29, 2022, 7:53 AM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के बेरोजगार युवक युवतियों को नौकरी का झांसा (job scam) देकर ठगी करने वाले जालसाज मुनव्वर (forger munawwar) को यूपी एसटीएफ ने नई दिल्ली से गिरफ्तार किया है. मुनव्वर पूर्व मंत्री व सपा एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य के पूर्व निजी सचिव व ठगी गैंग का मास्टरमाइंड अरमान खान का सहयोगी है. एसटीएफ इससे पहले अरमान समेत 4 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है.

एसएसपी STF विशाल विक्रम सिंह (SSP STF Vishal Vikram Singh) ने बताया कि अप्रैल 2022 को राजधानी के हजरतगंज थाने में नौकरी के नाम पर बेरोजगारों से पैसे लेने व फर्जी नियुक्ति पत्र देने के मामले में मुकदमा दर्ज किया गया था. इस मामले में मुख्य आरोपी व स्वामी प्रसाद मौर्य के निजी सचिव रहे अरमान खान व उसके 4 साथी फैजी, असगर, अमित व विशाल को गिरफ्तार किया गया था. एक अन्य आरोपी मुनव्वर फरार चल रहा था. जिसकी तलाश में जुटी टीम को सूचना मिली कि वह शाहबाद नई दिल्ली में अपने रिश्तेदार के घर पर छिपा हुआ है. जिसे सोमवार को गिरफ्तार कर लिया गया है.


एसटीएफ के अनुसार सचिवालय में नौकरी के दिलाने के नाम पर ठगने वाले गिरोह का सरगना व पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य का निजी सचिव अरमान बेरोजगारों से लाखाें रुपये ऐंठता था. अरमान बेरोजगारों को सचिवालय में पूर्व मंत्री के लिए सरकार द्वारा आवंटित कमरे में बुलाकर इंटरव्यू लेता था. तीन ठग खुद को सचिवालयकर्मी बताकर बेरोजगारों से मिलते थे. इसमें विशाल गुप्ता, फैजी व सैफी शामिल थे. यह गिरोह तय रकम का 40 प्रतिशत हिस्सा असगर के खाते में मंगाता था, बाकी नकद लेते थे.


मंत्री के कमरे में लेते थे इंटरव्यू : गिरोह में अरमान के अलावा जामी उर्फ जलील, फैजी, असगर, विशाल गुप्ता, अमित राव, मुन्नवर और सैफी शामिल है. जलील व असगर खान खुद को अरमान का करीबी व सचिवालय कर्मचारी बताकर बेरोजगार युवकों को सचिवालय में ले जाते थे, जहां पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य के कार्यालय में निजी सचिव के ऑफिस में अरमान से मिलवाते थे. इसके बाद उनको विशाल गुप्ता, फैजी व सैफी ने खुद को सचिवालयकर्मी बताते और ब्लैंक चेक व शैक्षिक योग्यता प्रमाण लेकर नियुक्ति पत्र दे देते थे. अरमान का गैंग युवकों को नियुक्ति पत्र देकर कहता था कि बापू भवन में जाइए वहां फैजी आपका प्रवेश पत्र बनवा देगा व तीन महीने तक अवैतनिक ट्रेनिंग होगी. इसके बाद 28500 रुपये प्रति माह वेतन दिया जाएगा. प्रशिक्षण के बाद जब युवक नियुक्ति स्थान पर गए तो पता चला कि उनके साथ फर्जीवाड़ा का खुलासा हुआ.


बापू भवन में बना रखा था फर्जी ट्रेनिंग सेंटर : एसटीएफ के मुताबिक जालसाजों ने बापू भवन में ही फर्जी तरीके से एक कमरे को ट्रेनिंग सेंटर बना रखा था. नौकरी चाहे किसी भी विभाग की हो, ट्रेनिंग बापू भवन में ही होती थी. जहां सभी जालसाज बारी-बारी से प्रशिक्षण देते थे. बेरोजगारों का प्रतिदिन पास बनवाने की जिम्मेदारी सैफी पर रहती थी. इन जालसाजों ने रेलवे भर्ती बोर्ड, गवर्नमेंट ऑफ इंडिया मिनिस्ट्री ऑफ डिफेंस आर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड, एसबीआई, नार्थ सेंट्रल रेलवे, भारत कोकिंग कोल लिमिटेड, मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विसेज ऑफ डिफेंस गवर्नमेंट ऑफ इंडिया जैसे विभागों के जाली नियुक्ति पत्र जारी कर रखे थे.

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के बेरोजगार युवक युवतियों को नौकरी का झांसा (job scam) देकर ठगी करने वाले जालसाज मुनव्वर (forger munawwar) को यूपी एसटीएफ ने नई दिल्ली से गिरफ्तार किया है. मुनव्वर पूर्व मंत्री व सपा एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य के पूर्व निजी सचिव व ठगी गैंग का मास्टरमाइंड अरमान खान का सहयोगी है. एसटीएफ इससे पहले अरमान समेत 4 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है.

एसएसपी STF विशाल विक्रम सिंह (SSP STF Vishal Vikram Singh) ने बताया कि अप्रैल 2022 को राजधानी के हजरतगंज थाने में नौकरी के नाम पर बेरोजगारों से पैसे लेने व फर्जी नियुक्ति पत्र देने के मामले में मुकदमा दर्ज किया गया था. इस मामले में मुख्य आरोपी व स्वामी प्रसाद मौर्य के निजी सचिव रहे अरमान खान व उसके 4 साथी फैजी, असगर, अमित व विशाल को गिरफ्तार किया गया था. एक अन्य आरोपी मुनव्वर फरार चल रहा था. जिसकी तलाश में जुटी टीम को सूचना मिली कि वह शाहबाद नई दिल्ली में अपने रिश्तेदार के घर पर छिपा हुआ है. जिसे सोमवार को गिरफ्तार कर लिया गया है.


एसटीएफ के अनुसार सचिवालय में नौकरी के दिलाने के नाम पर ठगने वाले गिरोह का सरगना व पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य का निजी सचिव अरमान बेरोजगारों से लाखाें रुपये ऐंठता था. अरमान बेरोजगारों को सचिवालय में पूर्व मंत्री के लिए सरकार द्वारा आवंटित कमरे में बुलाकर इंटरव्यू लेता था. तीन ठग खुद को सचिवालयकर्मी बताकर बेरोजगारों से मिलते थे. इसमें विशाल गुप्ता, फैजी व सैफी शामिल थे. यह गिरोह तय रकम का 40 प्रतिशत हिस्सा असगर के खाते में मंगाता था, बाकी नकद लेते थे.


मंत्री के कमरे में लेते थे इंटरव्यू : गिरोह में अरमान के अलावा जामी उर्फ जलील, फैजी, असगर, विशाल गुप्ता, अमित राव, मुन्नवर और सैफी शामिल है. जलील व असगर खान खुद को अरमान का करीबी व सचिवालय कर्मचारी बताकर बेरोजगार युवकों को सचिवालय में ले जाते थे, जहां पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य के कार्यालय में निजी सचिव के ऑफिस में अरमान से मिलवाते थे. इसके बाद उनको विशाल गुप्ता, फैजी व सैफी ने खुद को सचिवालयकर्मी बताते और ब्लैंक चेक व शैक्षिक योग्यता प्रमाण लेकर नियुक्ति पत्र दे देते थे. अरमान का गैंग युवकों को नियुक्ति पत्र देकर कहता था कि बापू भवन में जाइए वहां फैजी आपका प्रवेश पत्र बनवा देगा व तीन महीने तक अवैतनिक ट्रेनिंग होगी. इसके बाद 28500 रुपये प्रति माह वेतन दिया जाएगा. प्रशिक्षण के बाद जब युवक नियुक्ति स्थान पर गए तो पता चला कि उनके साथ फर्जीवाड़ा का खुलासा हुआ.


बापू भवन में बना रखा था फर्जी ट्रेनिंग सेंटर : एसटीएफ के मुताबिक जालसाजों ने बापू भवन में ही फर्जी तरीके से एक कमरे को ट्रेनिंग सेंटर बना रखा था. नौकरी चाहे किसी भी विभाग की हो, ट्रेनिंग बापू भवन में ही होती थी. जहां सभी जालसाज बारी-बारी से प्रशिक्षण देते थे. बेरोजगारों का प्रतिदिन पास बनवाने की जिम्मेदारी सैफी पर रहती थी. इन जालसाजों ने रेलवे भर्ती बोर्ड, गवर्नमेंट ऑफ इंडिया मिनिस्ट्री ऑफ डिफेंस आर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड, एसबीआई, नार्थ सेंट्रल रेलवे, भारत कोकिंग कोल लिमिटेड, मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विसेज ऑफ डिफेंस गवर्नमेंट ऑफ इंडिया जैसे विभागों के जाली नियुक्ति पत्र जारी कर रखे थे.

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