लखनऊः लखीमपुर खीरी के तिकुनिया कांड मामले में गृह राज्य मंत्री के पुत्र आशीष मिश्रा उर्फ मोनू की जमानत याचिका पर शुक्रवार को हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में बहस हुई. न्यायमूर्ति कृष्ण पहल की एकल पीठ के समक्ष मामले के वादी पक्ष की ओर से अधिवक्ता ने बहस की. वादी पक्ष की ओर से याचिका का विरोध करते हुए दलीलें दी गईं. कहा गया कि गवाह के बयान में यह बात सामने आ चुकी है कि घटना के वक्त आशीष मिश्रा मौजूद था व अपनी थार गाड़ी से फायरिंग कर रहा था. समय न होने के कारण मामले की सुनवाई पूरी नहीं हो सकी. न्यायालय ने अगली सुनवाई के लिए 11 जुलाई की तिथि तय की है.
वादी पक्ष की ओर से दलील दी गई कि मामले के सह-अभियुक्त अंकित दास व अन्य की जमानत याचिकाएं न्यायालय द्वारा खारिज की जा चुकी हैं. गवाहों के बयानों को उद्धत करते हुए यह भी दलील दी गई कि जिस टैक्सी से अंकित दास खीरी से निकला था, उस टैक्सी ड्राइवर ने भी बयान दिया है कि रास्ते में अंकित दास घटना के बारे में फोन पर बात कर रहा था. उक्त बातचीत से आशीष मिश्रा पर लगे आरोपों की पुष्टि होती है. वहीं गवाह द्वारा अंकित दास के गनर लतीफ की बातचीत का भी उल्लेख किया गया. इसके पूर्व वादी पक्ष की ओर से यह भी दलील दी जा चुकी है कि मामले में जांच के बाद कुछ धाराएं बढा दी गई थीं. बढी हुई धाराओं में जमानत अर्जी बिना सत्र अदालत में दाखिल किए, अभियुक्त ने सीधा हाईकोर्ट में वर्तमान याचिका दाखिल कर दी है.
बता दें कि तीन अक्टूबर 2021 को लखीमपुर खीरी जिले के तिकुनिया में किसान आंदोलन कर रहे थे. आरोप है कि आंदोलनकारी किसानों पर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के बेटे आशीष मिश्र मोनू ने अपने साथियों के साथ थार जीप चढ़ाकर मौत के घाट उतार दिया था. चार किसानों और एक पत्रकार की हत्या में आशीष मिश्र और 13 अन्य आरोपी जेल भेजे गए. वहीं, तीन बीजेपी कार्यकर्ताओं की भी पीट पीटकर हत्या कर दी गई थी.
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